लखनऊ: प्रियंका गांधी का सोनभद्र दौरा इस समय मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि अगर सरकार पीड़ितों से मिलने के अपराध के लिए मुझे जेल में डालना चाहे तो मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं. मगर इसके बावजूद उप्र सरकार ने यह तमाशा किया हुआ है. जनता सब देख रही है. मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूं और इसे देने को तैयार नहीं हूं. मेरी साफ मांग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाय. सरकार को जो उचित लगे वह करे.
प्रियंका ने कहा, मैंने न कोई क़ानून तोड़ा है न कोई अपराध किया है, बल्कि सुबह से मैंने स्पष्ट किया था कि प्रशासन चाहे तो मैं अकेली उनके साथ पीड़ित परिवारों से मिलने आदिवासियों के गांव जाने को तैयार हूं या प्रशासन जिस तरीके से भी मुझे उनसे मिलाना चाहता है मैं तैयार हूं.
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उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ़्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है। प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सज़ा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ‘ऊपर से ऑर्डर है’।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ़्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है। प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सज़ा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ‘ऊपर से ऑर्डर है’।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ़्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है. प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सज़ा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ‘ऊपर से ऑर्डर है’.
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मैंने न कोई क़ानून तोड़ा है न कोई अपराध किया है।बल्कि सुबह से मैंने स्पष्ट किया था कि प्रशासन चाहे तो मैं अकेली उनके साथ पीड़ित परिवारों से मिलने आदिवासियों के गाँव जाने को तैयार हूँ या प्रशासन जिस तरीके से भी मुझे उनसे मिलाना चाहता है मैं तैयार हूँ
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">मैंने न कोई क़ानून तोड़ा है न कोई अपराध किया है।बल्कि सुबह से मैंने स्पष्ट किया था कि प्रशासन चाहे तो मैं अकेली उनके साथ पीड़ित परिवारों से मिलने आदिवासियों के गाँव जाने को तैयार हूँ या प्रशासन जिस तरीके से भी मुझे उनसे मिलाना चाहता है मैं तैयार हूँ
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आयी हूं. जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है और नैतिक अधिकार भी. उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है.
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मगर इसके बावजूद उप्र सरकार ने यह तमाशा किया हुआ है।
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जनता सब देख रही है।
मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूँ और इसे देने को तैयार नहीं हूँ। मेरी साफ माँग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाय। सरकार को जो उचित लगे वह करे।
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जनता सब देख रही है।
मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूँ और इसे देने को तैयार नहीं हूँ। मेरी साफ माँग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाय। सरकार को जो उचित लगे वह करे।मगर इसके बावजूद उप्र सरकार ने यह तमाशा किया हुआ है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
जनता सब देख रही है।
मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूँ और इसे देने को तैयार नहीं हूँ। मेरी साफ माँग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाय। सरकार को जो उचित लगे वह करे।
उत्तर प्रदेश सरकार की ड्यूटी है अपराधियों को पकड़ना. मेरा कर्तव्य है अपराध से पीड़ित लोगों के पक्ष में खड़े होना. भाजपा अपराध रोकने में तो नाकामयाब है, मगर मुझे मेरा कर्तव्य करने से रोक रही है. मुझे पीड़ितों के समर्थन में खड़े होने से कोई रोक नहीं सकता.
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अगर सरकार पीड़ितों से मिलने के अपराध के लिए मुझे जेल में डालना चाहें तो मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूँ।
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">अगर सरकार पीड़ितों से मिलने के अपराध के लिए मुझे जेल में डालना चाहें तो मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूँ।
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