लखनऊः चर्चित हनी ट्रैप मामले के अभियुक्त मोहम्मद आदिल खान के खिलाफ हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कोई भी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न करने के निर्देश विभूति खंड थाने को दिये हैं. कोर्ट ने अभियुक्त को भी विवेचना में सहयोग करने का आदेश दिया है.
ये है मामला
ये आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने मोहम्मद आदिल खान की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर पारित किया. अभियुक्त का कहना था कि मामले का वादी पेशे से डॉक्टर है. उसके और अभियुक्त की पत्नी के बीच अश्लील चैट होती थी. जिससे अभियुक्त को आपत्ति थी. इसी बात की दुश्मनी वादी और उसके बीच थी. हालांकि इस मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक 1 दिसंबर को अभियुक्त की पत्नी ने हनी ट्रैप में फंसाकर वादी को ओमेक्स फेज 2 के तेरहवें मंजिल के एक फ्लैट पर ले गयी थी. जहां उसे बंधक बना लिया गया. अभियुक्त और उसके अन्य साथियों ने वादी के पैसे और एटीएम छिन लिये. इस संबंध में विभूति खंड पुलिस ने एक युवती समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. इस दौरान अभियुक्त पुलिस के हाथ नहीं लग सका था. पुलिस के मुताबिक वादी की पिटाई के बाद अभियुक्तों ने वादी को शराब पिलाई और उसके आपत्तिजनक फोटो खींचे और वीडियो भी बनाया. इसके साथ ही उसके पास रखे 30 हजार रुपये और चार एटीएम कार्ड भी छिन लिये.