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एग्जाम फोबिया' को करें बाय-बाय, दें टेंशन फ्री एग्जाम

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Published : Feb 17, 2020, 8:59 AM IST

ईटीवी भारत के मिशन एग्जामिनेशन के तहत बच्चों को प्रेरक रियल लाइफ स्टोरी से प्रोत्साहित करने की पहल की है. जिससे छात्र-छात्राएं टेंशन फ्री होकर अपनी परीक्षा दें सकें.

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प्रिंसिपल आरके पांडे

छतरपुर (म.प्र): मिशन एग्जामिनेशन के तहत ईटीवी भारत आने वाले समय में परीक्षाएं देने वाले बच्चों को एक स्वच्छ वातावरण देने की कोशिश कर रहा है. इसी कार्यक्रम के तहत जब ईटीवी भारत की टीम शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कर्री के प्रिंसिपल आरके पांडे से मिली तो उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से बच्चों को कुछ टिप्स दिए.

इस तरह दें बोर्ड परीक्षा.

प्रिंसिपल आरके पांडे ने कहा कि, जब हम परीक्षा की तैयारी अपने बचपन में करते थे तो परीक्षा जैसे ही नजदीक आती थी तो दिल की धड़कनें बढ़ जाए करती थीं, लेकिन हम घबराते कभी नहीं थे, आत्मविश्वास बनाए रखते थे और लगता था कि, हम अच्छे से अच्छा करके दिखाएंगे. जरा भी विचलित हुए बिना और एकाग्र चित्त होकर पढ़ाई पर ध्यान लगाते थे और मान कर चलते थे मेहनत करना हमारा काम है और फल देना ईश्वर का काम है.

असफलता से ना हों निराश

प्रिंसिपल आरके पांडे ने बच्चों के लिए कहा कि, हम यदि अच्छी मेहनत करेंगे तो अच्छा ही परिणाम मिलेगा. जब उनसे पूछा गया कि, कुछ बच्चों के नंबर कम आते हैं तो बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं, तो उन्होंने कहा कि, मेहनत अधिक करते हैं और अपेक्षित सफलता नहीं मिलता है, तो ऐसे में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि जीवन में कोई भी परीक्षा अंतिम नहीं है.

असफलता से फिर मिलता है मौका

प्रिंसिपल आरके पांडे ने कहा कि, असफलता से हमें फिर मौका मिलता है, अगर एक बार हमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली तो हमें दोगुने उत्साह से लग जाना चाहिए कि, हमें अवश्य सफलता मिलेगी. असफलता के बाद सफलता का उदाहरण हम लोग बैठे हैं, हम जब असफल हुए तो हमने दोगने उत्साह से मेहनत की और आप लोगों के सम्मुख उपस्थित हैं.

छतरपुर (म.प्र): मिशन एग्जामिनेशन के तहत ईटीवी भारत आने वाले समय में परीक्षाएं देने वाले बच्चों को एक स्वच्छ वातावरण देने की कोशिश कर रहा है. इसी कार्यक्रम के तहत जब ईटीवी भारत की टीम शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कर्री के प्रिंसिपल आरके पांडे से मिली तो उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से बच्चों को कुछ टिप्स दिए.

इस तरह दें बोर्ड परीक्षा.

प्रिंसिपल आरके पांडे ने कहा कि, जब हम परीक्षा की तैयारी अपने बचपन में करते थे तो परीक्षा जैसे ही नजदीक आती थी तो दिल की धड़कनें बढ़ जाए करती थीं, लेकिन हम घबराते कभी नहीं थे, आत्मविश्वास बनाए रखते थे और लगता था कि, हम अच्छे से अच्छा करके दिखाएंगे. जरा भी विचलित हुए बिना और एकाग्र चित्त होकर पढ़ाई पर ध्यान लगाते थे और मान कर चलते थे मेहनत करना हमारा काम है और फल देना ईश्वर का काम है.

असफलता से ना हों निराश

प्रिंसिपल आरके पांडे ने बच्चों के लिए कहा कि, हम यदि अच्छी मेहनत करेंगे तो अच्छा ही परिणाम मिलेगा. जब उनसे पूछा गया कि, कुछ बच्चों के नंबर कम आते हैं तो बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं, तो उन्होंने कहा कि, मेहनत अधिक करते हैं और अपेक्षित सफलता नहीं मिलता है, तो ऐसे में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि जीवन में कोई भी परीक्षा अंतिम नहीं है.

असफलता से फिर मिलता है मौका

प्रिंसिपल आरके पांडे ने कहा कि, असफलता से हमें फिर मौका मिलता है, अगर एक बार हमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली तो हमें दोगुने उत्साह से लग जाना चाहिए कि, हमें अवश्य सफलता मिलेगी. असफलता के बाद सफलता का उदाहरण हम लोग बैठे हैं, हम जब असफल हुए तो हमने दोगने उत्साह से मेहनत की और आप लोगों के सम्मुख उपस्थित हैं.

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