लखनऊ: हाई स्पीड ट्रेन चलाने का हुनर सीखने लखनऊ रेलवे के अधिकारी जापान गए. भारतीय रेलवे की मंशा है कि अब यात्रियों को हाई स्पीड ट्रेन की सौगात दी जाए. इसके लिए रेलवे काम में भी जुट गया है. चाहे वह डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनाना हो या ट्रैक स्पीड बढ़ाने का खाका तैयार करना हो. अधिकारी इस ओर गंभीरता से प्रयास में लगे हुए हैं. इसके अलावा कमर्शियल से लेकर ऑपरेटिंग विभाग के अफसर भी इसके लिए बाकायदा ट्रेनिंग करने जापान भी भेजे जा रहे हैं.
जापान भेजकर दिलाई जा रही ट्रेनिंग
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए रेलवे के अफसरों को जापान भेजकर ट्रेनिंग दिलाई जा रही है. इन अधिकारियों में कमर्शियल विंग से लेकर ऑपरेटिंग विंग तक के अफसर शामिल हैं. यह सभी जापान में इन दिनों प्रशिक्षण लेने के लिए गए हुए हैं. ट्रेनिंग में सीखी बारीकियों का इस्तेमाल यहां पर ट्रेनों की गति बढ़ाने में किया जाएगा.
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स्पीड बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने का प्लान
हाई स्पीड ट्रेन चल सकें इसके लिए स्ट्रक्चर तैयार करने की भी कवायद शुरू हो गई है. कॉरिडोर बनाया जा रहा है, ट्रैक स्पीड बढ़ाने का स्ट्रक्चर भी बन रहा है. इसके लिए बाकायदा 6000 करोड़ रुपये का बजट भी दिया गया है, जिनमें दो प्रमुख रूट दिल्ली से मुंबई और हावड़ा पर ट्रेनों की रफ्तार में बढ़ोतरी होगी. इन रूटों पर ट्रैक स्पीड बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने का प्लान है, जिससे सेमी और हाई स्पीड ट्रेनें आसानी से इन ट्रैक पर दौड़ सकें.
इसके अलावा रेलवे मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी में भी जुटा हुआ है. इसके लिए जापान से सहयोग लिया जा रहा है. टेक्नोलॉजी को जानने व समझने के लिए ट्रेन के ऑपरेशन से लेकर यात्री सुविधाओं और कमर्शियल एक्टिविटीज तक का प्रशिक्षण रेलवे के अधिकारी जापान से ले रहे हैं.
डायरेक्टर सुदीप सिंह ट्रेनिंग के लिए गए जापान
हाल ही में भारतीय रेलवे ने उत्तर रेलवे के चारबाग स्टेशन के डायरेक्टर सुदीप सिंह को ट्रेनिंग के लिए जापान भेजा गया है. यहां से हाई स्पीड ट्रेनों के संचालन का हुनर सीकर 26 जनवरी को वे वापस लौटेंगे. इसके अलावा रेलवे ने पूर्वोत्तर उत्तर मध्य सहित अन्य रेलवे जोन से भी अफसरों को जापान भेज कर ट्रेनिंग दिलानी शुरू कर दी है. यही अफसर जापान से ट्रेनिंग लेकर भारतीय ट्रैकों पर हवा से बात करते हुए हाई स्पीड ट्रेन को दौड़ाने की राह आसान करेंगे.