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पड़ोसी राज्यों से आई है यूपी में बाढ़, 24 घंटे बाद कम होगा प्रकोप

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Published : Sep 19, 2019, 10:22 PM IST

यूपी में इन दिनों बारिश और बाढ़ ने कई जिलों में लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. दरअसल पड़ोसी राज्यों में हो रही भारी बारिश का असर यूपी की नदियों में है क्योंकि प्रदेश की इन नदियों में कई राज्यों की नदियों का पानी छोड़ा गया है.

ए के सिंह, इंजीनियर इन चीफ सिंचाई

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नदियों में इन दिनों बाढ़ आई हुई है. सभी नदियां अपनी जल वहन क्षमता से कई गुना ज्यादा पानी लेकर बह रही हैं. इसकी वजह पड़ोसी राज्यों में हुई भारी बरसात है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में बाढ़ ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है और अगले 24 घंटे तक बलिया में अभी पानी का जलस्तर बढ़ता ही रहेगा. शुक्रवार शाम से जलस्तर कम होने की उम्मीद की जा रही है.

यूपी में बारिश और बाढ़ ने मचाई तबाही.

यूपी में बारिश और बाढ़ ने मचाई तबाही

  • उत्तर प्रदेश यानी गंगा-यमुना का बेसिन, इस जमीन का इस्तेमाल पड़ोसी राज्यों की नदियों के संगम के तौर पर होता है.
  • गंगा यमुना के बेसिन में सैकड़ों छोटी बड़ी नदियां आकर मिलती हैं.
  • हरियाणा, राजस्थान ,मध्य प्रदेश के अलावा नेपाल और उत्तराखंड से छोटी-छोटी नदियां भी गंगा और यमुना में मिलती हैं.
  • क्षमता से ज्यादा पानी लेकर आ रही इन नदियों की वजह से गंगा और यमुना भी विकराल हो चली हैं और इसका सीधा दुष्प्रभाव उत्तर प्रदेश के जिलों में है.
  • यमुना नदी में हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान से आने वाली कई नदियां मिलती हैं.
  • राजस्थान की चंबल नदी से पिछले दिनों यमुना में 22 लाख क्यूसेक पानी पहुंचा है और यही प्रयागराज से लेकर बलिया तक कहर बरपा रहा है.
  • चंबल नदी राजस्थान धौलपुर में 13.6 1 लाख क्यूसेक के स्तर पर बह रही है तो आगरा के पिनाहट में खतरे के निशान से 4.4 मीटर ऊपर बह रही है.
  • प्रयागराज में यमुना नदी खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर बह रही है.
  • इटावा में यमुना का पानी स्थिर हो रहा है जबकि बलिया में गंगा खतरे के निशान से 1.9 मीटर ऊपर बह रही है.
  • अगले 24 घंटे में उम्मीद की जा रही है कि बलिया में पानी का स्तर पर स्थिर हो जाएगा.
  • घाघरा नदी गोंडा के एल्गिन बांध पर खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. घाघरा में पानी का बहाव दो लाख क्यूसेक है.


चंबल नदी में पानी घटने लगा है. लेकिन इसका असर बलिया तक पहुंचने में वक्त लगेगा. प्रयागराज में अगले 12 से 24 घंटे के अंदर पानी का स्तर कम हो जाएगा और इसके बाद बलिया में भी बाढ़ का पानी घटने लगेगा. महाराजगंज में बुधवार को सुबह दो घंटे के दौरान 55 मिलीमीटर बारिश हुई है. 24 घंटे के दौरान उत्तर प्रदेश में 232 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है यह भी अपने आप में रिकॉर्ड है.
-ए के सिंह, इंजीनियर इन चीफ सिंचाई

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नदियों में इन दिनों बाढ़ आई हुई है. सभी नदियां अपनी जल वहन क्षमता से कई गुना ज्यादा पानी लेकर बह रही हैं. इसकी वजह पड़ोसी राज्यों में हुई भारी बरसात है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में बाढ़ ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है और अगले 24 घंटे तक बलिया में अभी पानी का जलस्तर बढ़ता ही रहेगा. शुक्रवार शाम से जलस्तर कम होने की उम्मीद की जा रही है.

यूपी में बारिश और बाढ़ ने मचाई तबाही.

यूपी में बारिश और बाढ़ ने मचाई तबाही

  • उत्तर प्रदेश यानी गंगा-यमुना का बेसिन, इस जमीन का इस्तेमाल पड़ोसी राज्यों की नदियों के संगम के तौर पर होता है.
  • गंगा यमुना के बेसिन में सैकड़ों छोटी बड़ी नदियां आकर मिलती हैं.
  • हरियाणा, राजस्थान ,मध्य प्रदेश के अलावा नेपाल और उत्तराखंड से छोटी-छोटी नदियां भी गंगा और यमुना में मिलती हैं.
  • क्षमता से ज्यादा पानी लेकर आ रही इन नदियों की वजह से गंगा और यमुना भी विकराल हो चली हैं और इसका सीधा दुष्प्रभाव उत्तर प्रदेश के जिलों में है.
  • यमुना नदी में हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान से आने वाली कई नदियां मिलती हैं.
  • राजस्थान की चंबल नदी से पिछले दिनों यमुना में 22 लाख क्यूसेक पानी पहुंचा है और यही प्रयागराज से लेकर बलिया तक कहर बरपा रहा है.
  • चंबल नदी राजस्थान धौलपुर में 13.6 1 लाख क्यूसेक के स्तर पर बह रही है तो आगरा के पिनाहट में खतरे के निशान से 4.4 मीटर ऊपर बह रही है.
  • प्रयागराज में यमुना नदी खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर बह रही है.
  • इटावा में यमुना का पानी स्थिर हो रहा है जबकि बलिया में गंगा खतरे के निशान से 1.9 मीटर ऊपर बह रही है.
  • अगले 24 घंटे में उम्मीद की जा रही है कि बलिया में पानी का स्तर पर स्थिर हो जाएगा.
  • घाघरा नदी गोंडा के एल्गिन बांध पर खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. घाघरा में पानी का बहाव दो लाख क्यूसेक है.


