लखनऊः सरकार लगातार निजीकरण के रास्ते पर चल रही है. चाहे रेलवे विभाग हो, बिजली विभाग या फिर अन्य विभाग. जिन विभाग के कर्मचारियों को निजीकरण की आहट महसूस हो रही है, वे सरकार पर दबाव बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. रेलवे के कुछ स्टेशनों को निजी हाथों में देने के साथ ही सरकारी पटरियों पर प्राइवेट ट्रेनों को दौड़ाने की शुरुआत के साथ ही सरकार निजीकरण की ओर मुखर हो रही है. वहीं कर्मचारी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने लगे हैं. रेलवे के निजीकरण के विरोध में जिले के रेल कर्मियों ने बारिश के बीच गुरुवार को डीआरएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया. रेलकर्मियों ने एक ज्ञापन भी दिया, जिसमें प्राइवेट ऑपरेटर्स को ट्रेन संचालन सौंपने से रोकने की मांग की गई है.
ऑल इंडिया एससी/एसटी रेलवे इम्प्लॉइज एसोसिएशन के बैनर तले सभी कार्य स्थलों पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. संगठन के मंडल अध्यक्ष भवन प्रसाद पासवान और मंडल मंत्री अखिलेश चंद्र गौतम ने इस मौके पर कहा कि रेलवे कर्मचारी लगातार सरकार के निजीकरण एवं निगमीकरण के विरोध में जुटे हुए हैं. रेलकर्मियों ने मांग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेलवे का निजीकरण न करें.
गुरुवार को भी प्रदर्शन के बाद उत्तर रेलवे के डीआरएम संजय त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपा गया. उत्तर रेलवे डीआरएम के अलावा पूर्वोत्तर रेलवे डीआरएम दफ्तर पर भी आयोजित गेट सभा में मण्डल अध्यक्ष संपत राम मीना ने कहा कि रेलवे में सफाई कर्मचारियों की आउट सोर्सिंग पर तैनाती कर इस पद को खत्म किया गया, जबकि ट्रेन का संचालन निजी हाथों में देने के लिए 50 फीसद पद खत्म कर दिए गए. अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में रेलवे को निजीकरण का फैसला निरस्त करना चाहिए. इस मौके पर एसोसिएशन ने सीनियर डीपीओ पर पदोन्नति में आरक्षण नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया. रेलकर्मियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि इससे लोको पायलटों का उत्पीड़न हो रहा है.
इस मौके पर उत्तर रेलवे में मंडल अध्यक्ष भवन प्रसाद पासवान, कार्यवाहक मंडल अध्यक्ष जनार्दन प्रसाद, मंडल मंत्री अखिलेश चंद गौतम, अपर मंडल मंत्री सुषमा रानी, मंडल कोषाध्यक्ष विश्वेश्वर बड़ाईक, केंद्रीय कमेटी से वाईआर सागर, जोनल कमेटी से राजेश कुमार, आरके चौधरी और पूर्वोत्तर रेलवे पर मण्डल मंत्री राम प्रकाश, जोनल कार्यकारी अध्यक्ष एमएल अहिरवार, सुनील पासवान सहित कई कर्मचारी उपस्थित रहे.