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लखनऊ: कम्युनिटी में कोरोना संक्रमण को रोकना समितियों के लिए बनी एक बड़ी चुनौती

लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के घर वापसी का सिलसिला शुरू हो चुका है. शासन और प्रशासन दोनों ही मजदूरों को सही सलामत घर पहुंचाने के लिए कमर कस ली हैं. वहीं दूसरी ओर कम्युनिटी में कोरोना संक्रमण रोकना समितियों के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई है.

कम्युनिटी में कोरोना संक्रमण रोकना हुई एक बड़ी चुनौती
कम्युनिटी में कोरोना संक्रमण रोकना हुई एक बड़ी चुनौती
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Published : May 22, 2020, 12:26 AM IST

लखनऊ: लॉकडाउन के दौरान सरकार ने बाहर के जनपदों में फंसे मजदूरों को वापस लाने का कवायद शुरू कर दी है. प्रदेश भर में हजारों प्रवासी मजदूर अपने जनपद वापस लौट रहे हैं. वहीं इनकी सकुशल वापसी के साथ सरकार के सामने कम्युनिटी संक्रमण रोकने की बड़ी चुनौती उत्पन्न हो गई है. सरकार ने समितियों के जरिए इस चुनौती से लड़ने के लिए रणनीति बनाई है.


सरकार ने बनाई रणनीति
उत्तर प्रदेश सरकार मजदूरों को गैर जनपदों से वापस लाने के जद्दोजहद में जुट गई है. इसके साथ ही सरकार के सामने कम्युनिटी में संक्रमण को रोकना की एक बड़ी चुनौती सामने आ गई है. सरकार ने समितियों के जरिए इस चुनौती से लड़ने के लिए रणनीति बनाई है.


लाखों की संख्या में मजदूरों होंगे वापस
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 66 हजार से अधिक निगरानी समितियों का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन समितियों को लगातार संवाद बनाकर व्यवस्था को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है. प्रदेश भर में करीब 18 से 20 लाख के मजदूरों के वापसी की उम्मीद है. वहीं मजदूरों के वापस आने के वजह से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या भी तेजी से वृद्धि हुई है. बीते एक हफ्तों में कई बार मरीजों की संख्या का आंकड़ा 300 के पार होता देखा गया है.


समितियों का किया गया गठन
गैर जनपदों से लौट रहे सभी प्रवासी मजदूरों को 21 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जा रहा है. वहीं सरकार का पूरा जोर होम क्वारंटाइन की व्यवस्था को सफलतापूर्वक लागू करवाना है. इसके लिए 58 हजार ग्राम पंचायतों और 8 हजार 7 सौ 40 शहरी क्षेत्रों के स्तर पर निगरानी समितियों का गठन किया गया है. इनमें ग्राम प्रधान, चौकीदार, आशा, युवक मंगल दल, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं. शहरों में सभासद अन्य लोगों को भी शामिल किया गया है. वहीं अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में ये समितियां कोरोना वायरस कम्युनिटी में प्रवेश करने से रोक पाती हैं या नहीं.

लखनऊ: लॉकडाउन के दौरान सरकार ने बाहर के जनपदों में फंसे मजदूरों को वापस लाने का कवायद शुरू कर दी है. प्रदेश भर में हजारों प्रवासी मजदूर अपने जनपद वापस लौट रहे हैं. वहीं इनकी सकुशल वापसी के साथ सरकार के सामने कम्युनिटी संक्रमण रोकने की बड़ी चुनौती उत्पन्न हो गई है. सरकार ने समितियों के जरिए इस चुनौती से लड़ने के लिए रणनीति बनाई है.


सरकार ने बनाई रणनीति
उत्तर प्रदेश सरकार मजदूरों को गैर जनपदों से वापस लाने के जद्दोजहद में जुट गई है. इसके साथ ही सरकार के सामने कम्युनिटी में संक्रमण को रोकना की एक बड़ी चुनौती सामने आ गई है. सरकार ने समितियों के जरिए इस चुनौती से लड़ने के लिए रणनीति बनाई है.


लाखों की संख्या में मजदूरों होंगे वापस
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 66 हजार से अधिक निगरानी समितियों का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन समितियों को लगातार संवाद बनाकर व्यवस्था को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है. प्रदेश भर में करीब 18 से 20 लाख के मजदूरों के वापसी की उम्मीद है. वहीं मजदूरों के वापस आने के वजह से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या भी तेजी से वृद्धि हुई है. बीते एक हफ्तों में कई बार मरीजों की संख्या का आंकड़ा 300 के पार होता देखा गया है.


समितियों का किया गया गठन
गैर जनपदों से लौट रहे सभी प्रवासी मजदूरों को 21 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जा रहा है. वहीं सरकार का पूरा जोर होम क्वारंटाइन की व्यवस्था को सफलतापूर्वक लागू करवाना है. इसके लिए 58 हजार ग्राम पंचायतों और 8 हजार 7 सौ 40 शहरी क्षेत्रों के स्तर पर निगरानी समितियों का गठन किया गया है. इनमें ग्राम प्रधान, चौकीदार, आशा, युवक मंगल दल, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं. शहरों में सभासद अन्य लोगों को भी शामिल किया गया है. वहीं अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में ये समितियां कोरोना वायरस कम्युनिटी में प्रवेश करने से रोक पाती हैं या नहीं.

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