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लखनऊ: सीएम की घोषणा के बाद भी KGMU में अधर में लटका रैंप का काम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने KGMU में मरीजों को सुलभ सुविधाएं देने का आदेश दिया था. मुख्यमंत्री ने अपने दौरे के समय पाया था कि केजीएमयू में किसी अप्रिय घटना होने पर मरीजों को नीचे लाने के लिए कोई विकल्प शताब्दी फेस टू में नहीं है. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी रैंप बनाने का काम अधर में लटका है.

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Published : Dec 5, 2019, 4:26 PM IST

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KGMU में अधर लटका रैंप का काम.

लखनऊ: राजधानी के केजीएमयू के शताब्दी फेस टू में बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बेहतर स्वास्थ सेवाएं देने और गंभीर मरीजों को सुलभ सेवाएं देने के लिए केजीएमयू के शताब्दी में रैंप बनाने का एलान किया था. सीएम योगी की इस घोषणा का असर भी केजीएमयू प्रशासन पर पड़ता नहीं दिख रहा है. केजीएमयू शताब्दी में अभी तक रैंप बनने का काम तक शुरू नहीं हुआ है.

जानकारी देते केजीएमयू प्रवक्ता.
सीएम के आदेश की अनदेखी
सीएम की घोषणा के बाद भी केजीएमयू शताब्दी फेस टू में रैंप बनाने का काम अधर में लटका हुआ है. केजीएमयू प्रशासन ने फाइल बनाकर शासन को भेजी थी, मगर अभी तक उस पर मुहर नहीं लग पाई है. ऐसे में कोई अप्रिय घटना होने पर मरीजों को नीचे लाने के लिए कोई विकल्प शताब्दी फेस टू में नहीं है.

प्रशासन का कहना है कि रैंप बनाने की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही काम शुरू हो जाएगा. केजीएमयू शताब्दी फेज टू में बने 10 मंजिला भवन में लिफ्ट और सीढ़ियां बनीं हैं, लेकिन रैंप नहीं है. शताब्दी के ग्राउंड फ्लोर पर रेडियो थैरेपी पहले तल पर है. ब्लड बैंक, पलमोनरी और मेडिसिन समेत अन्य विभागों का संचालन हो रहा है.

आपात स्थिति में मरीजों को बाहर निकालने के लिए यहां पर किसी भी तरह का कोई रैंप नहीं बनाया गया है. करीब 3 माह पहले शताब्दी फेस टू में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रैंप न होने पर उसके निर्माण की बात कही थी. 3 माह पहले ही केजीएमयू ने रैंप बनाने के लिए बजट की फाइल शासन को भेजी थी.

इस पूरे मामले पर चर्चा चल रही है और जल्द ही मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएंगी.
-डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

लखनऊ: राजधानी के केजीएमयू के शताब्दी फेस टू में बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बेहतर स्वास्थ सेवाएं देने और गंभीर मरीजों को सुलभ सेवाएं देने के लिए केजीएमयू के शताब्दी में रैंप बनाने का एलान किया था. सीएम योगी की इस घोषणा का असर भी केजीएमयू प्रशासन पर पड़ता नहीं दिख रहा है. केजीएमयू शताब्दी में अभी तक रैंप बनने का काम तक शुरू नहीं हुआ है.

जानकारी देते केजीएमयू प्रवक्ता.
सीएम के आदेश की अनदेखी
सीएम की घोषणा के बाद भी केजीएमयू शताब्दी फेस टू में रैंप बनाने का काम अधर में लटका हुआ है. केजीएमयू प्रशासन ने फाइल बनाकर शासन को भेजी थी, मगर अभी तक उस पर मुहर नहीं लग पाई है. ऐसे में कोई अप्रिय घटना होने पर मरीजों को नीचे लाने के लिए कोई विकल्प शताब्दी फेस टू में नहीं है.

प्रशासन का कहना है कि रैंप बनाने की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही काम शुरू हो जाएगा. केजीएमयू शताब्दी फेज टू में बने 10 मंजिला भवन में लिफ्ट और सीढ़ियां बनीं हैं, लेकिन रैंप नहीं है. शताब्दी के ग्राउंड फ्लोर पर रेडियो थैरेपी पहले तल पर है. ब्लड बैंक, पलमोनरी और मेडिसिन समेत अन्य विभागों का संचालन हो रहा है.

आपात स्थिति में मरीजों को बाहर निकालने के लिए यहां पर किसी भी तरह का कोई रैंप नहीं बनाया गया है. करीब 3 माह पहले शताब्दी फेस टू में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रैंप न होने पर उसके निर्माण की बात कही थी. 3 माह पहले ही केजीएमयू ने रैंप बनाने के लिए बजट की फाइल शासन को भेजी थी.

इस पूरे मामले पर चर्चा चल रही है और जल्द ही मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएंगी.
-डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

Intro:राजधानी लखनऊ के केजीएमयू के शताब्दी विभाग में बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बेहतर स्वास्थ सेवाएं देने और गंभीर मरीजों को सुलभ सेवाएं देने के लिए केजीएमयू के शताब्दी में रैंप बनाने का ऐलान किया था।लेकिन सीएम योगी की इस घोषणा का असर भी केजीएमयू प्रशासन पर पड़ता नहीं दिख रहा है। दरअसल अभी तक केजीएमयू शताब्दी में रैंप बनने का काम तक शुरू नहीं हुआ है।




Body:सीएम की घोषणा के बाद भी केजीएमयू शताब्दी फेस-2 मैदान पर बनाने का काम अधर में लटका हुआ है केजीएमयू प्रशासन ने फाइल बनाकर शासन को भेजी थी मगर अभी तक उस पर मुहर नहीं लग पाई है। ऐसे में कोई अप्रिय घटना होने पर मरीजों को नीचे लाने के लिए कोई विकल्प शताब्दी फेस टू में है ही नहीं। ऐसे मे प्रशासन का कहना है कि रैंप बनाने की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। दरअसल केजीएमयू शताब्दी फेज 2 में बने 10 मंजिला भवन में लिफ्ट व सीढिया बनी है। मगर रैंप नही है।शताब्दी के ग्राउंड फ्लोर पर रेडियो थैरेपी पहले तल पर ब्लड बैंक, पलमोनरी मेडिसिन, समेत अन्य विभागों का संचालन हो रहा है।आपात स्थिति में मरीजों को बाहर निकालने के लिए यहां पर किसी भी तरह का कोई नहीं बनाया गया है।करीब 3 माह पहले शताब्दी फेस टू में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रैंप न होने पर उसके निर्माण की बात नहीं थी। 3 माह पहले ही केजीएमयू ने रैंप बनाने के लिए बजट की फाइल शासन को भेजी थी।आरोप है कि कभी रैंप का नक्शा गलत होता है तो कहीं बजट का आकलन नहीं हो पाता। 600 से 700 लोग शताब्दी अस्पताल की इमारत में हर वक्त मौजूद रहते हैं।इमारत में गंभीर मरीज आते जाते हैं। मरीजों की सुविधा के लिए सीढ़ी हैं लेकिन मरीजों को बाहर ले जाने का मार्ग शताब्दी समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री ने एलान किया था लेकिन योजना आज तक पूरा नहीं हो पायी वहीं केजीएमयू प्रवक्ता सुधीर सिंह ने कहा इस पूरे मामले पर चर्चा चल रही है और जल्द ही मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें मिल पाएगी।

बाइट- डॉ सुधीर सिंह,प्रवक्ता, केजीएमयू




Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
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