लखनऊ: राजधानी के बख्शी तालाब स्थित चंद्र भानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय के पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञान विभाग ने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए बकरी शोध परियोजना की पहल शुरू की है. महाविद्यालय ने अब कृषि के साथ-साथ किसान को बरबरी बकरी पालन के माध्यम से भी अपनी आय को बढ़ाने के लिए इस योजना में शामिल किया है.
चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. योगेश कुमार शर्मा ने ईटीवी से बातचीत के दौरान बताया कि जिस तरह से किसानों की आय में कमी आती नजर आ रही है. उसे देखते हुए बरबरी बकरी पालन की योजना शुरू की गई है. जिसमें किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे किसान इस योजना के माध्यम से अपनी आय में वृद्धि कर सके.
बरबरी बकरी के फायदे
उन्होंने बताया कि बरबरी बकरी पालन में कम रुपयों की आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया कि बरबरी बकरी को बिना चराये भी एक ही जगह पर रखा जा सकता है. ये बकरी एक साथ 2 बच्चों को जन्म देती है. जबकि अन्य बकरी से सिर्फ एक बच्चे की पैदाइश होती है.
वहीं, उन्होंने बताया कि इस बकरी के दूध में काफी मिनरल व विटामिन है और सबसे ज्यादा डेंगू की बीमारी में इसका दूध सबसे लाभदायक है, जो प्लेटलेट्स बढ़ाने का कार्य करता है. इसके दूध में रोध प्रतिरोधक छमता भी अन्य बकरियों की अपेक्षा ज्यादा है.
प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कृषि के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने को लेकर महाविद्यालय के पशुपालन विभाग ने किसानों को प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू किया है. उन्होंने बताया कि इसमें किसानों के साथ-साथ महिलाओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके लिए प्रशिक्षण का कार्यक्रम 10 फरवरी को महाविद्यालय में रखा है, जिसमें किसानों व महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा.
पशुपालन एवं डेयरी दूध विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सुधीर कुमार रघुवंशी ने बताया कि बरबरी बकरी पालन बख्शी का तालाब क्षेत्र में पहली बार किया जा रहा है. यह बहुत अच्छा व्यवसाय है. इससे कम समय में ज्यादा आय होती है. बकरियों की देख रेख के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
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