लखनऊ : कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने प्रोफेसर आलोक कुमार राय (Prof Alok Kumar Rai) को लखनऊ विश्वविद्यालय का कुलपति दोबारा नियुक्त किया है. प्रोफेसर आलोक कुमार राय लविवि के इतिहास के पहले कुलपति होंगे जिन्हें दूसरा टर्म मिला है. इससे पहले विश्वविद्यालय में किसी भी कुलपति को दोबारा कुलपति बनने का मौका नहीं मिल पाया है. ज्ञात हो कि प्रोफेसर राय का तीन वर्ष का पहला कार्यकाल 30 दिसंबर 2022 को समाप्त हो रहा था. राजभवन ने कार्यकाल के अंतिम दिन प्रोफेसर राय को विश्वविद्यालय का अगला कुलपति नियुक्त किया है.
प्रो. आलोक कुमार राय (Prof Alok Kumar Rai) के पहले कार्यकाल में लविवि शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर प्रदेश सहित देश में अपनी ख्याति आगे बढ़ा रहा है. साल 2022 के मध्य में प्रोफेसर राय की निगरानी में लखनऊ विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बना जिसे ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल हुआ है. इसके अलावा लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर राय की निगरानी में ही नई शिक्षा नीति 2020 को प्रदेश में सबसे पहले अपने यहां पर लागू किया, जहां प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति सत्र 2022-23 से लागू हो रही है तो वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति का एक वर्ष पूर्ण हो चुका है.
लखनऊ विश्वविद्यालय का कुलपति बनने के बाद ही प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने विवि के सिस्टम में आमूलचूल परिवर्तन करना शुरू कर दिया था, ताकि विश्वविद्यालय को देश ही नहीं बल्कि विदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के टक्कर में लाकर खड़ा किया जा सके. इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालय के रिसर्च एकेडमिक सिस्टम के साथ ही छात्रों के लिए एक बेहतर माहौल तैयार किया, जिसका असर यह रहा कि वह विश्वविद्यालय को क्यूएस सस्टेनेबिलिटी वर्ल्ड रैंकिंग 2023 में जगह दिलाने में कामयाब रहे. इसके अलावा विश्वविद्यालय को कई और दूसरी नेशनल और इंटरनेशनल रैंकिंग में भी जगह दिलाने में वह कामयाब रहे.
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