लखनऊ : पिछले काफी समय से ओबीसी वर्ग के छात्रों की तरफ से मेडिकल एजुकेशन में आरक्षण दिये जाने की मांग हो रही थी. आरक्षण ना मिलने के विरोध में छात्र प्रदर्शन भी कर रहे थे. ऐसे में छात्रों की नाराजगी दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है.
केंद्र सरकार ने मेडिकल और डेंटल शिक्षा में OBC वर्ग के छात्रों के लिए 27 फीसदी और कमजोर आय वर्ग EWS के छात्रों के लिये 10 फीसदी आरक्षण का ऐलान किया है. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार केंद्र सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को फायदा होगा.
राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर एपी तिवारी कहते हैं कि मेडिकल शिक्षा में गरीबों और पिछड़ों को आरक्षण देने का फैसला एक ठोस कदम है. इससे कमजोर तबके के युवाओं को चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान देने का रास्ता खुलेगा. वह कहते हैं कि इस फैसले का असर विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा और इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा.
प्रोफेसर रविकांत कहते हैं कि केंद्र सरकार ने OBC और EWS वर्ग के छात्रों के लिये आरक्षण देने का जो ऐलान किया है, वह काफी समय से छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए किया है. रविकांत कहते हैं कि पिछले करीब 3 वर्षों के दौरान मेडिकल प्रवेश परीक्षा में ओबीसी के छात्रों को करीब 25 हजार सीटों का नुकसान हुआ. लगातार विरोध प्रदर्शन को देखते हुए आगामी विधानसभा चुनाव के पहले इस फैसले को वह एक बड़ा कदम बताते हैं. वह कहते हैं कि यह विशुद्ध रुप से एक राजनैतिक फैसला है और इसका असर आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिलेगा. वहीं पीएम मोदी ने इस फैसले पर ट्वीट कर कहा है कि इस फैसले से मेडिकल क्षेत्र में आने वाले छात्रों को काफी मदद मिलेगी.
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