लखनऊ: देशभर में विजयदशमी का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. वहीं बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में रावण का दहन किया जाता है, लेकिन राजधानी में एक शख्स ऐसा भी है जो आज के दिन रावण की पूजा करता है. लखनऊ के चौक क्षेत्र में रानी कटरा में चारों धाम का एक मंदिर है. इस मंदिर में बाहर रामेश्वरम महादेव का मंदिर है, फिर अंदर ही लंका बनी हुई है. यहां पर रावण का दरबार भी लगता है. इस मंदिर में पिछले 32 सालों से विष्णु त्रिपाठी उर्फ लंकेश रावण की पूजा करते आ रहे हैं. रविवार को उन्होंने पहले घर पर ही रावण संहिता और गोबर के बने हुए रावण का पूजन किया. फिर चारोधाम मंदिर पहुंचे और विधिवत रावण की पूजा की.
राजधानी के इस मंदिर में होती है रावण की पूजा
लखनऊ के चौक क्षेत्र में रानी कटरा में स्थित चारों धाम का मंदिर है. यह मंदिर आज से 125 साल पहले लाला कुंदन लाल कुंज बिहारी लाल के द्वारा बनवाया गया था. इस मंदिर में सभी देवी देवताओं के साथ-साथ रावण का भी मंदिर है. यहां रावण का दरबार लगता है, क्योंकि रावण के 10 सिर वाले मूर्ति के अगल-बगल उसके मंत्री भी बैठे हुए दिखाई देते हैं. वहीं राजधानी में अकेले विष्णु त्रिपाठी ही रावण के पुजारी हैं. आज के दिन उन्होंने मन्दिर पहुंचकर विधिवत रूप से रावण की पूजा की. असल में वह रामलीला में 42 सालों से रावण का किरदार निभा रहे हैं, जिसके चलते राज्यपाल ने उन्हें लंकेश की उपाधि भी प्रदान की है. लेकिन हकीकत में भी वह रावण के पुजारी हैं और बहुत बड़े प्रशंसक भी हैं.
42 सालों बाद टूटी है दाढ़ी बनवाने की परंपरा
इस बार कोरोना के संक्रमण के चलते श्री पब्लिक बाल रामलीला समिति में 42 सालों से रावण का किरदार निभा रहे विष्णु त्रिपाठी के आज के दिन दाढ़ी बनाने की परंपरा टूट गई. क्योंकि इस बार रामलीला का आयोजन नहीं किया जा रहा है. इसके पहले वह हर साल आज के दिन रावण पूजा से पहले दाढ़ी बनवाते थे और फिर रामलीला में रावण का जीवंत अभिनय करते थे.
विष्णु त्रिपाठी उर्फ लंकेश ने बताया कि वह अकेले ऐसे व्यक्ति हैं, जो पिछले 32 सालों से रावण की पूजा करते आ रहे हैं. उन्होंने पहले घर पर रावण संहिता और गोबर से बने हुए रावण की पूजा की. फिर चारों धाम मंदिर पहुंचकर रावण की विधिवत पूजा की. उनके अनुसार रावण बुरा इंसान नहीं, बल्कि विद्वान इंसान था. वह तो भगवान नारायण की माया थी, जिसके चलते उसे बुरा बनना पड़ा.