लखनऊः मुसलमानों के सबसे पाक और मुकद्दस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे महीने रोजे रखकर इबादत करते हैं. इस महीने में रोजे और इबादतों से जुड़े लोगों के मन में कई सवाल रहते हैं, जिनका घर बैठे वह लोग जवाब जान सकते हैं. इसके लिए शिया और सुन्नी हेल्पलाइन इन दिनों राजधानी लखनऊ से संचालित हो रही हैं. इसमें उलमा लोगों के सवालों के जवाब फोन और वाट्सअप के साथ मेल के जरिए भी दे रहे हैं.
सेहरी के वक्त उठना
इदारा ए शरिया फिरंगीमहल हेल्पलाइन में लखनऊ के एक निवासी ने पूछा कि क्या अगर सेहरी के वक्त नहीं उठ पाए और कुछ नहीं खा पाए तो रोजा रख सकते हैं. फिरंगीमहल के उलमा ने इसपर बताया कि अगर सेहरी के वक्त नहीं उठ पाए और रोजा रख लिया तो रोजा हो जाएगा. हालांकि सेहरी के वक्त उठना और कम से कम 3 खजूर और पानी पीना सुन्नत है और यह दिनभर रोजे की हालत में मददगार भी रहती है. उलमा ने कहा कि सहर के वक्त की इबादत और दुआ बहुत मकबूल होती है. बताते चलें की सेहरी वह समय है, जब सुबह 4 बजे के करीब रोजेदार को खाना होता है, इसके बाद वह पूरे दिन सूरज ढलने तक न कुछ खाता है और न ही कुछ पीता है.
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भारत में 14 से 15 घंटे तक रोजे का समय
भारत देश में अलग अलग हिस्सों में रोज़ा रखने और रोजा खोलने के समय मे थोड़ा अंतर है. हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी रमजान के रोजे काफी लंबे हैं. इस वर्ष सभी रोज़े लगभग 14 घण्टे से ज्यादा के हैं. इस वर्ष सबसे लंबा रोज़ा सबसे आखिरी यानी 13 मई 2021 को होगा जो कि 14 घंटे 48 मिनट के आसपास रहेगा. यानी भारत में रोज़ेदार लगभग 15 घण्टे का रोजा रखेंगे. इसी के साथ मई महीना शुरू होते ही तापमान में भी तेजी देखी जा रही है, ऐसे में एक्सपर्ट्स ने रोज़ेदारों से इस वर्ष कोरोना को देखते हुए भी ज़्यादा एहतियात बरतने और घर पर रहने की बात कही है.