ETV Bharat / state

प्रियंका गांधी को पसंद हैं न्यूजीलैंड की महिला प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न, इंदिरा से भी प्रभावित...

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार से वर्चुअल अभियान की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न उन्हें बेहद पसंद हैं. वह बहुत मजबूत हैं. इसके अलावा प्रियंका गांधी ने कहा कि दादी इंदिरा गांधी से भी वह प्रेरणा लेतीं हैं.

्िुि
िुि
author img

By

Published : Jan 8, 2022, 4:37 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 5:56 PM IST

लखनऊः कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार से वर्चुअल अभियान की शुरुआत की. उन्होंने इस दौरान कहा कि कांग्रेस ने कोविड की वजह से अपनी रैलियां कैंसिल कर दी हैं. तय किया है कि हम फेसबुक लाइव के जरिये बात करें. मेरी कोशिश रहेगी कि हम लगातार आपसे जुड़ें और अनौपचारिक रूप से बातचीत करें. वर्तमान में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न मुझे बहुत पसंद हैं. वह महिला हैं, बहुत मजबूत हैं, जनता से अच्छी तरह जुड़तीं हैं. वह बहुत नेचुरल रहती हैं. मेरी दादी इंदिरा गांधी भी मेरी प्रेरणा हैं. मैं उनसे भी प्रभावित हूं.


इंदिरा गांधी को याद करते हुए प्रियंका ने कहा कि इंदिरा गांधी एक सभा में भाषण दे रही थीं तभी पथराव हो गया. उन्हें एक पत्थर नाक पर लगा. खास बात ये है कि वे पीछे नहीं हटीं. फिर से खड़ी हुईं, भाषण पूरा किया. इंदिरा गांधी साहस की मिसाल थीं.

उन्होंने हमेशा सही निर्णय लिया. वह आयरन लेडी थीं, लेकिन उतनी ही मजाकिया थीं. हमारे साथ खेलती थीं, साथ ही उनमें धैर्य, निडरता और वीरता थी. वह महिला सशक्तिकरण की ​भी मिसाल हैं. मैं बार-बार कहती हूं कि अगर आपको महिलाओं को सशक्त बनाना है तो ये एक गैस सिलेंडर वाली प्रथा बंद होनी चाहिए. उन्हें रोजगार, शिक्षा, सेहत, सुरक्षा कैसी मिल रही है.

हमने अपने शक्ति विधान में महिलाओं के लिए काफी कुछ लिखा है कि हम उनके लिए क्या करना चाहते हैं? दूसरा ये है कि हमारा सशक्तिकरण कैसे होगा? हमसे कहा जाता है कि सहने की आदत बना लो. उन्होंने कहा कि ये सही है कि हम महिलाओं में सहने की शक्ति है, लेकिन महिलाओं को अपनी शक्ति पहचाननी होगी. महिलाओं को अपने हक के लिए लड़ना होगा.


वर्चुअल अभियान में जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि उन्नाव की पीड़िता का केस वहां पर दर्ज नहीं हुआ. उसका केस रायबरेली में दर्ज हुआ. वह खुद ट्रेन लेकर रायबरेली जातीं थी. उसकी मदद कर रही थी उसकी भाभी. अन्याय के खिलाफ सारी लड़ाइयां महिलाएं लड़ रही हैं.

अत्याचार के खिलाफ लड़ रही पीड़िताओं से प्रेरणा लेकर ही ये ये नारा निकला है कि​ 'लड़की हूं लड़ सकती हूं'.महिलाएं बहुत बड़ी फोर्स हैं. अगर ये फोर्स एकजुट हो जाए तो परिवर्तन निश्चित है. दरअसल, महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत आरक्षण सही भागीदारी नहीं है. सही है कि ये हिस्सेदारी 50 फीसदी होनी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः सात फेज में होंगे पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव : निर्वाचन आयोग

नफरत से निपटने का एक ही रास्ता
प्रियंका गांधी ने कहा कि नफरत से निपटने का एक ही रास्ता है जैसा भगवान बुद्ध ने कहा, नानक ने कहा, गांधी ने कहा कि नफरत का मुकाबला सिर्फ प्रेम से हो सकता है. इससे सिर्फ सकारात्मकता से लड़ सकते हैं.

बेरोजगार युवा, किसान, महिलाएं, गरीब सब परेशान हैं. विकास उन तक पहुंच नहीं रहा है. विकास ऐसे नहीं हो सकता कि चुनाव के पहले एयरपोर्ट का उद्घाटन कर दिया और एयरपोर्ट बना नहीं. नफरत और हिंसा की राजनीति इसलिए की जाती है ताकि उनसे सवाल न पूछा जाए और लोग इसी में फंंसे रहें, लेकिन इसका समाधान यही है कि सकारात्मकता और प्रेम से सही विकास की ओर कदम बढ़ाया जाए.



खींची गई महिला की साड़ी...
लखीमपुर में एक महिला की साड़ी खींची गई. वह मेरी पार्टी में नहीं थी, सपा में थी. अब वह चुनाव लड़ रही हैं और पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ है. हमें ये करना पड़ेगा जिससे महिलाएं निडर होकर राजनीति में आएं. सेहत के मामले में यूपी एकदम निचले पायदान पर है.

