लखनऊ: भारत सरकार की परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद ने लखनऊ में उत्तर रेलवे के इंडोर अस्पताल को सीटी स्कैन करने की इजाजत दे दी है. इससे अब करोड़ों रुपये की सीटी स्कैन मशीन का बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकेगा. हालांकि स्कैनिंग करने वाले कर्मचारियों को मरीजों का सीटी स्कैन करने के दौरान एटॉमिक एक्ट का पालन करना आवश्यक होगा.
अब मिल सकेंगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) संजय त्रिपाठी ने बताया कि केंद्र सरकार से सहमति मिलने के बाद अब जल्द ही मरीजों को अस्तपाल में ही सीटी स्कैनिंग की सुविधा दी जाएगी. बता दें कि रेलवे अस्पताल को सीटी स्कैन की अनुमति मिलने से रेलवे के तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों को अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी. इससे पहले इस अस्पताल में अन्य बीमारियों का तो इलाज हो रहा था, लेकिन सीटी स्कैन की व्यवस्था नहीं थी. अब सरकार से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी हुई है.
कोरोना मरीजों का भी हुआ था इलाज
कोरोना वायरस का प्रकोप जब तेजी से फैल रहा था तो उत्तर रेलवे के इस इंडोर अस्पताल को भी एल-1 अस्पताल के रूप में तब्दील कर दिया गया था. यहां पर तमाम कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों का इलाज किया गया. यहां पर बेहतर इलाज के कारण संक्रमण से ग्रसित रोगियों को दुरुस्त कर वापस भेजा गया. यही वजह है कि अब सरकार ने इस अस्पताल को बेहतर इलाज के कारण सीटी स्कैन की भी सुविधा प्रदान कर दी है.