लखनऊ: लॉक डाउन के कारण बंद हुए कार्यो के शुरू होने के साथ मजदूरों की गाड़ी पटरी पर लौट रही है. रोजगार सृजन हेतु केंद्र सरकार की ओर से संचालित मनरेगा योजना विकासखंड मलिहाबाद में श्रमिकों के लिए वरदान साबित हो रही है. ग्राम पंचायतों में बाहर से आए हुए श्रमिकों को युद्ध स्तर पर रोजगार प्रदान कर यह योजना उनके जीविकोपार्जन के लिए संजीवनी का कार्य कर रही है.
ग्राम पंचायतों में ढाई हजार श्रमिकों को दिया जा रहा रोजगार
वर्तमान में विकासखंड मलिहाबाद की 59 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के अंतर्गत कार्य चल रहे हैं और रोजगार सृजित किए जा रहे हैं. खंड विकास अधिकारी संस्कृता मिश्रा ने बताया कि अभी ग्राम पंचायतों में प्रतिदिन ढाई हजार श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा है. शीघ्र ही यह लक्ष्य बढ़ाकर प्रतिदिन 3000 श्रमिकों का कर दिया जाएगा. जो भी प्रवासी श्रमिक कार्य करने के इच्छुक हैं उनको जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा. प्रमुख रूप से जल संचयन सम्बन्धी कार्य तालाब खुदाई, खेत, तालाब आदि को वरीयता दी जा रही है.
तालाब का किया जा रहा निर्माण
विकासखंड की ग्राम पंचायत खड़ता में व्यक्तिगत लाभार्थी छेदीलाल के खेत में तालाब का निर्माण किया जा रहा है, जिससे मत्स्य पालन कर उनकी आजीविका में वृद्धि होगी. इसी प्रकार ग्राम पंचायत दतली में वर्षा ऋतु से पूर्व बेता नाले के किनारे मिट्टी कटान को रोकने हेतु चंद्रपाल के खेत से प्रेमवती के खेत तक बंधा निर्माण किया जा रहा है.
कार्य के दौरान मनरेगा मजदूर सोशल डिस्टेंसिंग का रख रहे हैं ख्याल
जल संचयन के लिए ग्राम पंचायत मोहम्मद नगर तालुकेदारी में चौधरी तालाब का निर्माण युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. वहीं इन कार्यों के दौरान उचित सोशल डिस्टेंसिंग का पालन मजदूर कर रहे हैं. साथ ही ग्राम पंचायतों में काम करने वाले मजदूरों में महिलाओं की बड़ी भागीदारी है.