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स्फूर्ति योजना में मिले प्रस्ताव के मूल्यांकन पर प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग समिति की बैठक - फर्रूखाबाद द्वारा हैण्ड ब्लॉक प्रिंटिंग क्लस्टर

खादी एवं ग्रामोद्योग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल की अध्यक्षता में स्फूर्ति योजना के अन्तर्गत मिले प्रस्तावों के मूल्यांकन के लिए प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग समिति की बैठक उ.प्र.खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड में 8 दिसम्बर को हुई.

प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग समिति की बैठक
प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग समिति की बैठक
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Published : Dec 9, 2020, 4:24 AM IST

लखनऊ: खादी एवं ग्रामोद्योग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल की अध्यक्षता में स्फूर्ति योजना के अन्तर्गत मिले प्रस्तावों के मूल्यांकन के लिए प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग समिति की बैठक उ.प्र.खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड में 8 दिसम्बर को हुई.


1700 कारीगरों को मिलेगा रोजगार

बैठक में सी.एस.दिशा फाउण्डेशन, गाजियाबाद को 463 लाख रुपये, माहेश्वरी महिला जन कल्याण सेवा संस्थान, शाहजहांपुर को 494 लाख रुपये एवं प्रयागराज के रिसर्च बायो एनर्जी फारमर प्रोडयूसर कं.लि.के 249 लाख रुपये के डी.पी.आर को अनुमोदित किया गया है. अनुमोदित करते हुए उप सचिव, एम.एस.एम.ई.मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किये जाने पर सहमति प्रदान की गई. इन परियोजनाओं के फलीभूत होने से लगभग 1700 कारीगरों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

आगामी बैठक में प्रस्तुत होंगे ये प्रस्ताव

इसके अतिरिक्त बोर्ड के समक्ष 6 नये प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये, जिसमें गौतमबुद्ध डेवलपमेंट सोसायटी, फर्रूखाबाद द्वारा हैण्ड ब्लॉक प्रिंटिंग क्लस्टर के लिए 438 लाख रुपये का प्रस्ताव दिया गया है. समिति के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त करते हुए तकनीकी एजेन्सी से डीपीआर तैयार कराने की संस्तुति की गयी. कानपुर नगर की साइबर एकेडमी ने हर्बल प्रोडक्ट क्लस्टर के लिए 445 लाख रुपये का प्रस्ताव प्रस्तुत किया. समिति द्वारा संशोधित प्रस्ताव प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग समिति की आगामी बैठक में प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिये गये.

इसी प्रकार राजधानी की आर्य श्री शिक्षा समिति ने कारीगरी प्रोत्साहन सेवा (चिकन इम्ब्रायडरी एवं जरी जरदोजी) क्लस्टर के लिए 246 लाख रुपये का प्रस्ताव दिया है. समिति द्वारा सहमति व्यक्त करते हुए तकनीकी एजेन्सी से डीपीआर तैयार कराये जाने की संस्तुति की गयी. अलीगढ़ के सर्वोदय खादी आश्रम के खादी क्लस्टर के लिए 500 लाख रुपये का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है. समिति ने तकनीकी एजेन्सी से डीपीआर तैयार कराये जाने की संस्तुति की. इनके अलावा प्रयागराज की प्रदूषण नियंत्रण एवं ऊर्जा विकास समिति द्वारा इम्ब्रायडरी प्रमुख प्रोडक्ट क्लस्टर के लिए 250 लाख रुपये का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है. समिति द्वारा कार्यदायी अभिकरण मार्केटिंग स्ट्रेटजी के सम्बन्ध में कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.

यह है स्फूर्ति योजना

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि क्लस्टर विकास को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्कीम फार फण्ड फॉर रि-जनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इण्डस्ट्रीज (स्फूर्ति) योजना संचालित की जा रही है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य परम्परागत उद्योगों, शिल्पियों के समूहों में प्रतिस्पर्धात्मक विकास, परम्परागत उद्योगों के शिल्पकारों एवं ग्रामीण उद्यमियों, बहु-उत्पाद समूहों की स्थापना एवं उत्पादों की विपणन क्षमता को बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है.

5 करोड़ तक की परियोजनाएं भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की जा सकती हैं

डॉ. सहगल ने बताया कि इस योजना के तहत केवीआईसी या राज्य केवीआईबी से प्रत्यक्ष सहायता प्राप्त संस्थाएं या गैर सरकारी संगठन, एनजीओ, केन्द्रीय और राज्य सरकार के संस्थान, राज्य और केन्द्र सरकार के अर्द्ध सरकारी संस्थान, क्षेत्रीय संस्थान, पंचायती राज संस्थान, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कॉरपोरेट कार्यान्वयन अभिकरण को क्लस्टर विकास के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. योजना के अन्तर्गत चयनित क्लस्टर में नियमित क्लस्टर के लिए 500 कारीगर तथा प्रमुख क्लस्टर के लिए 500 से अधिक कारीगरों को कार्यदायी संस्था द्वारा आच्छादित किया जायेगा. योजना में अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक की परियोजनाएं भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की जा सकती है.

