ETV Bharat / state

वो जो हममें तुममें करार था...

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में बेगम अख्तर स्मृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बेगम अख्तर की रिकॉर्डिंग को यूट्यूब पर जारी किया गया..

गायिका सुचरिता गुप्ता
गायिका सुचरिता गुप्ता
author img

By

Published : Oct 31, 2020, 8:38 AM IST

लखनऊ: पदम भूषण और मल्लिका गजल जैसे किताबों से नवाजी गई गायिका बेगम अख्तर की याद आज फिर ताजा हो गई. शुक्रवार को उनकी पुण्यतिथि पर एसएनए की ओर से वाल्मीकि रंगशाला में 'यादें' कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में बनारस घराने की गायिका सुचरिता गुप्ता के गायन प्रस्तुत किए गए. कार्यक्रम में पूर्व मुख्य सचिव देवेंद्र चौधरी, भारतेंदु नाट्य अकादमी के अध्यक्ष रविशंकर खरे का स्वागत अकादमी के सचिव तरुण राज ने किया. देर शाम मल्लिका-ए-गजल को पुष्पांजलि अर्पित की गई.

यूट्यूब पर जारी की गई रिकॉर्डिंग

बेगम अख्तर की याद में अकादमी अभिलेखागार में संकलित बेगम अख्तर की रिकॉर्डिंग को यूट्यूब पर जारी किया गया. डॉ अलका निवेदन के संचालन में कार्यक्रम का आयोजन कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत सीमित संख्या में आमंत्रित दर्शकों के बीच हुआ. वहीं कार्यक्रम अकादमी फेसबुक पेज पर भी प्रसारित किया जा रहा था.

गायन में ठुमरी, टप्पा, होरी, कजरी, चैती

सुचरिता गुप्ता ने गायन का आगाज पूरब अंग की मिश्र पीलू राग में निबद्ध ठुमरी 'मोरी बारी उमर बीत जाए सैया कैसे धीर धरूं' से की. बेगम अख्तर के व्यक्तित्व में अपनी बात रखने के साथ पिता मृणाल कांति दत्ता व विदुषी सविता देवी की शिष्या सुचरिता गुप्ता ने उन्हें नमन करते हुए उनकी गाई मोमिन की प्रसिद्ध रचना ‘वो जो हममें तुममें करार था’ को अपने सुर में सजाया. इस दिलकश रचना के बाद बेगम की गाई और शकील बदायुंनी की रची एक और मशहूर गजल ‘ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पर रोना आया’ को पेश किया.

श्रोता हुए मंत्रमुग्ध

दाग देहलवी की लिखी अगली रचना ‘अभी हमारी मोहब्बत किसी को क्या मालूम’ में उन्होंने सुरों से मोहब्बत के अलग रंग भर दिया. सुचरिता की गाई जावेद कुरैशी की गजल ‘आशियाने की बात करते हो दिल जलाने की बात करते हो’ को कुछ श्रोताओं ने खूब सराहा. कार्यक्रम में उनका साथ हारमोनियम पर अरुण अस्थाना और तबले पर ज्ञान स्वरूप मुखर्जी ने निभाया.

लखनऊ: पदम भूषण और मल्लिका गजल जैसे किताबों से नवाजी गई गायिका बेगम अख्तर की याद आज फिर ताजा हो गई. शुक्रवार को उनकी पुण्यतिथि पर एसएनए की ओर से वाल्मीकि रंगशाला में 'यादें' कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में बनारस घराने की गायिका सुचरिता गुप्ता के गायन प्रस्तुत किए गए. कार्यक्रम में पूर्व मुख्य सचिव देवेंद्र चौधरी, भारतेंदु नाट्य अकादमी के अध्यक्ष रविशंकर खरे का स्वागत अकादमी के सचिव तरुण राज ने किया. देर शाम मल्लिका-ए-गजल को पुष्पांजलि अर्पित की गई.

यूट्यूब पर जारी की गई रिकॉर्डिंग

बेगम अख्तर की याद में अकादमी अभिलेखागार में संकलित बेगम अख्तर की रिकॉर्डिंग को यूट्यूब पर जारी किया गया. डॉ अलका निवेदन के संचालन में कार्यक्रम का आयोजन कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत सीमित संख्या में आमंत्रित दर्शकों के बीच हुआ. वहीं कार्यक्रम अकादमी फेसबुक पेज पर भी प्रसारित किया जा रहा था.

गायन में ठुमरी, टप्पा, होरी, कजरी, चैती

सुचरिता गुप्ता ने गायन का आगाज पूरब अंग की मिश्र पीलू राग में निबद्ध ठुमरी 'मोरी बारी उमर बीत जाए सैया कैसे धीर धरूं' से की. बेगम अख्तर के व्यक्तित्व में अपनी बात रखने के साथ पिता मृणाल कांति दत्ता व विदुषी सविता देवी की शिष्या सुचरिता गुप्ता ने उन्हें नमन करते हुए उनकी गाई मोमिन की प्रसिद्ध रचना ‘वो जो हममें तुममें करार था’ को अपने सुर में सजाया. इस दिलकश रचना के बाद बेगम की गाई और शकील बदायुंनी की रची एक और मशहूर गजल ‘ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पर रोना आया’ को पेश किया.

श्रोता हुए मंत्रमुग्ध

दाग देहलवी की लिखी अगली रचना ‘अभी हमारी मोहब्बत किसी को क्या मालूम’ में उन्होंने सुरों से मोहब्बत के अलग रंग भर दिया. सुचरिता की गाई जावेद कुरैशी की गजल ‘आशियाने की बात करते हो दिल जलाने की बात करते हो’ को कुछ श्रोताओं ने खूब सराहा. कार्यक्रम में उनका साथ हारमोनियम पर अरुण अस्थाना और तबले पर ज्ञान स्वरूप मुखर्जी ने निभाया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.