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राम के रंग में रंगी अयोध्या, हर ओर दीवारों पर दिखेगी अद्भुत चित्रकारी - UP News

अयोध्या राम मंदिर (Ram Mandir 2024) में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त (22 जनवरी) तय हो चुका है. इसके पहले अयोध्या नगरी को धार्मिक चित्रों से सजाया जा रहा है. इस धार्मिक प्रयोजन में कई कलाकार दिन रात काम कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 18, 2024, 6:37 PM IST

अयोध्या : 22 जनवरी को होने वाले श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए राम नगरी को भव्य स्वरूप दिया जा रहा है. यहां की मुख्य मार्गों के दोनों ओर दीवारों पर सुंदर और मनमोहक चित्रकारी की जा रही है. चित्रकार दिन-रात काम कर रहे हैं और राम के इस उत्सव में अपना योगदान देने के लिए थकान को भी भूल से गए हैं. कूची से उकेरे गए प्रभु श्रीराम के चित्र इतने मनमोहक हैं कि लगता है, जैसे वह अभी बोल पड़ेंगे.

प्राण प्रतिष्ठा से पहले राममय हो रही आयोध्या.
प्राण प्रतिष्ठा से पहले राममय हो रही आयोध्या.

40 कलाकार कर रहे वॉल पेंटिंग : राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश की निदेशक डॉ. श्रद्धा शुक्ला ने बताया कि अयोध्या धाम के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास सीआरपीएफ की दीवार पर लगभग तीन हजार वर्गफीट, अयोध्या कलेक्ट्रेट भवन की दीवार पर लगभग 1500 वर्गफीट और राम की पैड़ी मार्ग पर स्थित सिंचाई विभाग के भवन की दीवार पर लगभग 1200 वर्गफीट के क्षेत्रफल में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 40 कलाकारों द्वारा वॉल पेंटिंग की जा रही है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर महर्षि वाल्मीकि की ब्रांज की प्रतिमा, सूर्यकुंड पर भगवान सूर्य और गणेश कुंड पर भगवान गणेश की ओडिशा सैंड स्टोन की प्रतिमा की स्थापना की जा रही है. भगवान राम एवं रामचरित पर आधारित भगवान राम की बाल लीला, भगवान राम की गुरुकुल लीला, हनुमान लीला, ताड़का वध, सीता स्वयंवर, राम-जटायु मिलन, हनुमान सीता मिलन जैसे विभिन्न परिदृश्यों पर चित्रकला के साथ मूर्तिकला प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है जो 26 जनवरी तक चलेगी.

प्राण प्रतिष्ठा से पहले राममय हो रही आयोध्या.
प्राण प्रतिष्ठा से पहले राममय हो रही आयोध्या.

एक से 29 फरवरी के बीच कार्यशाला : डॉ. श्रद्धा शुक्ला के अनुसार इस काम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से चार दर्जन से अधिक कलाकारों द्वारा 40 चित्रों एवं 10 मूर्तियों का सृजन किया जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश के 10 जिलों गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, मेरठ, बरेली और लखनऊ में भगवान श्रीराम और उनके जीवन चरित्र पर आधारित होम स्टूडियो कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. कार्यशाला एक फरवरी से 29 फरवरी के बीच होगी. कार्यशाला में चयनित कलाकृतियों की प्रदर्शनी का आयोजन अयोध्या धाम में किया जाएगा.

प्राण प्रतिष्ठा से पहले राममय हो रही आयोध्या.
दीवार पर चित्रकारी करते चित्रकार.


दूसरी ओर राज्य ललित कला अकादमी व संस्कृति विभाग की ओर से महिलाओं व बालिकाओं के लिए मेंहदी एवं फूलों की वाटिका कार्यशाला का आयोजन एशिया डेलफिक काउसिंल के सहयोग से किया जाएगा, जिसमें एक हजार कलाकार प्रतिभाग करेंगे. इसके अलावा रामोत्सव के कार्यक्रम के मद्​देनजर प्रदेश एवं देश के फोटोग्राफी कलाकारों के लिए स्वतंत्र फोटोग्राफी प्रतियोगिता का तीन दिवसीय आयोजन किया जाएगा. इसकी शुरुआत 20 जनवरी को होगी और समापन 23 जनवरी को होगा. प्रतियोगिता में चयनित कृतियों की प्रदर्शनी अकादमी की ओर से रामकथा पार्क लगाई जाएगी. वहीं विजेता कलाकारों को पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा. इतना ही नहीं नयाघाट स्थित सरयू नदी के तट पर ओडिशा के अंतरराष्ट्रीय रेतशिल्प कलाकार पद्मश्री डॉ. सुदर्शन पटनायक अपने सात सहयोगी कलाकारों के साथ भगवान श्रीराम एवं रामचरित आधारित रेतशिल्प कला शिविर का आयोजन करेंगे, जिसे विश्व रिकार्ड में दर्ज कराया जाएगा.

