लखनऊः रेलवे के अधिकारियों के गजब के कारनामे हैं. इंजीनियर ने हैदरगढ़ रेलवे डिपो में गार्ड से मारपीट (Guard assaulted at Haidergarh railway depot) कर कॉपर तार चोरी होने का फर्जी मुकदमा लिखवा दिया और इसी के सहारे 40 लाख रुपये का ओवरहेड इलेक्ट्रिक तार (overhead electric wire) ठिकाने लगा दिया. आरपीएफ व सीआईबी की टीम ने मामले की छानबीन कर बुधवार को इसका खुलासा किया. उतरेटिया में ठेकेदार के गोदाम से 17 लाख रुपये के आठ ड्रम तार बरामद किए. मामले में उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के अधिकारियों की संलिप्तता भी सामने आ रही है.
मामला तीन दिसंबर का है. हैदरगढ़ में उत्तर रेलवे का गोदाम है, जहां ओएचई वायर वगैरह रखे जाते हैं. जूनियर इंजीनियर (टीआरडी) रत्नेशपति त्रिपाठी की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया कि गोदाम के गार्ड को पीटकर तार चोरी कर लिया गया है. मामला निहालगढ़ आरपीएफ ने दर्ज कर लिया. इसके बाद आरपीएफ व अपराध शाखा सीआईबी की टीम ने पड़ताल शुरू की और बुधवार को खुलासा किया. रेलवे इंजीनियर ही शातिर निकला. आरपीएफ ने बताया कि रेलवे इंजीनियर ने फर्जी रिपोर्ट लिखवाकर तार पार कर दिया था. जांच में लगे अफसरों ने बताया कि ओएचई (ओवरहेड इक्विपमेंट) तार से इंजन में पावर सप्लाई होती है. यह कॉपर के होते हैं. कुल 16 ड्रम वायर था. इससे सिंदूरवा में इंडोगल्फ फर्टिलाइजर में विद्युतीकरण (Electrification at Indogulf Fertilizer) का काम किया गया.
इसके बाद करीब 8 ड्रम कॉपर तार बचा था. रेलवे इंजीनियर रत्नेश पति त्रिपाठी ने इस तार को पार करने के लिए एसएसई टीआरडी, आलमबाग के नाम फर्जी चिट्ठी बनवाई. कहा कि इस तार को लखनऊ में जमा करवाना है और तार ठेकेदार संजय गोस्वामी के ट्रक पर लदवा दिया, लेकिन ये ट्रक आलमबाग की जगह उतरेटिया में ठेकेदार के गोदाम पर पहुंचाकर तार पार कर दिया. यह काम दो दिसंबर को ही पूरा कर लिया गया था, जबकि हैदरगढ़ डिपो में तार चोरी की कहानी अगले दिन गढ़ी गई. बुधवार को आरपीएफ ने छापेमारी कर उतरेटिया से 17 लाख रुपये के आठ तार ड्रम बरामद किए.
उत्तर रेलवे के आरपीएफ कमांडेंट श्रेयांश चिंचावड़े ने बताया कि 'रेलवे डिपो से ओएचई वायर चोरी होने का मामला दर्ज हुआ था. आरपीएफ ने इसका खुलासा किया है. आठ ड्रम तार उतरेटिया से बरामद हुए हैं. रेलवे इंजीनियर सहित पांच गिरफ्तार किए गए हैं'.