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रियलिटी चेक: सूचना झूठी हो या सच्ची, दौड़ पड़ी यूपी 112 की पीआरवी

ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में यह बात सामने आई कि आपातकालीन सेवा 112 के पास पहुंचने वाली कॉल्स झूठी हों या सच्ची, लेकिन कॉल आते ही पीआरवी सायरन बजाते हुए मदद के लिए दौड़ पड़ती है. इसको लेकर देखिए हमारी ये खास रिपोर्ट...

reality check
ईटीवी भारत का रियलिटी चेक.
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Published : Apr 24, 2020, 5:20 PM IST

Updated : Apr 24, 2020, 8:32 PM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले रखा है और सभी देश अपने-अपने तरीके से इसके खिलाफ जंग लड़ते दिखाई दे रहे हैं. इस लड़ाई में कोरोना वॉरियर्स का हिस्सा बनी उत्तर प्रदेश पुलिस दिन-रात लोगों को मदद पहुंचाने में जुटी हुई है. इसी क्रम में लॉकडाउन के बीच यूपी पुलिस की डायल 112 सेवा अहम भूमिका निभा रही है. ऐसे में पुलिस की ये भूमिका इस संकटकाल में इन्हें नायक के रूप में लाकर खड़ा कर दिया है.

ईटीवी भारत का रियलिटी चेक.

लॉकडाउन के समय आपातकालीन सेवा 112 किस प्रकार से काम करती है, इसको लेकर ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक किया. ईटीवी भारत की टीम सबसे पहले पुलिस लाइन स्थित आपातकालीन सेवा 112 के कंट्रोल रूम में पहुंची, जहां पर सब इंस्पेक्टर अर्जुन अपनी टीम के साथ कंप्यूटर पर पूरी मॉनिटरिंग करते हुए नजर आए. वह देख रहे थे कि कौन सी कॉल पर पुलिस कितनी देर में पहुंची और कुल मिलाकर क्या रिस्पांस रहा.

वहीं इसके बाद ईटीवी भारत की टीम पुलिस लाइन स्थित आपातकालीन सेवा 112 के कंट्रोल रूम में पहुंची, जहां से 112 आपात सेवा की पूरी मॉनिटरिंग होती है. दरअसल यहां जो कॉल इवेंट आती है, उस पर नजर रखी जाती है कि संबंधित व्यक्ति के पास कितनी देर में पीआरवी (पुलिस रिस्पांस वेहिकल) पहुंचती है और उनकी मदद की जाती है.

ये भी पढ़ें- कोरोना के 20 से अधिक केस वाले जिलों में नोडल अफसर तैनात करेगी सरकार

हर एक सूचना की होती है मॉनिटरिंग
सब इंस्पेक्टर अर्जुन ने बताया कि कोई भी व्यक्ति कोई सूचना दी तो मुख्यालय के पास जाती है. मुख्यालय से जो नजदीकी पीआरवी होती है, उसे सूचना जीपीएस सिस्टम के माध्यम से दी जाती है. वह सूचना हम लोगों के पास भी आती है और हम उसकी मॉनिटरिंग करते हैं. अगर पीआरवी ने कॉल नहीं देखा तो हम उसे यहां से फोन करके भी सूचित करते हैं कि संबंधित कॉल देखें और लोगों की मदद करें.

मिलता है क्विक रिस्पांस
इस दौरान एक सूचना मिलती है कि परिवर्तन चौक के पास पब्लिक इकट्ठा हुई है. इस सूचना पर पीआरवी नंबर 1194 वहां मूव करती है. पीआरवी 119 में तैनात पुलिसकर्मी ने बताया कि लॉकडाउन उल्लंघन की शिकायत हमारे पास आई है. अब सूचना पर मैं अपने पायलट के साथ जा रहा हूं.

ये भी पढ़ें- योगी सरकार बड़ा ऐलान, कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए मंडी नियमों में छूट

पीआरवी को देख भाग खड़े हुए लोग
इसके बाद पीआरवी 1194 जहां से सूचना आई है यानी शनि मंदिर के पास पहुंचती है और कॉल करने वाले व्यक्ति को फोन करती है. मौके पर फोन करने वाले व्यक्ति आते हैं और पुलिस उससे बातचीत करती है. इस दौरान जब पुलिस पहुंचती है तब तक वहां एकत्रित पुलिस की गाड़ी के सायरन सुनकर भाग खड़े होते हैं. मौके पर पुलिस पहुंचती है, लेकिन कॉल करने वाले सुनील कुमार बताते हैं कि जो लोग यहां पर एकत्रित थे, वे अब यहां से जा चुके हैं. अब यहां पर सब ठीक है और किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. शिकायतकर्ता का कहना था कि वे लोग पुलिस की गाड़ी देखकर चले गए.

