ETV Bharat / state

कोर्ट ने डाक विभाग के पब्लिक रिलेशन इंस्पेक्टर व पोस्टल असिस्टेंट को सुनाई चार साल की सजा

डाक विभाग के पब्लिक रिलेशन इंस्पेक्टर और पोस्टल असिस्टेंट को चार साल की सजा सुनाई है. साथ ही मुल्जिमों पर 24-24 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

ETV BHARAT
सीबीआई के विशेष
author img

By

Published : Aug 4, 2022, 11:02 PM IST

लखनऊ: सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेने के एक मामले में महानगर पोस्ट आफिस के तत्कालीन पब्लिक रिलेशन इंस्पेक्टर नरेश पाल सिंह और पोस्टल असिस्टेंट श्रवण कुमार को चार-चार साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इन दोनों मुल्जिमों पर 24-24 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

14 मई, 2015 को इस मामले की शिकायत मेसर्स बालाजी प्रतिष्ठान के प्रोपराइटर सचिन वर्मा ने दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक उसकी फर्म धार्मिक वस्तुओं आदि का व्यापार पार्सल के माध्यम से करती है. इसके लिए वह महानगर पोस्ट आफिस गया. वहां बताया गया कि उसके फर्म का सत्यापन होना है. इसके लिए पीआरई एनपी सिंह ने बड़े बाबू श्रवण कुमार के माध्यम से खर्चा-वर्चा के रुपये में 15 हजार की मांग की. कहा कि इसके बाद ही सत्यापन होगा. वरना कागज लेकर टहलते रहना. 15 मई, 2015 को उनकी इस शिकायत पर सीबीआई ने श्रवण कुमार को 10 हजार की रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. जबकि मुल्जिम नरेश पाल सिंह मौके से भाग गया था. विवेचना के दौरान इसे भी गिरफ्तार कर लिया गयाय

यह भी पढ़ें- 21 साल पुराने मामले में बाहुबली बृजेश सिंह को जमानत, जेल से रिहा


फर्जी बैनामा करने के मामले में मुल्जिम की जमानत अर्जी खारिज
वहीं, एक अन्य मामले में प्रभारी जज अनुरोध मिश्र ने एक महिला की जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा कराने के अभियुक्त गुरुचरन की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया इसके अपराध को गंभीर करार दिया है. 21 सितंबर, 2021 को इसकी एफआईआर शांति देवी ने थाना नगराम में दर्ज कराई थी. सरकारी वकील अरुण पाण्डेय के मुताबिक मुल्जिम इस फर्जी बैनामे का गवाह है. इस जमीन को हाइटेक ग्रीन सिटी को बेच दिया गया था. इसके बाद कम्पनी ने कई अन्य लोगों को बेच दिया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप


लखनऊ: सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेने के एक मामले में महानगर पोस्ट आफिस के तत्कालीन पब्लिक रिलेशन इंस्पेक्टर नरेश पाल सिंह और पोस्टल असिस्टेंट श्रवण कुमार को चार-चार साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इन दोनों मुल्जिमों पर 24-24 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

14 मई, 2015 को इस मामले की शिकायत मेसर्स बालाजी प्रतिष्ठान के प्रोपराइटर सचिन वर्मा ने दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक उसकी फर्म धार्मिक वस्तुओं आदि का व्यापार पार्सल के माध्यम से करती है. इसके लिए वह महानगर पोस्ट आफिस गया. वहां बताया गया कि उसके फर्म का सत्यापन होना है. इसके लिए पीआरई एनपी सिंह ने बड़े बाबू श्रवण कुमार के माध्यम से खर्चा-वर्चा के रुपये में 15 हजार की मांग की. कहा कि इसके बाद ही सत्यापन होगा. वरना कागज लेकर टहलते रहना. 15 मई, 2015 को उनकी इस शिकायत पर सीबीआई ने श्रवण कुमार को 10 हजार की रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. जबकि मुल्जिम नरेश पाल सिंह मौके से भाग गया था. विवेचना के दौरान इसे भी गिरफ्तार कर लिया गयाय

यह भी पढ़ें- 21 साल पुराने मामले में बाहुबली बृजेश सिंह को जमानत, जेल से रिहा


फर्जी बैनामा करने के मामले में मुल्जिम की जमानत अर्जी खारिज
वहीं, एक अन्य मामले में प्रभारी जज अनुरोध मिश्र ने एक महिला की जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा कराने के अभियुक्त गुरुचरन की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया इसके अपराध को गंभीर करार दिया है. 21 सितंबर, 2021 को इसकी एफआईआर शांति देवी ने थाना नगराम में दर्ज कराई थी. सरकारी वकील अरुण पाण्डेय के मुताबिक मुल्जिम इस फर्जी बैनामे का गवाह है. इस जमीन को हाइटेक ग्रीन सिटी को बेच दिया गया था. इसके बाद कम्पनी ने कई अन्य लोगों को बेच दिया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.