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राजीव गांधी की आंधी में बना जीत का रिकॉर्ड, जो अभी है बरकरार - लखनऊ ताजा समाचार

देश आज पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती मना रहा है. राजीव गांधी ने 40 साल की आयु में पीएम का पद संभाला और कांग्रेस के नाम ऐसा रिकॉर्ड बना दिया जो आजादी के बाद से अब तक कायम है. देखें ये रिपोर्ट...

राजीव गांधी ने बनाया था कांग्रेस के नाम रिकॉर्ड
राजीव गांधी ने बनाया था कांग्रेस के नाम रिकॉर्ड
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Published : Aug 20, 2020, 9:11 PM IST

लखनऊ: देश आज पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती मना रहा है. राजीव गांधी ने 40 साल की आयु में पीएम का पद संभाला और कांग्रेस के नाम ऐसा रिकॉर्ड बना दिया जो आजादी के बाद से अब तक कायम है. बता दें कि कांग्रेस के गठन से लेकर अब तक कोई अध्यक्ष ऐसा नहीं हुआ जो राजीव गांधी के बनाए रिकॉर्ड के आसपास भी पार्टी को ले जाने में सफल हो पाया हो. राजीव गांधी की विजयश्री का यह रिकॉर्ड कई दशकों से लगातार बरकरार है, बल्कि कांग्रेस के इतिहास का यह ऐसा रिकॉर्ड है जो मील का पत्थर साबित हो रहा है.

जानकारी देते संवाददाता.

कांग्रेस ने ध्वस्त किए थे सारे रिकॉर्ड
दरअसल, वह साल था 1984 जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान एक युवा राजीव गांधी के हाथ में सौंपी गई. राजीव की मां और देश की पीएम इंदिरा गांधी का स्वर्गवास हो चुका था और देशवासियों के आवाहन पर राजीव ने राजनीति में कदम रखा. 1984 में देश में लोकसभा चुनाव हुआ और कांग्रेस ने जीत के पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर डाले. इंदिरा की सहानुभूति और लोगों में राजीव के प्रति अपनापन इस कदर सामने आया कि लोकसभा चुनाव के इतिहास में रिकॉर्ड कायम हो गया. 404 सीट और 49.1℅ मतों के साथ कायम हुए जीत के इस रिकॉर्ड के बाद 40 साल के राजीव देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने. कांग्रेसी अध्यक्ष के रूप में यह ऐसा रिकॉर्ड था जो आजादी के बाद से देश में हुए पहले लोकसभा चुनाव से लेकर आज तक कायम है. हालांकि राजीव के अध्यक्ष रहते ही आगे के सालों में हुए चुनाव में सीटों के साथ ही जीत के परसेंटेज का ग्राफ भी गिरने लगा था. 1989 में जब लोकसभा चुनाव हुआ तो कांग्रेस के अध्यक्ष राजीव गांधी ही थे और तब कांग्रेस को 197 सीटें और 39.3% मत ही मिले थे. इसके बाद जब 1991 में चुनाव हुए तो कांग्रेस की सीटें तो 197 से 244 पहुंच गईं, लेकिन मतों का प्रतिशत लगभग तीन प्रतिशत नीचे गिरकर 36.6 फीसद ही रह गया.

यू.एन. ढेबर के नाम था रिकॉर्ड
राजीव गांधी के अलावा यू एन ढेबर ही कांग्रेस के एक मात्र ऐसे राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे, जिनके कार्यकाल में कांग्रेस ने साल 1957 में जीत का रिकॉर्ड कायम किया था. तब कांग्रेस ने 47.7% मतों के साथ 371 लोकसभा सीटें जीती थीं और लगभग 27 साल तक यह रिकॉर्ड कायम रहा था. राजीव गांधी ने 1984 में 400 से ज्यादा सीटें जीतकर इस रिकॉर्ड को तोड़ा था. जब राजीव की मृत्यु हुई, उसके बाद तो कांग्रेस को मिले मतों का ग्राफ ऊपर की तरफ चढ़ा ही नहीं. अब कांग्रेस की स्थिति दिन-प्रतिदिन बदतर ही होती जा रही है. फिर चाहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान राजीव की पत्नी सोनिया गांधी और बेटे राहुल गांधी ने ही क्यों न संभाली हो, लेकिन देश के लोगों का दिल जीतने में राजीव की तरह कोई भी कामयाब नहीं हो पा रहा है. शायद इसीलिए राजीव का बनाया हुआ रिकॉर्ड दशकों से कायम है और आगे कोई चमत्कार ही इस रिकॉर्ड को शायद ध्वस्त कर पाए.

इस बारे में यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पांडेय ने कहा कि इतिहास गवाह है और परिवर्तन प्रकृति का नियम है. पहले इंदिरा के समय में सत्ता परिवर्तन हुआ, लेकिन उसके बाद इंदिरा गांधी ने प्रबल बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की. इमरजेंसी के बाद इंदिरा गांधी ताकत से सत्ता में आईं. राजीव गांधी की छवि मिस्टर क्लीन की है. यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि राजीव गांधी के पुत्र राहुल गांधी और प्रियंका गांधी में वही व्यक्तित्व है, वही कृतित्व है, वही सोच है और उसी तरीके का माद्दा भी है. उन्होंने कहा कि काठ की हांडी एक बार तो चढ़ती है, बार-बार नहीं चढ़ती. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी प्रचंड बहुमत की और वही 60 साल सरकार बनाएगी, फिर बीजेपी के लोग कहेंगे 60 साल, 60 साल, 60 साल.

