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सरकार से लेकर WHO ने झोंकी ताकत, फिर भी एक लाख कम हो सके टेस्ट

उत्तर प्रदेश में कोरोना के खिलाफ गांवों में विशेष अभियान चलाया गया. इस दौरान संदिग्ध मरीजों की घर-घर जाकर कोरोना जांच की गई. सरकार से लेकर डब्ल्यूएचओ तक ने इसमें पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात ही साबित हुए. देखिए ये रिपोर्ट...

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Published : May 13, 2021, 2:08 PM IST

Updated : May 14, 2021, 6:00 AM IST

who and up government corona test campaign
यूपी सरकार और डब्ल्यूएचओ का कोरोना टेस्ट अभियान.

लखनऊ: यूपी में कोरोना के खिलाफ गांव-गांव विशेष अभियान छेड़ा गया. इसमें संदिग्ध मरीजों की घर-घर तलाश कर टेस्ट किया गया. सरकार से लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पूरी ताकत झोंक दी. यही नहीं, सरकारी सिस्टम व संस्था ने अभियान को अनोखा बताते हुए पीठ भी थपथपा डाली. मगर, जब जांच के आंकड़ों की पड़ताल की गई तो अभियान के दौरान किए गए कोरोना टेस्ट रूटीन में जुटाए जा रहे सैम्पल से भी कम निकले.

5 से 9 मई तक चला अभियान
राज्य में 5 मई को कोरोना के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया. यह अभियान 97 हजार राजस्व ग्रामों में चला. नौ मई तक चले अभियान में 97 हजार ग्राम समितियां व पांच हजार रैपिड रिस्पांस टीम की तैनाती का दावा किया गया. साथ ही डब्ल्यूएचओ ने भी वेबसाइट पर अभियान को अनोखा बताकर दुनिया भर में पीठ थपथपाई. आर्टिकल में लगी फोटो में डब्ल्यूएचओ की टीम को भी गांव स्तर पर भ्रमण करते दिखाया गया. ऐसे में इस वृहद अभियान की ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो यह अभियान जांच टीम के दैनिक कामों से भी कम निकला. स्थिति यह है कि 30 अप्रैल से चार मई तक जहां पांच दिन में 12 लाख 67 हजार 661 टेस्ट हेल्थ टीम ने किए. वहीं गांवों में पांच दिन चले अभियान में 11 लाख 63 हजार 669 टेस्ट किए गए.

ये भी पढ़ें: प्रशासन की पोल खोलतीं लाशें, दफन करने के लिए नहीं बची जगह

चार लाख से ज्यादा संदिग्ध, 4500 में मिला कोरोना
अभियान में चार लाख से ज्यादा कोरोना के संदिग्ध मरीज मिले. इनमें बुखार, जुकाम, खांसी की दिक्कतें रहीं. इनका टेस्ट जारी है. वहीं 4500 में कोरोना की पुष्टि हुई.

अभियान से पहले कोरोना टेस्ट

माहटेस्टमरीजमौत
30 अप्रैल2,66,31634,626332
1 मई2,66,32630,317 303
2 मई2,97,02130,983 290
3 मई2,29,44029,192288
4 मई 2,08, 55825,858352


कुल दिन-5

टेस्ट-12 लाख 67 हजार 661

अभियान में कोरोना टेस्ट

माहटेस्टमरीजमौत
5 मई2,32,03831,165357
6 मई2,25,67026,780353
7 मई2,41,40328,076372
8 मई2,23,15526,847298
9 मई2,41,403 23, 333296

कुल दिन-5

टेस्ट-11 लाख 63 हजार 669

डब्ल्यूएचओ की टीम टेस्टिंग में नहीं लगाई गई. संस्था ने सिर्फ माइक्रो प्लान बनाने, स्टाफ ट्रेनिंग व टेक्निकल सपोर्ट किया. टेस्टिंग कितनी करनी थी, कितनी हुई. यह डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट व सीएमओ को देखना था.
-डॉ. अमिताभ वाजपेयी, स्टेट हेड, डब्ल्यूएचओ


