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साढ़े चार सालों में स्टाम्प विभाग का राजस्व 1.5 गुना बढ़ा : रविन्द्र जायसवाल

स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण विदेश के लोग प्रदेश में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं. मंत्री ने बताया कि पिछले 4 वर्षों में उत्तरोतर वृद्धि करते हुए स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 16532.56 करोड़ रुपये का सकल राजस्व प्राप्त हुआ है.

स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल.
स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल.
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Published : Sep 8, 2021, 4:14 AM IST

लखनऊः स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा है और नित्य नई ऊंचाईयों को प्राप्त कर रहा है. सरकार की नीतियों के कारण विदेश के लोग प्रदेश में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं. मंत्री ने यह बात मंगलवार को तिलक हॉल में साढ़े चार साल की विभागीय उपलब्धियों के सम्बंध में प्रेसवार्ता के दौरान कही. मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार को विरासत में मिले भ्रष्टाचार, भय एवं आतंक के माहौल के खिलाफ कानून, व्यवस्था को सुदृढ़ किया. जिससे लोगों ने अपने आशियाने बनाये और निवेशकों ने अधिक से अधिक निवेश किया, जिसकी वजह से प्रदेश में रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या बढ़ी है. साथ ही निबंधित लेख पत्रों की संख्या में 5.75 लाख की वृद्धि भी हुई है.

मंत्री जायसवाल ने बताया कि पिछली सरकार की नीतियों के कारण वित्तीय वर्ष 2016- 2017 में जहां स्टाम्प एवं निबंधन विभाग को 11613.84 करोड़ रुपये सकल राजस्व की प्राप्ति हुई थी. वहीं पिछले 4 वर्षों में उत्तरोतर वृद्धि करते हुए विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 16532.56 करोड़ रुपये का सकल राजस्व प्राप्त किया. इसके साथ ही करोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश भर के निवेशकों ने प्रदेश की नीतियों पर भरोसा दिखाते हुए निवेश किया और प्रदेश को निवेश की राजधानी बनाया है.
स्टाम्प मंत्री ने कहा कि दिसम्बर, 2017 से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रणाली लागू किये जाने के फलस्वरूप आम जनमानस को विलेखों के निबन्धन में सुगमता हुई है. सभी उप निबन्धक कार्यालयों में लैपटाप उपलब्ध कराये जाने से अशक्त एवं दिव्यांगजनों को निबन्धन की सुविधा भूतल पर उपलब्ध कराई गई है. निबन्धन शुल्क दो प्रतिशत से एक प्रतिशत किये जाने से निम्न एवं मध्यम वर्ग को राहत प्राप्त हुई है. भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से ऑनलाइन निबन्धन शुल्क भुगतान की सुविधा उपलब्ध करायी गई है. उन्होंने कहा कि निबन्धन कार्यालयों में विलेखों के निबन्धन के लिए एसएमएस आधारित अप्वाइन्टमेंट सिस्टम लागू किया गया है, जिससे कोविड काल में भीड़-भाड़ को नियोजित करने में सफलता प्राप्त हुई है.

इसे भी पढ़ें-सपा-बसपा की हिंदू और मुस्लिम की राजनीति में किसानों ने ठोंका कीलः ओमप्रकाश राजभर

स्टाम्प मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा प्रदत्त सेवाओं यथा-सम्पत्ति पंजीकरण, विवाह पंजीकरण, भारमुक्त प्रमाण-पत्र, अप्रयुक्त स्टाम्प शुल्क वापसी के प्रकरण इत्यादि को जनसामान्य को समयबद्ध तरीके से इलेक्ट्रानिकली उपलब्ध कराये जाने हेतु विभागीय पोर्टल को राज्य सरकार के कामन पोर्टल एवं निवेश मित्र पोर्टल से एकीकृत कर दिया गया है. इससे विभागीय सेवायें जनता को आसानी से उपलब्ध करायी जा रही हैं. मंत्री ने कहा कि ई-स्टाम्पिंग व्यवस्था लागू करने से जहं एक तरफ सामान्य जन को स्टाम्प आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ ई-स्टाम्प जारी करने हेतु बैंकों तथा स्टाम्प वेण्डर्स को अधिकृत कर रोजगार के नये अवसर विकसित किये गये हैं. वर्तमान में सभी धनराशि के ई-स्टाम्प निर्गत किये जाने की व्यवस्था की गई है. प्रदेश में विभाग में दस्तावेजों को डिजिटल करने का कार्य प्रारंभ किया और तीन जिलों (बाराबंकी अम्बेडकर नगर तथा श्रावस्ती) के दस्तावेजो को पूरी तरह से डिजिटल किया जा चुका है. प्रदेश के अन्य जिले के दस्तावेजो को भी डिजिटल करने का कार्य प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार सालों में प्रदेश में सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की गयी है, जिससे जनता ने राहत का अनुभव किया है.

