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एनईपी में विषयों के चयन को और अधिक आसान किया गया : प्रो. संजय सिंह

राजधानी स्थित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में गुरुवार को पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया.

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Published : Jul 28, 2023, 10:57 AM IST

लखनऊ : बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में गुरुवार को, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट लखनऊ (आईआईएम-एल), केंद्रीय विद्यालय संगठन, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय और जवाहर नवोदय विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की तीसरी वर्षगांठ पर संयुक्त पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया. इस दौरान बीबीएयू के कुलपति प्रो. संजय सिंह ने कहा कि 'नई शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों के अध्ययन के लिए विषयों का चयन और अधिक आसान किया गया है. एनईपी के तहत बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) को इसके लिए नोडल केंद्र के रूप में नियुक्त किया गया है. इसके अतिरिक्त एनईपी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विश्वविद्यालय निरन्तर प्रयास कर रहा है. विश्वविद्यालय के सभी विभागों में एनईपी से संवर्धित पाठ्यक्रम को 2020 से लागू कर दिया गया है.'

प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि 'विश्वविद्यालय ने मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट और च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के प्रावधान को लागू किया गया है. प्रत्येक विभाग ने मूल्य संवर्धन, कौशल विकास, क्षमता वृद्धि, भारतीय पारंपरिक ज्ञान, सामुदायिक जुड़ाव, इंटर्नशिप प्रोजेक्ट, अप्रेंटिसशिप और क्रेडिट आवश्यकताओं के साथ प्रायोगिक और अनुभवात्मक शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम डिजाइन किये हैं. सभी कार्यक्रमों में स्वयं और मूक पाठ्यक्रमों की अनुमति दी गयी है. विश्वविद्यालय ने आने वाले सत्रों में अधिक इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप एम्बेडेड डिग्री कार्यक्रम शुरू करने की पहल की है.' इस दौरान सभी वक्ताओं ने एनईपी के फायदे और उपलब्धियों को गिनाया. साथ ही इनके विभिन्न आयामों एवं भविष्य को लेकर संभावनाओं आदि विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा की. प्रेस कांफ्रेंस में कुलपति प्रो. संजय सिंह, आईआईएम की निदेशक प्रो. अर्चना शुक्ला, केन्द्रीय विद्यालय संगठन के डिप्टी कमिश्नर डीके द्विवेदी, जवाहर नवोदय विद्यालय के डिप्टी कमिश्नर डॉ एसके माहेश्वरी और बीबीएयू की एनईपी समिति की अध्यक्ष प्रो संगीता सक्सेना शामिल रहीं.

आईआईएम लखनऊ की निदेशक प्रो अर्चना शुक्ला ने एनईपी के संदर्भ में कहा कि 'इसके माध्यम से स्टार्टअप और मेंटरशिप को भी ध्यान में रखा गया है. जिसकी वजह से प्रत्येक क्षेत्र में जैसे कृषि, सुरक्षा, ऊर्जा, शिक्षा, कौशल विकास में वृद्धि हुई है.' इस दौरान मुख्य अतिथि केंद्रीय विद्यालय संगठन के डिप्टी कमिश्नर डीके द्विवेदी ने कहा कि 'एनईपी के माध्यम से उच्च शिक्षा में समग्रता के नये अवसर देखने को मिलते हैं. साथ ही प्रत्येक छात्र की अद्वितीय क्षमता को सामने लाया जा रहा है एवं वैधानिक सोच को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है.'

नवोदय विद्यालय के डिप्टी कमिश्नर एसके माहेश्वरी ने कहा कि 'एनईपी के माध्यम से प्रारंभिक स्तर की शिक्षा में भी आवश्यक बदलाव किये गए हैं जोकि एक सकारात्मक प्रयास है. आज के समय में लगाये गये इन बीजों का फल भविष्य में देखने को मिलेगा. बीबीएयू में एनईपी 2020 क्रियान्वयन समिति की चैयरपर्सन प्रो संगीता सक्सेना ने विश्वविद्यालय द्वारा एनईपी के संदर्भ में किये गए कार्यों एवं विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त उपलब्धियों के बारे में चर्चा की और भविष्य में निर्धारित लक्ष्यों को बताया.' रजिस्टार डॉ. अश्विनी कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