महिलाओं के स्वास्थ्य के मामले में हालत और खराब हैं. हम प्रदेश में डॉक्टरों के सभी रिक्त पद भरेंगे. प्रत्येक परिवार को 10 लाख तक का इलाज फ्री देंगे. हर स्वास्थ्य केंद्र में महिलाओं के लिए अलग से डॉक्टर होंगे. हम मानसिक स्वास्थ्य के लिए पूरे प्रदेश में एक तंत्र बनाना चाहते हैं जिससे बाकी समस्याओं के साथ युवाओं और महिलाओं समेत सभी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जाए.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊः कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार से वर्चुअल अभियान की शुरुआत की. उन्होंने इस दौरान कहा कि कांग्रेस ने कोविड की वजह से अपनी रैलियां कैंसिल कर दी हैं. तय किया है कि हम फेसबुक लाइव के जरिये बात करें. मेरी कोशिश रहेगी कि हम लगातार आपसे जुड़ें और अनौपचारिक रूप से बातचीत करें. वर्तमान में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न मुझे बहुत पसंद हैं. वह महिला हैं, बहुत मजबूत हैं, जनता से अच्छी तरह जुड़तीं हैं. वह बहुत नेचुरल रहती हैं. मेरी दादी इंदिरा गांधी भी मेरी प्रेरणा हैं. मैं उनसे भी प्रभावित हूं.


इंदिरा गांधी को याद करते हुए प्रियंका ने कहा कि इंदिरा गांधी एक सभा में भाषण दे रही थीं तभी पथराव हो गया. उन्हें एक पत्थर नाक पर लगा. खास बात ये है कि वे पीछे नहीं हटीं. फिर से खड़ी हुईं, भाषण पूरा किया. इंदिरा गांधी साहस की मिसाल थीं.

उन्होंने हमेशा सही निर्णय लिया. वह आयरन लेडी थीं, लेकिन उतनी ही मजाकिया थीं. हमारे साथ खेलती थीं, साथ ही उनमें धैर्य, निडरता और वीरता थी. वह महिला सशक्तिकरण की ​भी मिसाल हैं. मैं बार-बार कहती हूं कि अगर आपको महिलाओं को सशक्त बनाना है तो ये एक गैस सिलेंडर वाली प्रथा बंद होनी चाहिए. उन्हें रोजगार, शिक्षा, सेहत, सुरक्षा कैसी मिल रही है.

हमने अपने शक्ति विधान में महिलाओं के लिए काफी कुछ लिखा है कि हम उनके लिए क्या करना चाहते हैं? दूसरा ये है कि हमारा सशक्तिकरण कैसे होगा? हमसे कहा जाता है कि सहने की आदत बना लो. उन्होंने कहा कि ये सही है कि हम महिलाओं में सहने की शक्ति है, लेकिन महिलाओं को अपनी शक्ति पहचाननी होगी. महिलाओं को अपने हक के लिए लड़ना होगा.


वर्चुअल अभियान में जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि उन्नाव की पीड़िता का केस वहां पर दर्ज नहीं हुआ. उसका केस रायबरेली में दर्ज हुआ. वह खुद ट्रेन लेकर रायबरेली जातीं थी. उसकी मदद कर रही थी उसकी भाभी. अन्याय के खिलाफ सारी लड़ाइयां महिलाएं लड़ रही हैं.

अत्याचार के खिलाफ लड़ रही पीड़िताओं से प्रेरणा लेकर ही ये ये नारा निकला है कि​ 'लड़की हूं लड़ सकती हूं'.महिलाएं बहुत बड़ी फोर्स हैं. अगर ये फोर्स एकजुट हो जाए तो परिवर्तन निश्चित है. दरअसल, महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत आरक्षण सही भागीदारी नहीं है. सही है कि ये हिस्सेदारी 50 फीसदी होनी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः सात फेज में होंगे पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव : निर्वाचन आयोग

नफरत से निपटने का एक ही रास्ता
प्रियंका गांधी ने कहा कि नफरत से निपटने का एक ही रास्ता है जैसा भगवान बुद्ध ने कहा, नानक ने कहा, गांधी ने कहा कि नफरत का मुकाबला सिर्फ प्रेम से हो सकता है. इससे सिर्फ सकारात्मकता से लड़ सकते हैं.

बेरोजगार युवा, किसान, महिलाएं, गरीब सब परेशान हैं. विकास उन तक पहुंच नहीं रहा है. विकास ऐसे नहीं हो सकता कि चुनाव के पहले एयरपोर्ट का उद्घाटन कर दिया और एयरपोर्ट बना नहीं. नफरत और हिंसा की राजनीति इसलिए की जाती है ताकि उनसे सवाल न पूछा जाए और लोग इसी में फंंसे रहें, लेकिन इसका समाधान यही है कि सकारात्मकता और प्रेम से सही विकास की ओर कदम बढ़ाया जाए.



खींची गई महिला की साड़ी...
लखीमपुर में एक महिला की साड़ी खींची गई. वह मेरी पार्टी में नहीं थी, सपा में थी. अब वह चुनाव लड़ रही हैं और पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ है. हमें ये करना पड़ेगा जिससे महिलाएं निडर होकर राजनीति में आएं. सेहत के मामले में यूपी एकदम निचले पायदान पर है.

महिलाओं के स्वास्थ्य के मामले में हालत और खराब हैं. हम प्रदेश में डॉक्टरों के सभी रिक्त पद भरेंगे. प्रत्येक परिवार को 10 लाख तक का इलाज फ्री देंगे. हर स्वास्थ्य केंद्र में महिलाओं के लिए अलग से डॉक्टर होंगे. हम मानसिक स्वास्थ्य के लिए पूरे प्रदेश में एक तंत्र बनाना चाहते हैं जिससे बाकी समस्याओं के साथ युवाओं और महिलाओं समेत सभी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जाए.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Jan 8, 2022, 5:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.