लखनऊ: योगी सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक (तकनीकी) पद पर तैनात राकेश कुमार को पद से हटा दिया है. नोएडा के अधीक्षण अभियंता रहते राकेश कुमार ने जमकर घोटाला किया था. घोटाले के आरोप में उन पर जांच बिठाई गई थी और जांच में वह दोषी भी पाए गए है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा की संस्तुति के बाद यह कार्रवाई की गई है.
वहीं, ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा है कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल कर रही है. इसमें किसी प्रकार की शिथिलता और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. शासन से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राकेश कुमार के द्वारा अधीक्षण अभियंता नोएडा के पद पर रहते हुए वित्तीय अनियमितताओं को ध्यान में रखकर इनको देय पेंशन में से 100% कटौती का दंड दिया गया है. जबकि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन ने यह आदेश निर्गत कर दिया है.
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गौरतलब है कि नोएडा में जब राकेश कुमार अधीक्षण अभियंता थे तो उन्होंने बिना लेनदेन किए कोई काम किया ही नहीं. बड़े-बड़े अपार्टमेंट में तमाम खेल राकेश कुमार ने किए. उन पर पावर कारपोरेशन की तरफ से जांच बिठाई गई थी. जांच में सामने आया कि अधीक्षण अभियंता नोएडा के पद पर रहते हुए वित्तीय अनियमितता के दोषी हैं.
बता दें कि राकेश कुमार 31 मार्च 2021 को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मुख्य अभियंता के पद से 60 साल की आयु में सेवानिवृत्त हुए थे. इसके बाद उनको शासन ने निदेशक (तकनीकी) के पद पर तैनात किया था.
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