लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार अब एक्शन में दिखाई दे रही है. क्योंकि इन दिनों प्रदेश में महिलाओं और बच्चों को लेकर हो रहे अपराधों में खासी तेजी आई है. वही प्रदेश अभियोजन विभाग महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध के मामलों में 1388 मामलों में सजा दिलाने में कामयाब हुई है. दिसंबर 2019 तक 926 मामलों में आरोपियों को सजा हुई है, तो अगस्त 2020 तक 462 मामलों में अब तक आरोपियों को सजा हुई है.
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि संविधान ने किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध अपराध करने वालों को अभियोजन और दंडित करने का दायित्व राज्य को सौंपा है. इसलिए राज्य का यह कार्य है की महिला एवं बालक- बालिकाओं को निर्भर बनाने और प्रदेश की कानून व्यवस्था में उनकी आस्था को मजबूत करने हेतु अभियोजन विभाग संकल्पित है.
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हुए 1388 मामलों में हुई सजा
अगस्त 2019 से दिसंबर 2019 तक महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध हुए 926 मामलों में अपराधियों को सजा कराई गई, तो वर्ष 2020 में 31 अगस्त तक 462 मामलों में आरोपियों को सजा हुई है. वही अभियोजन निदेशालय जल्द ही अपनी आधिकारिक वेबसाइट भी लांच करने जा रहा है. यह जानकारी अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने दी. मिशन शक्ति अभियान के दौरान प्रभावी अभियोजन के माध्यम से दुष्कर्म, दुष्कर्म सहित हत्या, दुष्कर्म प्रयास बालकों के विरुद्ध यौन अपराध करने वालों अपराधियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी.
अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन आशुतोष पांडे ने बताया कि मिशन शक्ति अभियान की अवधि में प्रभावी अभियोजन के माध्यम से 1388 मामलों में आरोपियों को सजा हुई है. शक्ति साक्षी हेल्पलाइन के अंतर्गत अभियोजन निदेशालय मुख्यालय परिसर में साक्षी एवं पीड़ित हेल्पलाइन स्थापित की गई है. जिसके माध्यम से हेल्पलाइन नंबर 0522- 2720712 तथा सीयूजी नंबर 94 5440 05715 पर कोई भी पीड़ित सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक अपने अभियोग की वर्तमान स्थिति और निशुल्क परामर्श प्राप्त कर सकेगा.