अभियान में पर्याप्त टेस्टिंग हुई. गांव में संक्रमण रोकने के लिये यह जरूरी था. इसके लिए 10 लाख एंटीजन किट दी गई थीं. इस दौरान कोरोना के केस घटे. ऐसे में कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग में कमी आना स्वाभाविक है. लिहाजा, अभियान के दौरान भी टेस्ट का आंकड़ा उसी के आसपास रहा.
-डॉ. डीएस नेगी, डीजी हेल्थ

लखनऊ: यूपी में कोरोना के खिलाफ गांव-गांव विशेष अभियान छेड़ा गया. इसमें संदिग्ध मरीजों की घर-घर तलाश कर टेस्ट किया गया. सरकार से लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पूरी ताकत झोंक दी. यही नहीं, सरकारी सिस्टम व संस्था ने अभियान को अनोखा बताते हुए पीठ भी थपथपा डाली. मगर, जब जांच के आंकड़ों की पड़ताल की गई तो अभियान के दौरान किए गए कोरोना टेस्ट रूटीन में जुटाए जा रहे सैम्पल से भी कम निकले.

5 से 9 मई तक चला अभियान
राज्य में 5 मई को कोरोना के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया. यह अभियान 97 हजार राजस्व ग्रामों में चला. नौ मई तक चले अभियान में 97 हजार ग्राम समितियां व पांच हजार रैपिड रिस्पांस टीम की तैनाती का दावा किया गया. साथ ही डब्ल्यूएचओ ने भी वेबसाइट पर अभियान को अनोखा बताकर दुनिया भर में पीठ थपथपाई. आर्टिकल में लगी फोटो में डब्ल्यूएचओ की टीम को भी गांव स्तर पर भ्रमण करते दिखाया गया. ऐसे में इस वृहद अभियान की ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो यह अभियान जांच टीम के दैनिक कामों से भी कम निकला. स्थिति यह है कि 30 अप्रैल से चार मई तक जहां पांच दिन में 12 लाख 67 हजार 661 टेस्ट हेल्थ टीम ने किए. वहीं गांवों में पांच दिन चले अभियान में 11 लाख 63 हजार 669 टेस्ट किए गए.

ये भी पढ़ें: प्रशासन की पोल खोलतीं लाशें, दफन करने के लिए नहीं बची जगह

चार लाख से ज्यादा संदिग्ध, 4500 में मिला कोरोना
अभियान में चार लाख से ज्यादा कोरोना के संदिग्ध मरीज मिले. इनमें बुखार, जुकाम, खांसी की दिक्कतें रहीं. इनका टेस्ट जारी है. वहीं 4500 में कोरोना की पुष्टि हुई.

अभियान से पहले कोरोना टेस्ट

माहटेस्टमरीजमौत
30 अप्रैल2,66,31634,626332
1 मई2,66,32630,317 303
2 मई2,97,02130,983 290
3 मई2,29,44029,192288
4 मई 2,08, 55825,858352


कुल दिन-5

टेस्ट-12 लाख 67 हजार 661

अभियान में कोरोना टेस्ट

माहटेस्टमरीजमौत
5 मई2,32,03831,165357
6 मई2,25,67026,780353
7 मई2,41,40328,076372
8 मई2,23,15526,847298
9 मई2,41,403 23, 333296

कुल दिन-5

टेस्ट-11 लाख 63 हजार 669

डब्ल्यूएचओ की टीम टेस्टिंग में नहीं लगाई गई. संस्था ने सिर्फ माइक्रो प्लान बनाने, स्टाफ ट्रेनिंग व टेक्निकल सपोर्ट किया. टेस्टिंग कितनी करनी थी, कितनी हुई. यह डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट व सीएमओ को देखना था.
-डॉ. अमिताभ वाजपेयी, स्टेट हेड, डब्ल्यूएचओ


अभियान में पर्याप्त टेस्टिंग हुई. गांव में संक्रमण रोकने के लिये यह जरूरी था. इसके लिए 10 लाख एंटीजन किट दी गई थीं. इस दौरान कोरोना के केस घटे. ऐसे में कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग में कमी आना स्वाभाविक है. लिहाजा, अभियान के दौरान भी टेस्ट का आंकड़ा उसी के आसपास रहा.
-डॉ. डीएस नेगी, डीजी हेल्थ

Last Updated : May 14, 2021, 6:00 AM IST
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