10 मिनट में घटनास्थल पर पहुंची पीआरवी
परिवर्तन चौक स्थित शनि मंदिर के पास से आपातकालीन सेवा 112 के पास जो कॉल आई. मौके पर पुलिस करीब 10 मिनट में पहुंचती है, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले सायरन सुनकर सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर रहे लोग वहां से जा चुके होते हैं.

लखनऊ: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले रखा है और सभी देश अपने-अपने तरीके से इसके खिलाफ जंग लड़ते दिखाई दे रहे हैं. इस लड़ाई में कोरोना वॉरियर्स का हिस्सा बनी उत्तर प्रदेश पुलिस दिन-रात लोगों को मदद पहुंचाने में जुटी हुई है. इसी क्रम में लॉकडाउन के बीच यूपी पुलिस की डायल 112 सेवा अहम भूमिका निभा रही है. ऐसे में पुलिस की ये भूमिका इस संकटकाल में इन्हें नायक के रूप में लाकर खड़ा कर दिया है.

ईटीवी भारत का रियलिटी चेक.

लॉकडाउन के समय आपातकालीन सेवा 112 किस प्रकार से काम करती है, इसको लेकर ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक किया. ईटीवी भारत की टीम सबसे पहले पुलिस लाइन स्थित आपातकालीन सेवा 112 के कंट्रोल रूम में पहुंची, जहां पर सब इंस्पेक्टर अर्जुन अपनी टीम के साथ कंप्यूटर पर पूरी मॉनिटरिंग करते हुए नजर आए. वह देख रहे थे कि कौन सी कॉल पर पुलिस कितनी देर में पहुंची और कुल मिलाकर क्या रिस्पांस रहा.

वहीं इसके बाद ईटीवी भारत की टीम पुलिस लाइन स्थित आपातकालीन सेवा 112 के कंट्रोल रूम में पहुंची, जहां से 112 आपात सेवा की पूरी मॉनिटरिंग होती है. दरअसल यहां जो कॉल इवेंट आती है, उस पर नजर रखी जाती है कि संबंधित व्यक्ति के पास कितनी देर में पीआरवी (पुलिस रिस्पांस वेहिकल) पहुंचती है और उनकी मदद की जाती है.

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हर एक सूचना की होती है मॉनिटरिंग
सब इंस्पेक्टर अर्जुन ने बताया कि कोई भी व्यक्ति कोई सूचना दी तो मुख्यालय के पास जाती है. मुख्यालय से जो नजदीकी पीआरवी होती है, उसे सूचना जीपीएस सिस्टम के माध्यम से दी जाती है. वह सूचना हम लोगों के पास भी आती है और हम उसकी मॉनिटरिंग करते हैं. अगर पीआरवी ने कॉल नहीं देखा तो हम उसे यहां से फोन करके भी सूचित करते हैं कि संबंधित कॉल देखें और लोगों की मदद करें.

मिलता है क्विक रिस्पांस
इस दौरान एक सूचना मिलती है कि परिवर्तन चौक के पास पब्लिक इकट्ठा हुई है. इस सूचना पर पीआरवी नंबर 1194 वहां मूव करती है. पीआरवी 119 में तैनात पुलिसकर्मी ने बताया कि लॉकडाउन उल्लंघन की शिकायत हमारे पास आई है. अब सूचना पर मैं अपने पायलट के साथ जा रहा हूं.

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पीआरवी को देख भाग खड़े हुए लोग
इसके बाद पीआरवी 1194 जहां से सूचना आई है यानी शनि मंदिर के पास पहुंचती है और कॉल करने वाले व्यक्ति को फोन करती है. मौके पर फोन करने वाले व्यक्ति आते हैं और पुलिस उससे बातचीत करती है. इस दौरान जब पुलिस पहुंचती है तब तक वहां एकत्रित पुलिस की गाड़ी के सायरन सुनकर भाग खड़े होते हैं. मौके पर पुलिस पहुंचती है, लेकिन कॉल करने वाले सुनील कुमार बताते हैं कि जो लोग यहां पर एकत्रित थे, वे अब यहां से जा चुके हैं. अब यहां पर सब ठीक है और किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. शिकायतकर्ता का कहना था कि वे लोग पुलिस की गाड़ी देखकर चले गए.

10 मिनट में घटनास्थल पर पहुंची पीआरवी
परिवर्तन चौक स्थित शनि मंदिर के पास से आपातकालीन सेवा 112 के पास जो कॉल आई. मौके पर पुलिस करीब 10 मिनट में पहुंचती है, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले सायरन सुनकर सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर रहे लोग वहां से जा चुके होते हैं.

Last Updated : Apr 24, 2020, 8:32 PM IST
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