लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्विट करते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि चुनाव में हार दिखने लगी तो आपको अचानक इस देश की सच्चाई समझ में आने लगी. वहीं, मीडिया से बातचीत करते हुए प्रियंका ने कहा कि यह पूरी तरह से किसानों की जीत है और सरकार के अहंकार की हार है.
प्रियंका ने ट्वीट किया है कि 'यह देश किसानों ने बनाया है, यह देश किसानों का है, किसान ही इस देश का सच्चा रखवाला है और कोई सरकार किसानों के हित को कुचलकर इस देश को नहीं चला सकती. आपकी नियत और आपके बदलते हुए रुख पर विश्वास करना मुश्किल है. किसान की सदैव जय होगी. जय जवान, जय किसान, जय भारत.'
वहीं, कांग्रेस मुख्यालय पर शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए प्रियंका गांधी ने कृषि कानून वापसी को किसी भी राजनीतिक दल को जीत का श्रेय लेने के बजाय किसानों को ही जीत का पूरा श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि ये किसानों का आंदोलन था. करीब एक साल से देश के लिए किसान धरने पर बैठे थे. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का भी धन्यवाद दूंगी जिन्होंने एकजुट होकर किसान आंदोलन का समर्थन किया. यही वजह है कि सरकार को झुकना पड़ा. प्रियंका ने अपने भाई राहुल गांधी को भी याद किया. उन्होंने कहा कि मेरे भाई ने पहले ही कह दिया था कि यह गलत है और सरकार को अपना फैसला एक दिन वापस लेना ही पड़ेगा. आज सरकार ने वही किया.
प्रियंका गांधी ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद मनजीत सिंह के परिवार की ओर मेरा ध्यान गया जो गांव में रहते हैं. मैं उनसे मिली थीं. जब मैं उनसे मिलने गई तो उन्होंने मुझसे कहा कि मेरी 19 साल की बेटी और 13 साल का बच्चा है. उन्होंने कुछ ज्यादा नहीं कहा, चुपचाप बैठे थे. जब हम जाने वाले थे तो दलजीत सिंह की पत्नी मेरे पास आईं और उन्होंने कहा मुझे बहुत डर लग रहा है. मैं अपने पति के बिना इन दोनों बच्चों को कैसे संभालूंगी. अपनी बेटी के लिए डर लग रहा है. इसी वजह से मेरा ध्यान उन पर गया. मैंने सोचा कि वह क्या सोच रही होंगी कि जिस सरकार के मंत्री के बेटे ने उनके पति को कुचला. जो प्रधानमंत्री उसी दिन या उसके अगले दिन लखनऊ आए. लखनऊ से उनके घर 15 मिनट से हेलीकॉप्टर से पहुंच सकते थे. वह क्या सोच रहे होंगे कि यह प्रधानमंत्री हमारे यहां नहीं आए. कुछ बोला नहीं. उन्होंने पूरी तरह से हत्यारों का संरक्षण किया. आज भी उनके साथ मंच पर वह मंत्री खड़े हैं. वह आज माफी मांग रहे हैं जब 600-700 किसान शहीद हो चुके हैं. क्यों मांग रहे हैं माफी? क्या यह देश समझ नहीं रहा है कि चुनाव आ रहे हैं. उनको लग रहा होगा कि परिस्थितियां ठीक नहीं हैं. विधानसभा के चुनाव का सर्वे आया है उसमें उन्हें दिख रहा है कि परिस्थितियां सही नहीं है. अब चुनाव से पहले वे माफी मांगने आ गए.
