लखनऊः पिछले 7 दिनों से चल रहे घंटाघर पर महिलाओं के प्रदर्शन में रोजाना कुछ नए क्रियाकलाप होते दिख रहे हैं. गुरुवार को इस प्रदर्शन में मशहूर शायरों ने आकर अरदास की और महिलाओं के साथ होने की बात कही. वहीं दूसरी ओर कुछ शायरों ने भी अपने नज्में और तराने सुना कर महिलाओं को यह संदेश दिया कि वह भी उनके साथ हैं.
प्रदर्शन के सातवें दिन हुसैनाबाद के घंटाघर पर सुबह से ही कुछ अलग-अलग तरह के कार्यक्रम इस प्रदर्शन में हो रहे थे. इस प्रदर्शन में गुरुवार को लखनऊ और कानपुर के कुछ मशहूर शायरों ने भी शिरकत की और अपनी नज्में और तराने पढ़कर महिलाओं को यह संदेश दिया कि कुछ भी हो जाए वह अपने आंदोलन को जारी रखें.
मशहूर शायर चरण सिंह बशर ने यहां पर आकर सभी महिलाओं से कहा कि लोग चाहे जितना दम लगा लें, लेकिन महिलाओं से आगे कभी कोई नहीं हो सका है. वह एक बार अगर ठान लें तो हर मुश्किल काम को कर गुजरती हैं. इसके साथ ही उन्होंने घंटाघर पर खड़े होकर हुक्मरानों के नाम नज्म सुनाई 'जो शोलों की फजा तैयार करते जा रहे हो तुम, तुम्हारे घर में एक दिन यह फिजा बारूद भर देगी, वतन के हुक्मरानों मैं तुम्हें आगाह करता हूं, तुम्हारी मुजरिमाना जिद तुम्हें बर्बाद कर देगी'
शायरा डॉक्टर नसीम निखत ने भी अपना तराना सुना कर महिलाओं को यह आश्वासन दिया कि उनका यह आंदोलन जरूर सफल होगा. डॉक्टर निखत ने 'अब तेरे सामने हक की आवाज है जुल्म से यह बगावत का आगाज है' तराना गाया. इन शायरों में शबाना अदीब, चरण सिंह बशर, डॉक्टर नसीम निखत समेत कई अन्य शायरों ने भी अपनी और कई अन्य शायरों की नज्में पढ़ीं.