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मानसिक तौर पर अस्वस्थ महिला से रेप में दस साल की कैद, पीड़िता को भी प्रतिकर देने का आदेश - लखनऊ जिला न्यायालय

लखनऊ में मानसिक तौर पर अस्वस्थ महिला से रेप के मामले में कोर्ट ने आरोपी को दस कैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को भी प्रतिकर देने का आदेश दिया है.

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Published : Dec 5, 2022, 10:42 PM IST

लखनऊ: मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला से रेप के आरोपी गुड्डू उर्फ जय सिंह यादव को अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के विशेष न्यायाधीश नरेंद्र कुमार तृतीय ने दोषसिद्ध करार दिया है. सजा के बिन्दु पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अभियुक्त को दस साल के कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने साथ ही तीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.


सुनवाई के दौरान अदालत (Lucknow District Court) के समक्ष तर्क प्रस्तुत करते हुए वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सुनीता यादव ने दलील दी कि उक्त घटना की रिपोर्ट पीड़िता की मां द्वारा थाना मड़ियांव में 7 मार्च 2015 को दर्ज कराई गई थी. एफआईआर में कहा गया था कि वादिनी (19) की पुत्री मानसिक रूप से अस्वस्थ है. वह घटना के दिन 6 मार्च 2015 को घूमते हुए पड़ोस में बने शिवाला के पास टेबल परिसर में पहुंच गई थी. वहां अभियुक्त भी मौजूद था. अभियुक्त ने उसे अकेला पाकर उसका रेप (Rape of mentally ill woman in Lucknow) किया. यह भी अदालत को बताया गया कि मानसिक तौर पर अस्वस्थ महिला के चीखने-चिल्लाने पर उसके चाचा व अन्य लोग भागकर मौके पर पहुंचे, तब आरोपी उसे छोड़ कर फरार हो गया.

इस मामले में अभियोजन द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत गया, जिसके आधार पर अदालत ने आरोपी को कारावास व जुर्माने की सजा (Raping mentally ill woman ten years prison) सुनाई है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि जुर्माने की धनराशि में से आधी धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में प्रदान की जाएगी.


पढ़ें- 71 जिलों में जीएसटी की छापेमारी, कर चोरी करने वालों पर हुई कार्रवाई

लखनऊ: मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला से रेप के आरोपी गुड्डू उर्फ जय सिंह यादव को अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के विशेष न्यायाधीश नरेंद्र कुमार तृतीय ने दोषसिद्ध करार दिया है. सजा के बिन्दु पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अभियुक्त को दस साल के कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने साथ ही तीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.


सुनवाई के दौरान अदालत (Lucknow District Court) के समक्ष तर्क प्रस्तुत करते हुए वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सुनीता यादव ने दलील दी कि उक्त घटना की रिपोर्ट पीड़िता की मां द्वारा थाना मड़ियांव में 7 मार्च 2015 को दर्ज कराई गई थी. एफआईआर में कहा गया था कि वादिनी (19) की पुत्री मानसिक रूप से अस्वस्थ है. वह घटना के दिन 6 मार्च 2015 को घूमते हुए पड़ोस में बने शिवाला के पास टेबल परिसर में पहुंच गई थी. वहां अभियुक्त भी मौजूद था. अभियुक्त ने उसे अकेला पाकर उसका रेप (Rape of mentally ill woman in Lucknow) किया. यह भी अदालत को बताया गया कि मानसिक तौर पर अस्वस्थ महिला के चीखने-चिल्लाने पर उसके चाचा व अन्य लोग भागकर मौके पर पहुंचे, तब आरोपी उसे छोड़ कर फरार हो गया.

इस मामले में अभियोजन द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत गया, जिसके आधार पर अदालत ने आरोपी को कारावास व जुर्माने की सजा (Raping mentally ill woman ten years prison) सुनाई है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि जुर्माने की धनराशि में से आधी धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में प्रदान की जाएगी.


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