लखनऊ : केजीएमयू में संविदा पर डॉक्टरों की भर्ती की मंजूरी को लेकर विरोध शुरू हो गया है. शिक्षक संघ का कहना है कि संविदा पर डॉक्टरों की भर्ती विशेष परिस्थितियों में ही की जाए वरना स्थाई भर्ती ही हो. वहीं, शहर के अस्पतालों में ऑक्सीजन व्यवस्था भी दुरुस्त की जा रही है.
गौरतलब है कि केजीएमयू में गत सप्ताह कार्यपरिषद की बैठक हुई. इसमें खाली पदों पर संविदा पर शिक्षकों की भर्तियों का फैसला किया गया. इसे लेकर शनिवार को केजीएमयू शिक्षक संघ की बैठक हुई. संघ के अध्यक्ष डॉ. केके सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में केजीएमयू में 450 पदों पर डॉक्टर तैनात हैं.
यहां 188 पद खाली हैं. सरकार की तरफ से स्वीकृत पदों पर नियमित भर्ती होनी चाहिए. जिन विभागों में आसानी से डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं, उनमें मरीजों के हितों को देखते हुए संविदा के आधार पर डॉक्टर भर्ती किए जा सकते हैं. वरना अन्य विभागों में स्थाई शिक्षक की भर्ती की जाए.
पीजीआई के समान मिले वेतनमान
महामंत्री डॉ. संतोष कुमार ने कहा कि केजीएमयू के डॉक्टरों को पीजीआई के समान वेतन मिलना चाहिए. शासन-प्रशासन के अधिकारी वेतन देने में आनाकानी कर रहे हैं. सरकार ने मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया तो डॉक्टर आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
डॉ. केके सिंह ने कहा कि जल्द ही केजीएमयू लोहिया व कैंसर संस्थान के डॉक्टरों के साथ मिलकर नया मोर्चा बनाएगा. पीजीआई के समान वेतन के लिए आगे की रणनीति तय करेगा. उन्होंने लोहिया संस्थान के डॉक्टरों की मांग का समर्थन भी किया है.
ऑक्सीजन व्यवस्था जांची
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं. शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के 24 अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट और कनसंट्रेटर लगाए जा चुके हैं. इसमें चिनहट एमसीएच विंग, अलीगंज बीएमसी, बलरामपुर अस्पताल, कैंसर इंस्टीट्यूट, भाऊराव देवरस अस्पताल, कैंट हॉस्पिटल, इंदिरानगर सीएचसी, माल सीएचसी, रेडक्रास सीएचसी, टूडियागंज सीएचसी, डफरिन समेत दूसरे अस्पताल शामिल हैं.
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