लखनऊ: लखनऊ में निगोहां रेलवे स्टेशन (Lucknow Nigohan Railway Station) पर प्रचंड गर्मी में रेल की पटरी पिघल गई थी (Rail track melted in Lucknow) और इसी पटरी से कम स्पीड में नीलांचल एक्सप्रेस गुजर गई थी. यहां पर बड़ा हादसा हो सकता था लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से ट्रेन को नियंत्रित कर लिया गया. अब इस मामले की जांच के लिए रेलवे प्रशासन की तरफ से तीन इंजीनियरों की टीम का गठन किया गया है.
तीनों इंजीनियर ट्रैक से ट्रेन गुजरने की जांच कर रहे हैं. बुधवार तक इसकी रिपोर्ट सामने आ जाएगी कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है और असल वजह क्या थी. सोमवार को इंजीनियरों की टीम ने पटरियों को जांचने के बाद स्टेशन मास्टर से पूछताछ की. टीम अब नीलांचल एक्सप्रेस के लोको पायलट और गार्ड से पूछताछ करेंगी.
निगोहां रेलवे स्टेशन के लूप लाइन से बीती 17 जून दिन शनिवार को दोपहर ढाई बजे के करीब जगन्नाथ पुरी से आनंदविहार जाने वाली नीलांचल एक्सप्रेस टेढ़ी पटरियों से गुजर गई थी. इस दौरान लोको पायलट को कई झटके महसूस हुए. लोको पायलट ने ट्रेन रोकी तो टेढ़ी पटरियों को देखते ही उसके होश उड़ गए. इस घटना के बाद उत्तर रेलवे के डीआरएम ने जांच के आदेश दिए थे. जांच के लिए इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, ऑपरेटिंग के अफसर शामिल किए गए, वहीं जांच में दोषी पाए जाने वाले रेल कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी. यहीं नहीं ट्रैक के निरीक्षण को लेकर लापरवाही की भी जांच की जा रही है.
बता दें कि उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) एसके सपरा के निर्देश पर निगोहा रेलवे स्टेशन का निरीक्षण कर लूप लाइन की जांच शुरू होने के बाद बुधवार को इंजीनियरिंग विभाग की टीम अपनी रिपोर्ट डीआरएम को सौंपेगी. डीआरएम सुरेश कुमार सपरा ने बताया कि संरक्षा की दृष्टि से लूप लाइन की जांच शुरू कराई गई है. पता कराया जा रहा है कि आखिर मेन लाइन पर मालगाड़ी को खड़ा करने के बाद नीलांचल एक्सप्रेस को लूप लाइन पर क्यूं मोड़ा गया. इस लूपलाइन की पटरी की जांच क्यों नहीं की गई.
ये भी पढ़ें- ईटीवी भारत की खबर का असर, उपभोक्ताओं की शिकायतों को लेकर नियामक आयोग में याचिका दाखिल