लखनऊ: भारत सरकार की 'वन नेशन वन कार्ड' योजना के तहत राष्ट्रीय राशन पोर्टेबिलिटी की शुरुआत 1 मई से की जा रही है. इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश का कोई लाभार्थी अन्य राज्य से तथा राज्य का कोई भी लाभार्थी उत्तर प्रदेश में एनएफएसए के तहत बने किसी भी राशन कार्ड की संख्या मात्र बता कर राशन ले सकता है.
यह सुविधा आधार कार्ड आधारित वितरण एवं पिछले छह माह से सक्रिय राशन कार्डों पर ही होगी. खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा कोविड-19 महामारी की विषम परिस्थितियों के चलते लागू लॉकडाउन से प्रभावित श्रमिकों की सुविधा के लिए यह योजना शुरू की जा रही है.
फिलहाल उत्तर प्रदेश सहित 16 राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश दादरा नगर हवेली के लाभार्थी आपस में राशन पोर्टबिलिटी का लाभ उठा सकेंगे. प्रवासी मजदूरों को इस योजना का विशेष लाभ मिलेगा. उत्तर प्रदेश में राशन पोर्टेबिलिटी सुविधा का परीक्षण पूर्व में ही किया जा चुका है. इस सुविधा के अंतर्गत करीब सात लाख राशन कार्ड धारक अन्य उचित दर की दुकान से राशन प्राप्त कर चुके हैं.
एक मई से सामान्य वितरण चक्र में गेहूं और चावल दोनों वितरित होगा. अंत्योदय कार्ड धारकों, श्रमिकों, मजदूरों के लिए वितरण निशुल्क होगा. 15 तारीख से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत निशुल्क वितरण शुरू किया जाएगा. जिसमें सभी कार्ड धारकों को उनके राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों के आधार पर प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल निशुल्क दिया जाएगा.
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कोरोना की विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखकर अब तक करीब 3.8 लाख नए राशन कार्ड बनाए गए हैं. ताकि मजदूर, मनरेगा श्रमिक तथा अन्य जरूरतमंदों को राशन मिल सके. इन सबको भी राशन 15 अप्रैल से मिल रहा है. दिव्यांग/ निशक्तजनों तथा हॉटस्पॉट स्थिति में राशन की होम डिलीवरी की जा रही है. कोई भी लाभार्थी केवल अपना राशन कार्ड संख्या बताकर किसी भी उचित दर दुकान से राशन ले सकता है.