लखनऊ : समाजवादी पार्टी ने साल 2020-21 में 9534 पदों पर दारोगा भर्ती को लेकर घोटाले का आरोप लगाते हुए नए सिरे से जांच कराने की मांग की है. समाजवादी पार्टी ने यह मांग तब की है जब एसटीएफ इस पूरे मामले की जांच कर चुकी है. मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन भी है. इन सारी बातों को किनारे करते हुए समाजवादी पार्टी इस पूरे मामले में हमलावर हो रही है. विधायकों की तीन सदस्य कमेटी ने एक जांच रिपोर्ट भी पेश की है, जिसमें इस पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं. यह बात दीगर है कि यह सारे सवाल एसटीएफ अपनी जांच में भी उठा चुकी है.
समाजवादी पार्टी के मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने आरोप लगाते हुए कहा कि '9534 पदों पर दारोगा भर्ती की परीक्षा हुई थी. एनएसईआईटी ने परीक्षा करवाई थी. उत्तराखंड और एमपी में ब्लैक लिस्ट है. सात लाख अभ्यर्थी थे. भारी गोलमाल और भ्रष्टाचार हुआ है. स्क्रीन शेयरिंग से नकल हुई थी. इस परीक्षा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग में भी गड़बड़ी की गई है.'
नरेश उत्तम ने आरोप लगाया है कि 'उच्च न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा न करते हुए, नियुक्ति दी जा रही है. जिसकी वजह से लगभग सात लाख अभ्यर्थियों के साथ भर्ती की परीक्षा की विस्तृत जांच करने की समाजवादी पार्टी मांग करती है.' उन्होंने कहा कि 'परीक्षा केंद्रों पर सॉल्वर बैठे थे. यह पुलिस की रिपोर्ट में भी दर्ज है. स्क्रीन शेयरिंग की गई. पाया गया कि 40 सवाल का उत्तर चार मिनट में दिया है. 23 सवालों को पांच सेकेण्ड में जवाब दिया है. थाना शाहगंज आगरा में दर्ज है कि 60 सवालों का जवाब 59 सेकेंड में दे दिया गया. एक कोचिंग ने उस अभ्यर्थी को सम्मानित किया है जिस पर मुकदमा है.' कोचिंग का दावा है कि 'उसके ऐसे साढ़े तीन हजार विद्यार्थी हैं. यूपी एसटीएफ का आरोप है कि ब्लैक लिस्ट केंद्रों पर परीक्षा करवाई गई है.'
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