लखनऊः स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा है और नित्य नई ऊंचाईयों को प्राप्त कर रहा है. सरकार की नीतियों के कारण विदेश के लोग प्रदेश में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं. मंत्री ने यह बात मंगलवार को तिलक हॉल में साढ़े चार साल की विभागीय उपलब्धियों के सम्बंध में प्रेसवार्ता के दौरान कही. मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार को विरासत में मिले भ्रष्टाचार, भय एवं आतंक के माहौल के खिलाफ कानून, व्यवस्था को सुदृढ़ किया. जिससे लोगों ने अपने आशियाने बनाये और निवेशकों ने अधिक से अधिक निवेश किया, जिसकी वजह से प्रदेश में रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या बढ़ी है. साथ ही निबंधित लेख पत्रों की संख्या में 5.75 लाख की वृद्धि भी हुई है.

मंत्री जायसवाल ने बताया कि पिछली सरकार की नीतियों के कारण वित्तीय वर्ष 2016- 2017 में जहां स्टाम्प एवं निबंधन विभाग को 11613.84 करोड़ रुपये सकल राजस्व की प्राप्ति हुई थी. वहीं पिछले 4 वर्षों में उत्तरोतर वृद्धि करते हुए विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 16532.56 करोड़ रुपये का सकल राजस्व प्राप्त किया. इसके साथ ही करोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश भर के निवेशकों ने प्रदेश की नीतियों पर भरोसा दिखाते हुए निवेश किया और प्रदेश को निवेश की राजधानी बनाया है.
स्टाम्प मंत्री ने कहा कि दिसम्बर, 2017 से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रणाली लागू किये जाने के फलस्वरूप आम जनमानस को विलेखों के निबन्धन में सुगमता हुई है. सभी उप निबन्धक कार्यालयों में लैपटाप उपलब्ध कराये जाने से अशक्त एवं दिव्यांगजनों को निबन्धन की सुविधा भूतल पर उपलब्ध कराई गई है. निबन्धन शुल्क दो प्रतिशत से एक प्रतिशत किये जाने से निम्न एवं मध्यम वर्ग को राहत प्राप्त हुई है. भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से ऑनलाइन निबन्धन शुल्क भुगतान की सुविधा उपलब्ध करायी गई है. उन्होंने कहा कि निबन्धन कार्यालयों में विलेखों के निबन्धन के लिए एसएमएस आधारित अप्वाइन्टमेंट सिस्टम लागू किया गया है, जिससे कोविड काल में भीड़-भाड़ को नियोजित करने में सफलता प्राप्त हुई है.

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स्टाम्प मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा प्रदत्त सेवाओं यथा-सम्पत्ति पंजीकरण, विवाह पंजीकरण, भारमुक्त प्रमाण-पत्र, अप्रयुक्त स्टाम्प शुल्क वापसी के प्रकरण इत्यादि को जनसामान्य को समयबद्ध तरीके से इलेक्ट्रानिकली उपलब्ध कराये जाने हेतु विभागीय पोर्टल को राज्य सरकार के कामन पोर्टल एवं निवेश मित्र पोर्टल से एकीकृत कर दिया गया है. इससे विभागीय सेवायें जनता को आसानी से उपलब्ध करायी जा रही हैं. मंत्री ने कहा कि ई-स्टाम्पिंग व्यवस्था लागू करने से जहं एक तरफ सामान्य जन को स्टाम्प आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ ई-स्टाम्प जारी करने हेतु बैंकों तथा स्टाम्प वेण्डर्स को अधिकृत कर रोजगार के नये अवसर विकसित किये गये हैं. वर्तमान में सभी धनराशि के ई-स्टाम्प निर्गत किये जाने की व्यवस्था की गई है. प्रदेश में विभाग में दस्तावेजों को डिजिटल करने का कार्य प्रारंभ किया और तीन जिलों (बाराबंकी अम्बेडकर नगर तथा श्रावस्ती) के दस्तावेजो को पूरी तरह से डिजिटल किया जा चुका है. प्रदेश के अन्य जिले के दस्तावेजो को भी डिजिटल करने का कार्य प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार सालों में प्रदेश में सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की गयी है, जिससे जनता ने राहत का अनुभव किया है.

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