लखनऊ: ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव ने मध्यांचल मुख्यालय पर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि बिजली व्यवस्था को बेहतर करने के लिए जरूरी है कि अधिकारी अच्छा कार्य करें. मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री ने बिजली की समीक्षा बैठकों में यह स्पष्ट कर दिया है. विभिन्न स्तरों पर एमओयू हुआ है. उसी के आधार पर लक्ष्यों को हासिल करना होगा. प्रमुख सचिव ने आगे कहा कि रीडिंग मीटर में स्टोर मिलने पर सुपरवाइजर और मीटर रीडर पर कार्रवाई होगी.
एमओयू में बिजली राजस्व वसूली, लाइन हानियां कम करना, नेवर पेड उपभोक्ता को ढूंढकर बिल की धनराशि वसूलना और सही रीडिंग आधारित बिल शत-प्रतिशत उपभोक्ता को पहुंचाना शामिल है. प्रमुख सचिव ने कहा कि अगर रीडिंग स्टोर मिलती है तो इसके लिए सुपरवाइजर और मीटर रीडर जिम्मेदार होंगे. उन पर 24 घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
यह भी पढ़ें: अंजुमन इंतजामियां के वकील ने कहा- तालाब में मिला 'शिवलिंग' टूटे फव्वारे का हिस्सा है
मध्यांचल मुख्यालय पर प्रमुख सचिव ने अधिकारियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ज्यादा गर्मी पड़ने की वजह से बिजली की मांग में वृद्धि हो रही है. वहीं, कॉपोरेशन रिकार्ड विद्युत आपूर्ति कर रहा है. वितरण निगमों का कार्य बिजली आपूर्ति करना और बिल वसूलना होता है. पावर कॉपोरेशन अध्यक्ष ने सही रीडिंग आधारित बिल उपभोक्ता तक पहुंचाने के निर्देश दिए.
ट्रांसगोमती के मुख्य इंजीनियर ने समीक्षा बैठक में बताया कि बीती छह अप्रैल से बक्शी का तालाब, रहीमनगर, सीतापुर रोड, मुंशीपुलिया, महानगर और चिनहट सहित विभिन्न क्षेत्रो के 21, 11 केवी लाइन हानियों के फीडरों से सम्बन्धित क्षेत्रों में गहन कॉम्बिंग और चोरी रोकने का अभियान चलाया गया. इस तरह प्रति दिन 217000 यूनिट बिजली की खपत कम हो गई. इसमें लगभग 15 लाख रुपये की प्रतिदिन बचत हुई.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप