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लोहिया संस्थान की इमरजेंसी की बढेंगी सुविधाएं, भेजा गया प्रस्ताव

यूपी की राजधानी लखनऊ में लोहिया संस्थान में इमरजेंसी बेड की संख्या 160 करने का प्रस्ताव तैयार हो गया है. इसे शासन के पास मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है. प्रस्ताव में डाक्टरों से लेकर टेक्निकल स्टाफ, स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वॉय, सफाईकर्मी, एनेस्थेटिक इत्यादि की मांग की गई है. प्रस्तावित इमरजेंसी में 24 डाक्टर होंगे. वहीं 500 से अधिक पैरामेडिकल और अन्य स्टाफ होंगे.

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Published : Sep 19, 2021, 2:25 AM IST

लोहिया संस्थान
लोहिया संस्थान

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीर मरीजों की मुश्किलों को देखते हुए अब राजधानी के सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सुविधाओं को बढ़ाने का फैसला किया है. ताकि किसी भी गंभीर मरीज की जान बेड, वेंटिलेटर और डाक्टरों के अभाव में नहीं जाने पाए. इसके तहत अब लोहिया संस्थान में इमरजेंसी बेडों की संख्या पांच गुना तक बढ़ने वाली है. इससे पहले एसजीपीजीआइ में सात गुना तक इमरजेंसी बेड बढ़ाने का एलान हो चुका है. मौजूदा वक्त में लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में अभी सिर्फ 38 बेड हैं. जिनमें से केवल छह बेड वेंटिलेटर युक्त हैं. ऐसे में कई बार बेड और वेंटिलेटर नहीं होने से गंभीर मरीजों की भी भर्ती नहीं हो पाती.

लोहिया संस्थान में इमरजेंसी बेड की संख्या 160 करने का प्रस्ताव तैयार हो गया है. इसे शासन के पास मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है. प्रस्ताव में डाक्टरों से लेकर टेक्निकल स्टाफ, स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वॉय, सफाईकर्मी, एनेस्थेटिक इत्यादि की मांग की गई है. प्रस्तावित इमरजेंसी में 24 डाक्टर होंगे. वहीं 500 से अधिक पैरामेडिकल और अन्य स्टाफ होंगे. नई इमरजेंसी के लिए कोई अलग भवन बनाने की जरूरत नहीं होगी. बल्कि मौजूदा इमरजेंसी के पीछे चल रही कैंटीन को हटाकर अतिरिक्त बेड बढ़ाए जा सकेंगे.

नई इमरजेंसी में होंगे 50 वेंटिलेटर
प्रस्तावित इमरजेंसी में करीब 50 बेड के आइसीयू की सुविधा होगी. आइसीयू के सभी बेड वेंटिलेटरयुक्त होंगे. ऐसे में गंभीर मरीजों की जान बचाना आसान होगा. इमरजेंसी में प्रमुख तौर से 20 बेड सर्जरी के लिए, 30 बेड मेडिसन के लिए व 30 बेड इमरजेंसी मेडिसिन के लिए व अन्य बेड दूसरे सभी प्रकार की इमरजेंसी के लिए सुरिक्षत होंगे.

अभी हर घंटे लौटाए जाते हैं दो से तीन मरीज
मौजूदा स्थिति यह है कि लोहिया संस्थान की इमरजेंसी से औसतन दो-तीन गंभीर मरीजों को हर घंटे बेड और वेंटिलेटर खाली नहीं होने के चलते वापस लौटना पड़ता है. ऐसे में मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भटकते हैं. इनमें से 80 फीसद से अधिक मरीज किसी दूसरे अस्पताल में भर्ती नहीं हो पाते. इनमें कुछ निजी अस्पताल में ठगे जाते हैं, कुछ लौट जाते हैं व कुछ की इलाज के अभाव में मौत हो जाती है.

लोहिया संस्थान निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद ने बताया कि ये प्रस्ताव पारित होने के बाद लोहिया की इमरजेंसी में कुल 160 बेड हो जाएंगे. इससे गंभीर मरीजों की मुश्किलें आसान होंगी. शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है. प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से इस बारे में हमारी मौखिक वार्ता भी हो चुकी है.प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही बेड व अन्य इमरजेंसी सुविधाएं बढ़ा दी जाएंगी.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीर मरीजों की मुश्किलों को देखते हुए अब राजधानी के सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सुविधाओं को बढ़ाने का फैसला किया है. ताकि किसी भी गंभीर मरीज की जान बेड, वेंटिलेटर और डाक्टरों के अभाव में नहीं जाने पाए. इसके तहत अब लोहिया संस्थान में इमरजेंसी बेडों की संख्या पांच गुना तक बढ़ने वाली है. इससे पहले एसजीपीजीआइ में सात गुना तक इमरजेंसी बेड बढ़ाने का एलान हो चुका है. मौजूदा वक्त में लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में अभी सिर्फ 38 बेड हैं. जिनमें से केवल छह बेड वेंटिलेटर युक्त हैं. ऐसे में कई बार बेड और वेंटिलेटर नहीं होने से गंभीर मरीजों की भी भर्ती नहीं हो पाती.

लोहिया संस्थान में इमरजेंसी बेड की संख्या 160 करने का प्रस्ताव तैयार हो गया है. इसे शासन के पास मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है. प्रस्ताव में डाक्टरों से लेकर टेक्निकल स्टाफ, स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वॉय, सफाईकर्मी, एनेस्थेटिक इत्यादि की मांग की गई है. प्रस्तावित इमरजेंसी में 24 डाक्टर होंगे. वहीं 500 से अधिक पैरामेडिकल और अन्य स्टाफ होंगे. नई इमरजेंसी के लिए कोई अलग भवन बनाने की जरूरत नहीं होगी. बल्कि मौजूदा इमरजेंसी के पीछे चल रही कैंटीन को हटाकर अतिरिक्त बेड बढ़ाए जा सकेंगे.

नई इमरजेंसी में होंगे 50 वेंटिलेटर
प्रस्तावित इमरजेंसी में करीब 50 बेड के आइसीयू की सुविधा होगी. आइसीयू के सभी बेड वेंटिलेटरयुक्त होंगे. ऐसे में गंभीर मरीजों की जान बचाना आसान होगा. इमरजेंसी में प्रमुख तौर से 20 बेड सर्जरी के लिए, 30 बेड मेडिसन के लिए व 30 बेड इमरजेंसी मेडिसिन के लिए व अन्य बेड दूसरे सभी प्रकार की इमरजेंसी के लिए सुरिक्षत होंगे.

अभी हर घंटे लौटाए जाते हैं दो से तीन मरीज
मौजूदा स्थिति यह है कि लोहिया संस्थान की इमरजेंसी से औसतन दो-तीन गंभीर मरीजों को हर घंटे बेड और वेंटिलेटर खाली नहीं होने के चलते वापस लौटना पड़ता है. ऐसे में मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भटकते हैं. इनमें से 80 फीसद से अधिक मरीज किसी दूसरे अस्पताल में भर्ती नहीं हो पाते. इनमें कुछ निजी अस्पताल में ठगे जाते हैं, कुछ लौट जाते हैं व कुछ की इलाज के अभाव में मौत हो जाती है.

लोहिया संस्थान निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद ने बताया कि ये प्रस्ताव पारित होने के बाद लोहिया की इमरजेंसी में कुल 160 बेड हो जाएंगे. इससे गंभीर मरीजों की मुश्किलें आसान होंगी. शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है. प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से इस बारे में हमारी मौखिक वार्ता भी हो चुकी है.प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही बेड व अन्य इमरजेंसी सुविधाएं बढ़ा दी जाएंगी.

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