लखनऊ: देश आज पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती मना रहा है. राजीव गांधी ने 40 साल की आयु में पीएम का पद संभाला और कांग्रेस के नाम ऐसा रिकॉर्ड बना दिया जो आजादी के बाद से अब तक कायम है. बता दें कि कांग्रेस के गठन से लेकर अब तक कोई अध्यक्ष ऐसा नहीं हुआ जो राजीव गांधी के बनाए रिकॉर्ड के आसपास भी पार्टी को ले जाने में सफल हो पाया हो. राजीव गांधी की विजयश्री का यह रिकॉर्ड कई दशकों से लगातार बरकरार है, बल्कि कांग्रेस के इतिहास का यह ऐसा रिकॉर्ड है जो मील का पत्थर साबित हो रहा है.

जानकारी देते संवाददाता.

कांग्रेस ने ध्वस्त किए थे सारे रिकॉर्ड
दरअसल, वह साल था 1984 जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान एक युवा राजीव गांधी के हाथ में सौंपी गई. राजीव की मां और देश की पीएम इंदिरा गांधी का स्वर्गवास हो चुका था और देशवासियों के आवाहन पर राजीव ने राजनीति में कदम रखा. 1984 में देश में लोकसभा चुनाव हुआ और कांग्रेस ने जीत के पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर डाले. इंदिरा की सहानुभूति और लोगों में राजीव के प्रति अपनापन इस कदर सामने आया कि लोकसभा चुनाव के इतिहास में रिकॉर्ड कायम हो गया. 404 सीट और 49.1℅ मतों के साथ कायम हुए जीत के इस रिकॉर्ड के बाद 40 साल के राजीव देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने. कांग्रेसी अध्यक्ष के रूप में यह ऐसा रिकॉर्ड था जो आजादी के बाद से देश में हुए पहले लोकसभा चुनाव से लेकर आज तक कायम है. हालांकि राजीव के अध्यक्ष रहते ही आगे के सालों में हुए चुनाव में सीटों के साथ ही जीत के परसेंटेज का ग्राफ भी गिरने लगा था. 1989 में जब लोकसभा चुनाव हुआ तो कांग्रेस के अध्यक्ष राजीव गांधी ही थे और तब कांग्रेस को 197 सीटें और 39.3% मत ही मिले थे. इसके बाद जब 1991 में चुनाव हुए तो कांग्रेस की सीटें तो 197 से 244 पहुंच गईं, लेकिन मतों का प्रतिशत लगभग तीन प्रतिशत नीचे गिरकर 36.6 फीसद ही रह गया.

यू.एन. ढेबर के नाम था रिकॉर्ड
राजीव गांधी के अलावा यू एन ढेबर ही कांग्रेस के एक मात्र ऐसे राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे, जिनके कार्यकाल में कांग्रेस ने साल 1957 में जीत का रिकॉर्ड कायम किया था. तब कांग्रेस ने 47.7% मतों के साथ 371 लोकसभा सीटें जीती थीं और लगभग 27 साल तक यह रिकॉर्ड कायम रहा था. राजीव गांधी ने 1984 में 400 से ज्यादा सीटें जीतकर इस रिकॉर्ड को तोड़ा था. जब राजीव की मृत्यु हुई, उसके बाद तो कांग्रेस को मिले मतों का ग्राफ ऊपर की तरफ चढ़ा ही नहीं. अब कांग्रेस की स्थिति दिन-प्रतिदिन बदतर ही होती जा रही है. फिर चाहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान राजीव की पत्नी सोनिया गांधी और बेटे राहुल गांधी ने ही क्यों न संभाली हो, लेकिन देश के लोगों का दिल जीतने में राजीव की तरह कोई भी कामयाब नहीं हो पा रहा है. शायद इसीलिए राजीव का बनाया हुआ रिकॉर्ड दशकों से कायम है और आगे कोई चमत्कार ही इस रिकॉर्ड को शायद ध्वस्त कर पाए.

इस बारे में यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पांडेय ने कहा कि इतिहास गवाह है और परिवर्तन प्रकृति का नियम है. पहले इंदिरा के समय में सत्ता परिवर्तन हुआ, लेकिन उसके बाद इंदिरा गांधी ने प्रबल बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की. इमरजेंसी के बाद इंदिरा गांधी ताकत से सत्ता में आईं. राजीव गांधी की छवि मिस्टर क्लीन की है. यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि राजीव गांधी के पुत्र राहुल गांधी और प्रियंका गांधी में वही व्यक्तित्व है, वही कृतित्व है, वही सोच है और उसी तरीके का माद्दा भी है. उन्होंने कहा कि काठ की हांडी एक बार तो चढ़ती है, बार-बार नहीं चढ़ती. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी प्रचंड बहुमत की और वही 60 साल सरकार बनाएगी, फिर बीजेपी के लोग कहेंगे 60 साल, 60 साल, 60 साल.

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