लखनऊ : भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) इंदौर ने शनिवार को कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट)-2020 के परिणाम जारी कर दिए. लखनऊ के रहने वाले राहुल शर्मा ने 100 परसेंटाइल लाकर शहर का नाम रोशन किया है. इसके अलावा सिटी के शिखर महेन्द्रा ने 99.25 परसेंटाइल, सुलेमान कजलबाश ने 99.48 परसेंटाइल और रिषभ गुप्ता ने 99 परसेंटाइल हासिल किए हैं. इनके साथ शहर के बहुत से स्टूडेंट्स ने 99 प्रतिशत की श्रेणी में अपना नाम दर्ज करवाया है. कैट-2020 परीक्षा के परिणाम iimcat.ac.in पर अपलोड किए गए हैं.
बदला हुआ था पेपर का पैटर्न
प्राइवेट कोचिंग के टीचर अभिषेक सिंघानिया का कहना हैं कि इस साल पेपर का पैटर्न बदला हुआ था, लेकिन इसके बावजूद स्टूडेंट्स ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. वहीं अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार रीजनिंग में स्टूडेंट्स को अधिक सफलता मिली है. राजधानी के मेधावियों ने देश के टॉप प्रबंधन संस्थानों में दाखिला लेने का अपना सपना पूरा कर लिया है. दरअसल, नवम्बर माह में कैट-2020 परीक्षा का आयोजन किया गया था, जिसमें राजधानी समेत देश भर में दो लाख से अधिक स्टूडेंट्स परीक्षा में शमिल हुए थे.
'शेड्यूल बनाकर करनी चाहिए पढ़ाई'
मेधावी छात्र राहुल शर्मा ने बताया कि सही गाइडेंस के साथ पढ़ाई की, तभी सफलता मिल सकी है. सभी विषयों को अलग-अलग समय देकर पढ़ाई की थी. उन्होंने कहा कि हमेशा शेड्यूल बनाकर पढ़ाई करनी चाहिए.
'सपना हुआ साकार'
छात्र सुलेमान कजलबाश ने बताया कि मैंने सेल्फ स्टडी के साथ मॉक्स टेस्ट पर भी फोकस किया था. खुद के भी नोट्स बना कर पढ़ता था. मेरी माता डॉ. समिना शफी शिया पीजी कॉलेज में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं. मेरा सपना था कि मैं आईआईएम के किसी इंस्टीट्यूट में पढ़ सकूं.
'पेपर पैटर्न बदलने से हुई परेशानी'
छात्र रिषभ गुप्ता ने बताया कि पेपर पैटर्न बदलने से काफी समस्या का समना करना पढ़ा. इस बार 40 मिनट के समय में 26 प्रश्न हल करने थे. पहले 60 मिनट में 34 प्रश्न हल करने होते थे, इस वजह से टाइम मैनेजमेंट होने में काफी परेशानी हुई.