चंबल नदी में पानी घटने लगा है. लेकिन इसका असर बलिया तक पहुंचने में वक्त लगेगा. प्रयागराज में अगले 12 से 24 घंटे के अंदर पानी का स्तर कम हो जाएगा और इसके बाद बलिया में भी बाढ़ का पानी घटने लगेगा. महाराजगंज में बुधवार को सुबह दो घंटे के दौरान 55 मिलीमीटर बारिश हुई है. 24 घंटे के दौरान उत्तर प्रदेश में 232 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है यह भी अपने आप में रिकॉर्ड है.
-ए के सिंह, इंजीनियर इन चीफ सिंचाई

Intro:लखनऊ . उत्तर प्रदेश की नदियों में इन दिनों बाढ़ आई हुई है. सभी नदियां अपनी जल वहन क्षमता से कई गुना ज्यादा पानी लेकर बह रही हैं। इसकी वजह पड़ोसी राज्यों में हुई भारी बरसात है । पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में बाढ़ ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है और अगले 24 घंटे तक बलिया में अभी पानी का जलस्तर बढ़ता ही रहेगा। शुक्रवार शाम से जलस्तर कम होने की उम्मीद की जा रही है।


Body:उत्तर प्रदेश यानी गंगा-यमुना बेसिन। इस जमीन का इस्तेमाल पड़ोसी राज्यों की नदियों के संगम के तौर पर होता है। गंगा यमुना के बेसिन में सैकड़ों छोटी बड़ी नदियां आकर मिलती है। हरियाणा, राजस्थान ,मध्य प्रदेश के अलावा नेपाल और उत्तराखंड छोटी-छोटी नदियां भी गंगा और यमुना में मिलने के लिए उत्तर प्रदेश की जमीन का ही इस्तेमाल करती हैं। यही वजह है कि इन दिनों उत्तर प्रदेश की सभी छोटी-बड़ी नदियां उफना रही हैं। अपनी क्षमता से ज्यादा पानी लेकर आ रही इन नदियों की वजह से गंगा और यमुना भी विकराल हो चली है और इसका सीधा दुष्प्रभाव उत्तर प्रदेश के जिलों में रहने वाले लोगों पर पड़ रहा है। यमुना नदी में हरियाणा ,मध्य प्रदेश और राजस्थान से आने वाली कई नदियां मिलती हैं। राजस्थान की चंबल नदी से पिछले दिनों यमुना में 22 लाख क्यूसेक पानी पहुंचा है और यही प्रयागराज से लेकर बलिया तक कहर बरपा रहा है। सिंचाई विभाग के इंजीनियर इन चीफ ए के सिंह के अनुसार चंबल नदी में पानी घटने लगा है लेकिन इसका असर बलिया तक पहुंचने में वक्त लगेगा। प्रयागराज में अगले 12 से 24 घंटे के अंदर पानी का स्तर कम हो जाएगा और इसके बाद बलिया में भी बाढ़ का पानी घटने लगेगा उत्तर प्रदेश में हो रही भारी बारिश के बारे में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाली बारिश भी असर डालती है लेकिन इसका इतना बड़ा प्रकोप नहीं है जितना पड़ोसी राज्यों से आने वाली नदियों के पानी का है। उन्होंने बताया कि महाराजगंज में बुधवार को सुबह 2 घंटे के दौरान 55 मिलीमीटर बारिश हुई है 24 घंटे के दौरान उत्तर प्रदेश में 232 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है यह भी अपने आप में रिकॉर्ड है।

बाइट/ ए के सिंह, इंजीनियर इन चीफ सिंचाई उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में क्या है नदियों का जलस्तर

चंबल नदी राजस्थान धौलपुर में 13.6 1 लाख क्यूसेक के स्तर पर बह रही है तो आगरा के पिनाहट में खतरे के निशान से 4.4 मीटर ऊपर बह रही है यहां पानी 5 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से घटता हुआ दर्ज किया गया है प्रयागराज में यमुना नदी खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर है और यहां पानी दशमलव साथ 5 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है यह अगले 12 घंटे तक बढ़ेगा। इटावा में यमुना का पानी स्थिर हो रहा है जबकि बलिया में गंगा खतरे के निशान से 1.9 मीटर ऊपर बह रही है अगले 24 घंटे में उम्मीद की जा रही है कि बलिया में पानी का स्तर पर स्थिर हो जाएगा। घाघरा नदी गोंडा के एल्गिन बांध पर खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है घाघरा में पानी का बहाव दो लाख क्यूसेक है।

पीटीसी अखिलेश तिवारी


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