बैठक में इन संस्थाओं के अधिकारी थे उपस्थित

बैठक में नाबार्ड, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, लखनऊ, उ.प्र.राज्य जैव ऊर्जा बोर्ड, समाधान समिति तथा वित्त एक्सपर्ट के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

लखनऊ: खादी एवं ग्रामोद्योग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल की अध्यक्षता में स्फूर्ति योजना के अन्तर्गत मिले प्रस्तावों के मूल्यांकन के लिए प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग समिति की बैठक उ.प्र.खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड में 8 दिसम्बर को हुई.


1700 कारीगरों को मिलेगा रोजगार

बैठक में सी.एस.दिशा फाउण्डेशन, गाजियाबाद को 463 लाख रुपये, माहेश्वरी महिला जन कल्याण सेवा संस्थान, शाहजहांपुर को 494 लाख रुपये एवं प्रयागराज के रिसर्च बायो एनर्जी फारमर प्रोडयूसर कं.लि.के 249 लाख रुपये के डी.पी.आर को अनुमोदित किया गया है. अनुमोदित करते हुए उप सचिव, एम.एस.एम.ई.मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किये जाने पर सहमति प्रदान की गई. इन परियोजनाओं के फलीभूत होने से लगभग 1700 कारीगरों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

आगामी बैठक में प्रस्तुत होंगे ये प्रस्ताव

इसके अतिरिक्त बोर्ड के समक्ष 6 नये प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये, जिसमें गौतमबुद्ध डेवलपमेंट सोसायटी, फर्रूखाबाद द्वारा हैण्ड ब्लॉक प्रिंटिंग क्लस्टर के लिए 438 लाख रुपये का प्रस्ताव दिया गया है. समिति के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त करते हुए तकनीकी एजेन्सी से डीपीआर तैयार कराने की संस्तुति की गयी. कानपुर नगर की साइबर एकेडमी ने हर्बल प्रोडक्ट क्लस्टर के लिए 445 लाख रुपये का प्रस्ताव प्रस्तुत किया. समिति द्वारा संशोधित प्रस्ताव प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग समिति की आगामी बैठक में प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिये गये.

इसी प्रकार राजधानी की आर्य श्री शिक्षा समिति ने कारीगरी प्रोत्साहन सेवा (चिकन इम्ब्रायडरी एवं जरी जरदोजी) क्लस्टर के लिए 246 लाख रुपये का प्रस्ताव दिया है. समिति द्वारा सहमति व्यक्त करते हुए तकनीकी एजेन्सी से डीपीआर तैयार कराये जाने की संस्तुति की गयी. अलीगढ़ के सर्वोदय खादी आश्रम के खादी क्लस्टर के लिए 500 लाख रुपये का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है. समिति ने तकनीकी एजेन्सी से डीपीआर तैयार कराये जाने की संस्तुति की. इनके अलावा प्रयागराज की प्रदूषण नियंत्रण एवं ऊर्जा विकास समिति द्वारा इम्ब्रायडरी प्रमुख प्रोडक्ट क्लस्टर के लिए 250 लाख रुपये का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है. समिति द्वारा कार्यदायी अभिकरण मार्केटिंग स्ट्रेटजी के सम्बन्ध में कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.

यह है स्फूर्ति योजना

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि क्लस्टर विकास को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्कीम फार फण्ड फॉर रि-जनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इण्डस्ट्रीज (स्फूर्ति) योजना संचालित की जा रही है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य परम्परागत उद्योगों, शिल्पियों के समूहों में प्रतिस्पर्धात्मक विकास, परम्परागत उद्योगों के शिल्पकारों एवं ग्रामीण उद्यमियों, बहु-उत्पाद समूहों की स्थापना एवं उत्पादों की विपणन क्षमता को बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है.

5 करोड़ तक की परियोजनाएं भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की जा सकती हैं

डॉ. सहगल ने बताया कि इस योजना के तहत केवीआईसी या राज्य केवीआईबी से प्रत्यक्ष सहायता प्राप्त संस्थाएं या गैर सरकारी संगठन, एनजीओ, केन्द्रीय और राज्य सरकार के संस्थान, राज्य और केन्द्र सरकार के अर्द्ध सरकारी संस्थान, क्षेत्रीय संस्थान, पंचायती राज संस्थान, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कॉरपोरेट कार्यान्वयन अभिकरण को क्लस्टर विकास के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. योजना के अन्तर्गत चयनित क्लस्टर में नियमित क्लस्टर के लिए 500 कारीगर तथा प्रमुख क्लस्टर के लिए 500 से अधिक कारीगरों को कार्यदायी संस्था द्वारा आच्छादित किया जायेगा. योजना में अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक की परियोजनाएं भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की जा सकती है.

बैठक में इन संस्थाओं के अधिकारी थे उपस्थित

बैठक में नाबार्ड, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, लखनऊ, उ.प्र.राज्य जैव ऊर्जा बोर्ड, समाधान समिति तथा वित्त एक्सपर्ट के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

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