लखनऊ: रेलवे प्रशासन की रोक के बावजूद उत्तर रेलवे के हजारों रेलकमर्मियों को नाइट ड्यूटी एलाउंस मिलता रहा. प्रतिबंध के बावजूद कर्मचारी नाइट ड्यूटी एलाउंस लेते रहे, लेकिन अब उन पर यह भारी पड़ने वाला है. अब कार्मिक विभाग ने कर्मचारियों को मिलने वाले नाइट ड्यूटी एलाउंस की रिकवरी करने के आदेश दिए हैं. कार्मिक विभाग की रिकवरी की नोटिस पर उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन ने उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम को पत्र भेजकर रिकवरी के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है.
हजारों कर्मचारियों ने लिया नाइट ड्यूटी एलाउंस
रेलवे बोर्ड ने अब रेल कर्मियों को मिलने वाले नाइट ड्यूटी एलाउंस के मामले में जारी आदेश में सीलिंग की लिमिट निर्धारित कर दी है. आदेश में जिन रेल कर्मचारियों का मूल वेतन 43600 रुपए है या इससे कम, सिर्फ उन्हीं को नाइट ड्यूटी एलाउंस देने के आदेश दिए हैं. इसमें नाइट एलाउंस लेने वाले 90 फीसदी रेलकर्मी बाहर हो गए हैं. इसके बाद कार्मिक विभाग ने 43600 मूल वेतन से ज्यादा वेतन पाने वाले कर्मचारियों को अब तक लेने वाले नाइट ड्यूटी एलाउंस को वापस जमा करने के आदेश दिए हैं.
तीन लाख रुपये तक करनी पड़ सकती है वापसी
जो कर्मचारी अभी तक आराम से नाइट ड्यूटी एलाउंस लेते रहे हैं, अब उन्हें वापस अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी. प्रत्येक कर्मचारी को एक से लेकर तीन लाख रुपये तक रिकवरी के बदले जमा करने पड़ सकते हैं. ऐसे में लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट, टिकट चेकिंग कर्मी, गार्ड, स्टेशन मास्टर और मैकेनिकल और कंट्रोलरों को पहली जुलाई 2017 के बाद से लिए गए नाइट ड्यूटी एलाउंस की धनराशि वापस करनी पड़ेगी.
डीआरएम को लिखा पत्र
उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन के मंडल मंत्री रवि सिन्हा का साफ कहना है कि रेलवे बोर्ड का यह आदेश बिल्कुल भी सही नहीं है. इससे कर्मचारी हतोत्साहित होंगे. इसे लेकर डीआरएम को पत्र लिखा है. उम्मीद है कि यह निर्णय वापस लिया जाएगा और कर्मचारियों को राहत दी जाएगी.