लखनऊ: पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिंग की घटना से चिंतित नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वह देश में भीड़ हिंसा के सभी मामलों में दोषियों को जल्द से जल्द और कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित कराएं.
दोषियों को दी जाए कड़ी से कड़ी सजा
स्वामी कल्पवृक्ष गिरी, स्वामी सुशील गिरी और चालक नीलेश तेलगड़े की क्रूरतम हत्या की भर्त्सना करते हुए नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि इंस्पेक्टर सुबोध सिंह, इखलाक, पहलू खान और तबरेज अंसारी की हत्या जैसे भीड़ हिंसा के क्रूरतम मामलों में दोषियों को अगर कड़ी सजा मिली होती तो पालघर की घटना नहीं हो पाती. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की इस अतिनिन्दनीय घटना के बाद राष्ट्रीय स्तर पर इसे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश भी हुई है. स्थित यहां तक आ गई कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री को इसे लेकर सफाई देनी पड़ी कि घटना साम्प्रदायिक नहीं है.
ऑनलाइन प्रेस नोट के जरिए पीएम से की मांग
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंन्द चौधरी ने पीएम से ऑनलाइन प्रेस नोट के जरिए कहा कि वर्तमान समय में देश कोरोना के भीषण संकट से गुजर रहा है. सभी लोग मिलकर आपके नेतृत्व में कोरोना को हराने की लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसे समय में महाराष्ट्र की यह निंदनीय घटना और इस घटना को लेकर साम्प्रदायिक खेल खेलने की जो कोशिश हुई है, उससे दुनिया में भारत की छवि पर असर तो पड़ा ही है. देश के भीतर भी यह संदेश गया है कि जिस घटनास्थल के आसपास मुसलमानों की परछाई भी नहीं है, उसमें भी उनका नाम घसीटा जा सकता है. नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि यदि ऐसा हुआ तो सद्भाव में विश्वास करने वाली ताकतों का सरकार से यकीन उठ जाएगा, जो देशहित में नहीं होगा इसलिए आपको इन मामलों को खुद संज्ञान में लेना चाहिए.