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सालों की मेहनत के बाद मिलता है सर्जरी का अधिकार, 6 महीने में सिखाना खतरनाक - इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से लखनऊ में पैदल मार्च व विरोध प्रदर्शन

आयुर्वेदिक डॉक्टरों के 6 महीने का कोर्स कराकर सर्जरी का अधिकार देने का तमाम डॉक्टर विरोध कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को इस फैसले के विरोध में एलोपैथिक डॉक्टरों ने मार्च निकाला.

एलोपैथिक डॉक्टरों ने मार्च निकाला
एलोपैथिक डॉक्टरों ने मार्च निकाला
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Published : Dec 9, 2020, 8:37 AM IST

Updated : Dec 9, 2020, 9:57 AM IST

लखनऊः आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी करने का अधिकार देने के फैसले का तमाम एलोपैथिक चिकित्सक विरोध कर रहे हैं. इस फैसले के विरोध में मंगलवार को राजधानी लखनऊ के रिवर बैंक कॉलोनी स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ के कार्यालय से शहीदी स्मारक तक पैदल मार्च किया गया. प्रदर्शन में शामिल डॉक्टरों ने हाथों में काला फीता बांधकर विरोध किया. प्रदर्शन के दौरान किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेजिडेंट डॉक्टरों ने इस फैसले पर रोष जताया. इन रेजिडेंस डॉक्टरों ने कहा कि सरकार का यह फैसला जनविरोधी है.

एलोपैथिक डॉक्टरों ने मार्च निकाला

सालों पढ़ाई के बाद मिलता है अधिकार
मार्च के दौरान किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेजिडेंट डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें सर्जरी का अधिकार सालों पढ़ाई करने के बाद दिया जाता है. कुछ महीनों की ही पढ़ाई में सर्जरी कर पाना नामुमकिन है. सरकार का यह फैसला लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाला है. केजीएमयू थर्ड ईयर की रेजिडेंट डॉक्टर लक्ष्या ने कहा कि सरकार के अनुसार आयुर्वेदिक चिकित्सकों को 6 महीने का ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा. इस कोर्स के बाद उन्हें मरीजों की सर्जरी करने का अधिकार दे दिया जाएगा. 6 महीनों में इन खतरनाक बीमारियों की सर्जरी कर पाना नामुमकिन है. उन्होंने कहा कि हमें सर्जरी करने के लिए सालों पढ़ाई करनी पड़ती है. वहीं, केजीएमयू के ही रेजिडेंट डॉक्टर अंचल जैन ने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला एलोपैथिक डॉक्टरों को डिमोटिवेट करने वाला है. इस फैसले का हम सभी रेजीडेंट डॉक्टर विरोध करते हैं.

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एलोपैथिक डॉक्टरों ने मार्च निकाला
क्या कहता है केंद्र सरकार का नोटिफिकेशनआयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी का अधिकार देने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि अब आयुर्वेदिक डॉक्टर दूरदराज इलाकों में मरीजों की सर्जरी शहर की तरह कर सकेंगे. सरकार की तरफ से कहा गया है कि अब इन डॉक्टरों को सर्जरी के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. इसमें आंख, कान, नाक व जनरल सर्जरी शामिल हैं. इस साथ ही आयुष डॉक्टरों को अन्य कई तरह की सर्जरी का अधिकार दिया जा रहा है. जनता को किया जाएगा जागरूक सांकेतिक प्रदर्शन व मार्च के दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष रमा श्रीवास्तव, महिला विंग्स की डॉ. रुखसाना खान, सचिव डॉ. जी डी रावत, पूर्व अध्यक्ष डॉ. पी के गुप्ता, नवनिर्वाचित लखनऊ के अध्यक्ष डॉ. मनीष टंडन, डॉ. मनोज अस्थाना, डॉ. अनूप अग्रवाल, डॉ. प्रांजल अग्रवाल ने सरकार के इस फैसले को लेकर नाराजगी जाहिर की है. इन्होंने सरकार के इस फैसले को खिचड़ी इलाज बताया है.

लखनऊः आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी करने का अधिकार देने के फैसले का तमाम एलोपैथिक चिकित्सक विरोध कर रहे हैं. इस फैसले के विरोध में मंगलवार को राजधानी लखनऊ के रिवर बैंक कॉलोनी स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ के कार्यालय से शहीदी स्मारक तक पैदल मार्च किया गया. प्रदर्शन में शामिल डॉक्टरों ने हाथों में काला फीता बांधकर विरोध किया. प्रदर्शन के दौरान किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेजिडेंट डॉक्टरों ने इस फैसले पर रोष जताया. इन रेजिडेंस डॉक्टरों ने कहा कि सरकार का यह फैसला जनविरोधी है.

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सालों पढ़ाई के बाद मिलता है अधिकार
मार्च के दौरान किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेजिडेंट डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें सर्जरी का अधिकार सालों पढ़ाई करने के बाद दिया जाता है. कुछ महीनों की ही पढ़ाई में सर्जरी कर पाना नामुमकिन है. सरकार का यह फैसला लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाला है. केजीएमयू थर्ड ईयर की रेजिडेंट डॉक्टर लक्ष्या ने कहा कि सरकार के अनुसार आयुर्वेदिक चिकित्सकों को 6 महीने का ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा. इस कोर्स के बाद उन्हें मरीजों की सर्जरी करने का अधिकार दे दिया जाएगा. 6 महीनों में इन खतरनाक बीमारियों की सर्जरी कर पाना नामुमकिन है. उन्होंने कहा कि हमें सर्जरी करने के लिए सालों पढ़ाई करनी पड़ती है. वहीं, केजीएमयू के ही रेजिडेंट डॉक्टर अंचल जैन ने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला एलोपैथिक डॉक्टरों को डिमोटिवेट करने वाला है. इस फैसले का हम सभी रेजीडेंट डॉक्टर विरोध करते हैं.

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क्या कहता है केंद्र सरकार का नोटिफिकेशनआयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी का अधिकार देने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि अब आयुर्वेदिक डॉक्टर दूरदराज इलाकों में मरीजों की सर्जरी शहर की तरह कर सकेंगे. सरकार की तरफ से कहा गया है कि अब इन डॉक्टरों को सर्जरी के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. इसमें आंख, कान, नाक व जनरल सर्जरी शामिल हैं. इस साथ ही आयुष डॉक्टरों को अन्य कई तरह की सर्जरी का अधिकार दिया जा रहा है. जनता को किया जाएगा जागरूक सांकेतिक प्रदर्शन व मार्च के दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष रमा श्रीवास्तव, महिला विंग्स की डॉ. रुखसाना खान, सचिव डॉ. जी डी रावत, पूर्व अध्यक्ष डॉ. पी के गुप्ता, नवनिर्वाचित लखनऊ के अध्यक्ष डॉ. मनीष टंडन, डॉ. मनोज अस्थाना, डॉ. अनूप अग्रवाल, डॉ. प्रांजल अग्रवाल ने सरकार के इस फैसले को लेकर नाराजगी जाहिर की है. इन्होंने सरकार के इस फैसले को खिचड़ी इलाज बताया है.
Last Updated : Dec 9, 2020, 9:57 AM IST
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