यह भी पढ़ें : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय: धरने पर बैठे राजा राममोहन राय छात्रावास के स्टूडेंट्स, ये है वजह

लखनऊ : बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में गुरुवार को, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट लखनऊ (आईआईएम-एल), केंद्रीय विद्यालय संगठन, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय और जवाहर नवोदय विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की तीसरी वर्षगांठ पर संयुक्त पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया. इस दौरान बीबीएयू के कुलपति प्रो. संजय सिंह ने कहा कि 'नई शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों के अध्ययन के लिए विषयों का चयन और अधिक आसान किया गया है. एनईपी के तहत बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) को इसके लिए नोडल केंद्र के रूप में नियुक्त किया गया है. इसके अतिरिक्त एनईपी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विश्वविद्यालय निरन्तर प्रयास कर रहा है. विश्वविद्यालय के सभी विभागों में एनईपी से संवर्धित पाठ्यक्रम को 2020 से लागू कर दिया गया है.'

प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि 'विश्वविद्यालय ने मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट और च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के प्रावधान को लागू किया गया है. प्रत्येक विभाग ने मूल्य संवर्धन, कौशल विकास, क्षमता वृद्धि, भारतीय पारंपरिक ज्ञान, सामुदायिक जुड़ाव, इंटर्नशिप प्रोजेक्ट, अप्रेंटिसशिप और क्रेडिट आवश्यकताओं के साथ प्रायोगिक और अनुभवात्मक शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम डिजाइन किये हैं. सभी कार्यक्रमों में स्वयं और मूक पाठ्यक्रमों की अनुमति दी गयी है. विश्वविद्यालय ने आने वाले सत्रों में अधिक इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप एम्बेडेड डिग्री कार्यक्रम शुरू करने की पहल की है.' इस दौरान सभी वक्ताओं ने एनईपी के फायदे और उपलब्धियों को गिनाया. साथ ही इनके विभिन्न आयामों एवं भविष्य को लेकर संभावनाओं आदि विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा की. प्रेस कांफ्रेंस में कुलपति प्रो. संजय सिंह, आईआईएम की निदेशक प्रो. अर्चना शुक्ला, केन्द्रीय विद्यालय संगठन के डिप्टी कमिश्नर डीके द्विवेदी, जवाहर नवोदय विद्यालय के डिप्टी कमिश्नर डॉ एसके माहेश्वरी और बीबीएयू की एनईपी समिति की अध्यक्ष प्रो संगीता सक्सेना शामिल रहीं.

आईआईएम लखनऊ की निदेशक प्रो अर्चना शुक्ला ने एनईपी के संदर्भ में कहा कि 'इसके माध्यम से स्टार्टअप और मेंटरशिप को भी ध्यान में रखा गया है. जिसकी वजह से प्रत्येक क्षेत्र में जैसे कृषि, सुरक्षा, ऊर्जा, शिक्षा, कौशल विकास में वृद्धि हुई है.' इस दौरान मुख्य अतिथि केंद्रीय विद्यालय संगठन के डिप्टी कमिश्नर डीके द्विवेदी ने कहा कि 'एनईपी के माध्यम से उच्च शिक्षा में समग्रता के नये अवसर देखने को मिलते हैं. साथ ही प्रत्येक छात्र की अद्वितीय क्षमता को सामने लाया जा रहा है एवं वैधानिक सोच को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है.'

नवोदय विद्यालय के डिप्टी कमिश्नर एसके माहेश्वरी ने कहा कि 'एनईपी के माध्यम से प्रारंभिक स्तर की शिक्षा में भी आवश्यक बदलाव किये गए हैं जोकि एक सकारात्मक प्रयास है. आज के समय में लगाये गये इन बीजों का फल भविष्य में देखने को मिलेगा. बीबीएयू में एनईपी 2020 क्रियान्वयन समिति की चैयरपर्सन प्रो संगीता सक्सेना ने विश्वविद्यालय द्वारा एनईपी के संदर्भ में किये गए कार्यों एवं विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त उपलब्धियों के बारे में चर्चा की और भविष्य में निर्धारित लक्ष्यों को बताया.' रजिस्टार डॉ. अश्विनी कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

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