लखनऊ. सोशल मीडिया पर एक तश्वीर वायरल होने के बाद होली के ठीक दूसरे दिन एक बार फिर सियासत गर्म हो गई. तस्वीर में गृह मंत्री अमित शाह और सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर बातचीत करते नजर आ रहे हैं.
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कयास लगाए जा रहे हैं कि ओम प्रकाश राजभर योगी सरकार 2.0 के कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं और 2024 का लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे. खबर आग की तरह फैली तो खुद ओम प्रकाश राजभर ने सामने आकर सफाई दी.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने तश्वीर और अमित शाह से हुई मुलाकात का खंडन किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो अखिलेश यादव के साथ थे, हैं और रहेंगे. हालांकि ओम प्रकाश राजभर भविष्य में भाजपा के साथ जाएंगे या नहीं उस पर गोल-मोल जवाब देते हुए दिखाई दिए.
सवाल: एक तश्वीर वायरल हो रही है जिसमें आप और अमित शाह बातचीत कर रहे हैं. मुलाकात में क्या बातचीत हुई ?
ओम प्रकाश: वो फोटो पुरानी है. हमारी माननीय अमित शाह से कोई मुलाकात नही हुई है. ये खबर निराधार है. हम समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के साथ हैं और स्थानीय निकाय के चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. आगामी लोकसभा का चुनाव और कितनी ताकत से लड़े उसके लिए प्रयास कर रहे हैं.
सवाल: पिछले दो सालों में आपका जो भी कदम होता था, पहले से कोई भांप नही पाता है. आपने योगी सरकार के मंत्रियों को तोड़ लिया, सपा गठबंधन में शामिल हो गए, चुनाव के बीच दयाशंकर के साथ मीटिंग कर लेते हैं. धुंआ उठा है तो कोई न कोई सच्चाई होगी. क्यों आप बताने से बच रहे हैं?
ओम प्रकाश राजभर: जब मुलाकात हुई ही नहीं है तो क्या बता दें. लेकिन सच्चाई तो है कि पूर्वांचल का जनादेश समाजवादी पार्टी को ओम प्रकाश राजभर की वजह से मिला. अंबेडकर नगर, आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ, बलिया, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर इन जिलों में भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह पिट गयी. खाता तक नही खुला. इस बात को लेकर बीजेपी बहुत परेशान है कि आखिरकार ये जीत सपा को कैसे मिल गयी.
सवाल: आप जैसे कह रहे है कि बीजेपी परेशान है तो इसीलिए तो वो चाहती है कि 2024 का लोक सभा जितने के लिए आपको साथ लाना चाहती है और योगी सरकार में आपको मंत्री पद की शपथ दिलाई जानी है?
ओम प्रकाश: हम कोई शपथ नहीं लेने जा रहे है और न ही भाजपा में शामिल हो रहे हैं. 28 मार्च को हम और अखिलेश यादव गाजीपुर में है जहां स्थानीय निकाय चुनाव मजबूती से लड़ने के लिए जुटे हैं. हां ये जरूर है कि जो भाजपा का आईटी सेल किसी भी खबर को इतना संगीन बनाकर दिखाता है कि उस पर विश्वास किया जा सके.
सवाल: क्या आप भाजपा के साथ जाएंगे?
ओम प्रकाश: अभी तक मुझे अपने साथ लाने के लिए भाजपा ने कोशिश नहीं की है. जातिगत जनगणना, आवारा पशुओं से मुक्ति जैसे मुद्दों पर कायम है.
सवाल: यही वादे पूरे करने का मजबूती से भरोसा भाजपा दिलाती है तो साथ जाएंगे की नहीं?
ओम प्रकाश: 5 साल तो साथ थे न. राघवेंद्र सिंह की कमेटी में रिपोर्ट बनी लेकिन उसे माना नही गया. तो हम कैसे उनकी बात पर भरोसा कर ले.
सवाल: आप सीधे भाजपा के साथ जाने पर मना क्यों नही कर रहें हैं?
ओम प्रकाश: हम समाजवादी पार्टी के साथ थे और रहेंगे.
सवाल: संभावना है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव विधायकी छोड़ लोकसभा में रहना चाहेंगे, आप क्या सोचते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए?
ओम प्रकाश: ये उनका व्यक्तिगत मामला है. हमसे वे समझदार है.