लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े विभाग लोक निर्माण विभाग में अफसर के बीच जबर्दस्त खींचतान चल रही है. यहां विभाग अध्यक्ष के पास कोई काम नहीं है और उनको पूरी तरह से खाली कर दिया गया है. विभाग अध्यक्ष को केवल जिलों में दौरा करने और अधिकारियों की बैठक करने तक सीमित कर दिया गया है. जबकि रिटायर विभाग अध्यक्ष वीके सिंह सलाहकार बनाकर सारी जिम्मेदारी उठा रहे हैं. ऑन रिकॉर्ड विभाग अध्यक्ष की जिम्मेदारियां एक अन्य जूनियर मुख्य अभियंता को दे दी गई है. इस वजह से विभाग के कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं अनेक पत्रावलियां फंसी हुई हैं.
अफसर की लॉबी आमने-सामने : लोक निर्माण विभाग में पिछले कुछ समय में बड़े बदलाव हुए हैं. जिसकी वजह से यहां अफसर की पूरी लॉबी आमने-सामने हो चुकी है. कितने बड़े बदलावों के बावजूद कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है. लोक निर्माण विभाग के इतिहास में पहली बार एक सलाहकार को नियुक्त किया गया है. समाजवादी पार्टी के शासनकाल में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बहुत निकट बताए जाने वाले विभाग अध्यक्ष रहे सेवानिवृत्ति इंजीनियर वीके सिंह को विभाग का सलाहकार नियुक्त किया गया है. लगभग दो महीने पहले वह इस बदलाव के बाद लगातार ही नए तरीके के परिवर्तन सामने आ रहे हैं.
अधिकारियों में असंतोष : वरिष्ठता क्रम के आधार पर विभाग के अध्यक्ष बनाए गए इंजीनियर एके जैन से उनके समस्त काम वापस लेकर केवल जिलों के दौर में लगा दिया गया है. जहां वे गुणवत्ता संबंधित विषयों पर अधिकारियों की बैठक ले रहे हैं. दूसरी ओर उनके जूनियर प्रमुख अभियंता ग्रामीण सड़क वीके श्रीवास्तव को उनके सभी काम देकर अभूतपूर्व बदलाव पीडब्ल्यूडी में किया गया है. बजट जैसे महत्वपूर्ण काम भी उनको दिए गए हैं. लोक निर्माण विभाग में पहली बार ऐसा हुआ है. लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव अजय कुमार सिंह चौहान की ओर से यह आदेश जारी होने के बाद से ही विभाग में अधिकारियों के बीच असंतोष व्याप्त है. फिलहाल इस महत्वपूर्ण विषय पर लोक निर्माण विभाग से लेकर शासन स्तर तक का कोई भी अफसर मीडिया से बातचीत करने के लिए तैयार नहीं है. बहुत उच्च स्तर से किए गए बदलाव बताए जा रहे हैं.
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