प्रियंका ने कहा कि इस देश में अगर एक सरकार किसान को कुचलने की कोशिश करती है और किसान खड़ा हो जाता है तो उस सरकार को अंत में झुकना ही पड़ेगा. यह सरकार समझ गई है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार सचमुच सीरियस है तो उनके लिए जो कार्रवाई होनी चाहिए खासतौर से जो लखीमपुर खीरी में हुआ. उस पर सही ढंग से कार्रवाई करनी चाहिए, मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए. इस पूरे देश में जो किसान की आवाज उठी है हम सबको उनके साथ हमेशा के लिए खड़े रहना चाहिए. किसान की बहुत समस्याएं हैं. आज हर तरह से मजबूर है और कर्ज में डूबा हुआ है. ललितपुर में भी किसानो की खाद की लाइन में खड़े खड़े उनकी मृत्यु हो गई. कुछ किसानों ने आत्महत्या की. किसानों की जो समस्या है जिसके लिए किसान आंदोलन कर रहे हैं. उसको ठीक तरह से समझना, उनकी समस्याओं को ठीक तरह से सुलझाना चाहिए. मैं यह भी कहना चाहती हूं कि मुझे खुशी है कि जितने विपक्ष के दल हैं सबने पूरी तरह से किसान आंदोलन का समर्थन किया और किसान डटे रहे,
प्रियंका गांधी ने कहा कि तमाम छोटी छोटी चीजों के लिए अध्यादेश लाते हैं तो इसके लिए क्यों नहीं? क्या इसके लिए भी कोई योजना है कि जब चुनाव पास आएगा तब हम धूमधाम से इसको करेंगे. अभी क्यों नहीं करते. किसानों का स्टैंड बिल्कुल सही है. इस सरकार की नीयत पर भरोसा नहीं किया जा सकता. इनका रुख रोज बदलता है. यह बिल्कुल सही है कि पहले कानून रिपील करें फिर देखा जाए.
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प्रियंका गांधी ने कहा कि यह आंदोलन किसानों का था, किसानों का है, अपने हक की लड़ाई किसान लड़ रहे थे. शहीद किसान हुए हैं तो मुझे नहीं लगता कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को इसका श्रेय लेने की कोशिश भी करनी चाहिए. वह उचित नहीं है. किसानों का यह आंदोलन है. हम सबने किसानों का समर्थन किया. हम सब उनके साथ खड़े रहे, लेकिन जिसका यह आंदोलन है जिसने किया है उसी को श्रेय लेना चाहिए. चुनाव आ रहे हैं इसलिए सरकार ने इस तरह का फैसला लिया है. यह किसान भी जानते हैं यह देश की जनता भी जानती है. सबसे पहले शहीद किसानों को प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देनी चाहिए थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी भी किसानों में फर्क करना चाहते हैं वह जताना चाहते कि जो आंदोलन कर रहे हैं वह किसान अलग है और देश के अन्य किसान अलग है. इसीलिए वह इस तरह का भाषण भी दे रहे हैं. यह बिल्कुल गलत है देशभर के किसान एक हैं.
सरकार को आज जो फैसला लेना पड़ा वह पूरी तरह से किसानों की जीत है और सरकार के अहंकार की हार है. सरकार समझ रही है कि जब किसान खड़ा हो जाता है जब डटा रहता है तो सरकार को ही झुकना पड़ता है. प्रियंका ने कहा कि पंजाब में चुनाव है, उत्तर प्रदेश में भी चुनाव है. पंजाब के किसान बहुत समझदार हैं. जनता में बहुत विवेक है. पंजाब को किसानों ने बनाया है. किसान सब कुछ समझता है. मुझे समझाने की कोई जरूरत नहीं है. वह सब समझते हैं कि क्या हो रहा है? पूरा देश देख रहा है कि किस तरह से राजनीति हो रही है.
कांग्रेस कार्यालय में प्रियंका ने किया इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को सबसे पहले कौल हाउस में तीनों कृषि कानून वापस लेने के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उसके बाद गुरु पूर्णिमा के मौके पर याहियागंज गुरुद्वारे में मत्था टेकने गईं. यहां से वो सीधे कांग्रेस मुख्यालय पहुंची. यहां प्रियंका ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की जयंती पर कार्यालय में स्थापित इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें याद किया.
कांग्रेस मुख्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की जयंती कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे. प्रियंका गांधी के साथ प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा मोना और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भी इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इंदिरा गांधी की जयंती पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें और उनके अहम योगदान को याद किया.
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