यह भी पढ़ें : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा; जन्मभूमि किष्किंधा से चलकर अयोध्या पहुंचे बजरंगबली हनुमान

Watch : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में जाएंगे अनुपम खेर, रामनामी पहन बोले- रामलला पूर्वजों का...

अयोध्या : 22 जनवरी को होने वाले श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए राम नगरी को भव्य स्वरूप दिया जा रहा है. यहां की मुख्य मार्गों के दोनों ओर दीवारों पर सुंदर और मनमोहक चित्रकारी की जा रही है. चित्रकार दिन-रात काम कर रहे हैं और राम के इस उत्सव में अपना योगदान देने के लिए थकान को भी भूल से गए हैं. कूची से उकेरे गए प्रभु श्रीराम के चित्र इतने मनमोहक हैं कि लगता है, जैसे वह अभी बोल पड़ेंगे.

प्राण प्रतिष्ठा से पहले राममय हो रही आयोध्या.
प्राण प्रतिष्ठा से पहले राममय हो रही आयोध्या.

40 कलाकार कर रहे वॉल पेंटिंग : राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश की निदेशक डॉ. श्रद्धा शुक्ला ने बताया कि अयोध्या धाम के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास सीआरपीएफ की दीवार पर लगभग तीन हजार वर्गफीट, अयोध्या कलेक्ट्रेट भवन की दीवार पर लगभग 1500 वर्गफीट और राम की पैड़ी मार्ग पर स्थित सिंचाई विभाग के भवन की दीवार पर लगभग 1200 वर्गफीट के क्षेत्रफल में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 40 कलाकारों द्वारा वॉल पेंटिंग की जा रही है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर महर्षि वाल्मीकि की ब्रांज की प्रतिमा, सूर्यकुंड पर भगवान सूर्य और गणेश कुंड पर भगवान गणेश की ओडिशा सैंड स्टोन की प्रतिमा की स्थापना की जा रही है. भगवान राम एवं रामचरित पर आधारित भगवान राम की बाल लीला, भगवान राम की गुरुकुल लीला, हनुमान लीला, ताड़का वध, सीता स्वयंवर, राम-जटायु मिलन, हनुमान सीता मिलन जैसे विभिन्न परिदृश्यों पर चित्रकला के साथ मूर्तिकला प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है जो 26 जनवरी तक चलेगी.

प्राण प्रतिष्ठा से पहले राममय हो रही आयोध्या.
प्राण प्रतिष्ठा से पहले राममय हो रही आयोध्या.

एक से 29 फरवरी के बीच कार्यशाला : डॉ. श्रद्धा शुक्ला के अनुसार इस काम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से चार दर्जन से अधिक कलाकारों द्वारा 40 चित्रों एवं 10 मूर्तियों का सृजन किया जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश के 10 जिलों गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, मेरठ, बरेली और लखनऊ में भगवान श्रीराम और उनके जीवन चरित्र पर आधारित होम स्टूडियो कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. कार्यशाला एक फरवरी से 29 फरवरी के बीच होगी. कार्यशाला में चयनित कलाकृतियों की प्रदर्शनी का आयोजन अयोध्या धाम में किया जाएगा.

प्राण प्रतिष्ठा से पहले राममय हो रही आयोध्या.
दीवार पर चित्रकारी करते चित्रकार.


दूसरी ओर राज्य ललित कला अकादमी व संस्कृति विभाग की ओर से महिलाओं व बालिकाओं के लिए मेंहदी एवं फूलों की वाटिका कार्यशाला का आयोजन एशिया डेलफिक काउसिंल के सहयोग से किया जाएगा, जिसमें एक हजार कलाकार प्रतिभाग करेंगे. इसके अलावा रामोत्सव के कार्यक्रम के मद्​देनजर प्रदेश एवं देश के फोटोग्राफी कलाकारों के लिए स्वतंत्र फोटोग्राफी प्रतियोगिता का तीन दिवसीय आयोजन किया जाएगा. इसकी शुरुआत 20 जनवरी को होगी और समापन 23 जनवरी को होगा. प्रतियोगिता में चयनित कृतियों की प्रदर्शनी अकादमी की ओर से रामकथा पार्क लगाई जाएगी. वहीं विजेता कलाकारों को पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा. इतना ही नहीं नयाघाट स्थित सरयू नदी के तट पर ओडिशा के अंतरराष्ट्रीय रेतशिल्प कलाकार पद्मश्री डॉ. सुदर्शन पटनायक अपने सात सहयोगी कलाकारों के साथ भगवान श्रीराम एवं रामचरित आधारित रेतशिल्प कला शिविर का आयोजन करेंगे, जिसे विश्व रिकार्ड में दर्ज कराया जाएगा.

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