लखनऊः प्रतापगढ़ में एक न्यूज चैनल के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव का संदिग्ध अवस्था में शव मिलने के मामले में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दुख जताया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं. उत्तर प्रदेश में लगातार पत्रकार और पत्रकारिता पर हमले हो रहें हैं. जिस पत्रकार ने शराब माफिया से जान का खतरा बताते हुए 12 जून को अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज से सुरक्षा की गुहार लगाई थी. उस पत्रकार का 13 जून की रात को सड़क किनारे शव मिलना, अपने पीछे कई सवाल खड़े करता है.
योगी सरकार बताए शराबियों को संरक्षण या पत्रकारों को
प्रियंका ने कहा कि पुलिस भले ही इसे दुर्घटना बता कर क्रूर शासन और लचर प्रशासन को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सड़क किनारे अर्धनग्न अवस्था में मिला पत्रकार का शव अपनी कहानी खुद ही बता रहा है कि यह हत्या है. योगी के शासन काल में अब तक प्रदेश भर में जहरीली शराब से सैकड़ों मौतें हुई हैं. ऐसे में शराब माफिया के खिलाफ खबर चलाने वाले पत्रकारों को अपनी जान बचाना मुश्किल हो रहा है. योगी सरकार बताए कि जब पत्रकार ने सुरक्षा मांगी थी तो सुरक्षा क्यों नहीं दी गई. सरकार स्पष्ट करे कि वो शराब माफिया के साथ है या निष्पक्ष पत्रकारों के साथ. कांग्रेस महासचिव ने मृतक पत्रकार के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच हो. मृतक के परिजन को तत्काल 50 लाख का मुआवजा और आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए.
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छह सदस्यीय कमेटी का गठन
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के निर्देश पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का छह सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल 15 जून को प्रतापगढ़ पहुंचकर पीड़ित परिजनों से मिलेगा. उनसे घटना के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करेगा और इस सम्बन्ध में स्थानीय प्रशासन से मिलकर पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाने की मांग करेगा. मीडिया विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल में विधायक और उपाध्यक्ष कांग्रेस सोहिल अख्तर अंसारी, प्रदेश महासचिव सुशील पासी, प्रदेश सचिव देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, जयकरण वर्मा, जिला कांग्रेस कमेटी प्रतापगढ़ के अध्यक्ष बृजेन्द्र कुमार मिश्रा और उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस पूर्वी जोन के पूर्व अध्यक्ष नीरज त्रिपाठी शामिल रहेंगे.