लखनऊ: लखनऊ में बलरामपुर अस्पताल में हाथ के पंजे की दुर्लभ सर्जरी (Rare hand claw surgery at Balrampur Hospital in Lucknow) की गयी है. बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ एके सिंह द्वारा की गयी इस सर्जरी में बायें हाथ के पंजे पर नसों के गुच्छे को सर्जरी से हटाया गया. डॉ सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने डॉक्टरी जीवन में पहली बार इस तरह की दिक्कत देखी है. इस केस को मेडिकल जर्नल में प्रकाशित करने के लिए भेजा जा रहा है.
डॉ सिंह के अनुसार बीती 19 अगस्त को बलरामपुर चिकित्सालय में 42 वर्षीय शगुफ्ता परवीन नाम की रोगी सर्जरी विभाग की ओपीडी में आयी थीं. उनके बाएं हाथ के अंगूठे के नीचे तथा पंजे पर नसों का गुच्छा लगभग 20X45 सेंटीमीटर क्षेत्र में फैला हुआ था. मरीज दूसरे अस्पतालों लगभग एक साल तक इलाज कराने के बाद बलरामपुर चिकित्सालय पहुंची थी. उनकी तब तक कोई भी डायग्नोसिस नहीं बन पायी थी.
डॉ सिंह के अनुसार यह गुच्छा पैरों की नसों की बीमारी वेरीकोज वेन्स जैसी लग रहा था. निदेशक डॉ एके सिंह द्वारा मरीज को भर्ती कराया तथा सभी ज़रूरी जांच को करने के उपरांत मरीज की शल्य क्रिया स्वयं निदेशक डॉ. सिंह एवं उनकी टीम ने की. शल्य क्रिया के बाद मरीज की नसों का गुच्छा पूरी तरह ठीक हो गया और मरीज के सारे लक्षण जो शल्य क्रिया से पहले थे समाप्त हो गए हैं. रोगी को डिस्चार्ज करने की तैयारी की जा रही है.
निदेशक ने बताया कि वह और सभी शल्य चिकित्सकों की पूर्ण सेवाकाल के दौरान पहली बार ऐसे मरीज को देखा गया एवं उसकी शल्य क्रिया की गई. उन्होंने बताया कि इस केस को मेडिकल जनरल मे प्रकाशित करने के लिए भी भेजा जा रहा है. शल्य क्रिया के दौरान निदेशक के अलावा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अतुल मेहरोत्रा, डॉ पीयूष, डॉ शिफा, डॉ एमपी सिंह, स्टाफ नर्स विनीत गुप्ता ने भी अपना योगदान दिया.
ये भी पढ़ें- आरव हत्याकांडः क्राइम पेट्रोल देखकर पड़ोसी ने की थी मासूम की हत्या, ऐसे हुआ खुलासा