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दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने युवा चिकित्सकों को दिया मानव सेवा का संदेश

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Published : Aug 27, 2021, 10:23 PM IST

राजधानी लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई के 26वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मेधावी और एक शिक्षक को अवार्ड दिया. साथ ही युवा चिकित्सकों को मानव सेवा का संदेश दिया.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद.

लखनऊ: एसजीपीजीआई में शुक्रवार को 26 वां दीक्षांत समारोह मनाया गया. इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मेधावी और एक शिक्षक को अवार्ड दिया. साथ ही युवा चिकित्सकों को मानव सेवा का संदेश दिया.

एसजीपीजाई के दीक्षांत समारोह साढ़े पांच बजे शुरू हुआ. इसमें आर्मी बैंड की धुन पर छात्र, शिक्षक, मुख्य सचिव, निदेशक, डीन, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, राज्यपाल, राष्ट्रपति ने क्रम से सभागार में प्रवेश किया. इस दौरान राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने दीक्षांत समारोह के शुरू करने की घोषणा. साथ ही 116 मेडिकल छात्र -छात्राओं को डिग्री प्रदान करने की सहमति प्रदान की. इसके बाद राष्ट्रपति ने एमसीएच, डीएम व पीएचडी टॉपर को मेडल पहनाया. साथ ही उत्कृष्ट शोध के लिए रिसर्च अवॉर्ड दिए. इस दौरान संस्थान के एक शिक्षक को बेस्ट रिसर्च के लिए अवार्ड प्रदान किया. इसके अलावा शेष मेधावियों को अन्य अतिथियों ने डिग्री प्रदान की. कोविड की वजह से अन्य छात्र, शिक्षक वर्चुअल जुड़े.

इसे भी पढ़ें-पूर्वांचल को गोरखनाथ विश्वविद्यालय का उपहार, राष्ट्रपति करेंगे उद्घाटन

इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि युवा चिकित्सक एसजीपीजीआई जैसे श्रेष्ठ संस्थान से डिग्री लेकर निकल रहे हैं. ऐसे में दायित्व और बढ़ जाता है. उन्हें मेडिकल के क्षेत्र में स्टेट व देश में ही नहीं दुनिया में नाम रोशन करना है. उन्होंने कहा कि चिकित्सा का क्षेत्र वैश्विक है, आपके द्वारा किए गए शोध विश्व का कल्याण करेंगे. इस दौरान मानव सेवा का ध्यान रखें, यही सर्वोपरि है.

राष्ट्रपति ने वैक्सीनेशन प्रोग्राम को सराहा
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है. यूपी में भी अभियान को गति दी जा रही है. इसके बावजूद लोगों को वायरस से बचाव को लेकर सजग रहना होगा, कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ स्वस्थ्य जीवन शैली के लिए योग को अपनाएं. उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद को दुनिया मे बढ़ावा मिल रहा है. राष्ट्रपति ने एसजीपीजीआई के एकेडमिक, रिसर्च वर्क, इलाज की सुविधाओं को विश्वस्तरीय बताया. साथ ही कोरोना वायरस, स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रोग्राम की दिशा में किए जा रहे प्रोग्राम की सराहना की.

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर रहें अलर्ट
वहीं, कार्यक्रम में राज्य पाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि युवा चिकित्सक मानवीय संवेदना का ध्यान रखें, यही आपको आगे ले जाएगी. कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अलर्ट रहें. केंद्र व प्रदेश सरकार बेहतर इलाज की दिशा में काम कर रही है. अस्पतालों में बेहतर संसाधन व उपकरण जुटाए जा रहे हैं. दुर्बल आय वर्ग के के लिए आयुष्मान योजना वरदान साबित हो रही है.प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर मरीजों को सस्ती दवाएं मिल रही हैं. शोध के दिशा में भी बेहतर काम हो रहा है. कोरोना के दो वैक्सीन का निर्माण देश में हो चुका है और तीसरी को भी मंजूरी मिलने वाली है.

एसजीपीजाई कोरोना नियंत्रण में निभाई अहम भूमिका
वहीं, मुख्य सचिव डॉ. आर के तिवारी ने कहा कि एसजीपीजीआई में विश्व स्तरीय इलाज की सुविधा उपलब्ध है. कोरोना काल में यहां के विशेषज्ञों ने महामारी से निपटने के लिए नीति बनाई. इससे प्रदेश में वायरस को नियंत्रित किया जा सका. राज्य सरकार कोरोना के लिए 76 हजार बेड व 554 ऑक्सीजन प्लांट लगा रही है. पीजीआई में देश-विदेश से इलाज के लिए आते हैं. कार्यक्रम में देश की प्रथम महिला सविता कोविंद, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, राज्य मंत्री संदीप सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, निदेशक डॉ आरके धीमान प्रमुख रहे.

लखनऊ: एसजीपीजीआई में शुक्रवार को 26 वां दीक्षांत समारोह मनाया गया. इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मेधावी और एक शिक्षक को अवार्ड दिया. साथ ही युवा चिकित्सकों को मानव सेवा का संदेश दिया.

एसजीपीजाई के दीक्षांत समारोह साढ़े पांच बजे शुरू हुआ. इसमें आर्मी बैंड की धुन पर छात्र, शिक्षक, मुख्य सचिव, निदेशक, डीन, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, राज्यपाल, राष्ट्रपति ने क्रम से सभागार में प्रवेश किया. इस दौरान राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने दीक्षांत समारोह के शुरू करने की घोषणा. साथ ही 116 मेडिकल छात्र -छात्राओं को डिग्री प्रदान करने की सहमति प्रदान की. इसके बाद राष्ट्रपति ने एमसीएच, डीएम व पीएचडी टॉपर को मेडल पहनाया. साथ ही उत्कृष्ट शोध के लिए रिसर्च अवॉर्ड दिए. इस दौरान संस्थान के एक शिक्षक को बेस्ट रिसर्च के लिए अवार्ड प्रदान किया. इसके अलावा शेष मेधावियों को अन्य अतिथियों ने डिग्री प्रदान की. कोविड की वजह से अन्य छात्र, शिक्षक वर्चुअल जुड़े.

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इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि युवा चिकित्सक एसजीपीजीआई जैसे श्रेष्ठ संस्थान से डिग्री लेकर निकल रहे हैं. ऐसे में दायित्व और बढ़ जाता है. उन्हें मेडिकल के क्षेत्र में स्टेट व देश में ही नहीं दुनिया में नाम रोशन करना है. उन्होंने कहा कि चिकित्सा का क्षेत्र वैश्विक है, आपके द्वारा किए गए शोध विश्व का कल्याण करेंगे. इस दौरान मानव सेवा का ध्यान रखें, यही सर्वोपरि है.

राष्ट्रपति ने वैक्सीनेशन प्रोग्राम को सराहा
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है. यूपी में भी अभियान को गति दी जा रही है. इसके बावजूद लोगों को वायरस से बचाव को लेकर सजग रहना होगा, कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ स्वस्थ्य जीवन शैली के लिए योग को अपनाएं. उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद को दुनिया मे बढ़ावा मिल रहा है. राष्ट्रपति ने एसजीपीजीआई के एकेडमिक, रिसर्च वर्क, इलाज की सुविधाओं को विश्वस्तरीय बताया. साथ ही कोरोना वायरस, स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रोग्राम की दिशा में किए जा रहे प्रोग्राम की सराहना की.

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर रहें अलर्ट
वहीं, कार्यक्रम में राज्य पाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि युवा चिकित्सक मानवीय संवेदना का ध्यान रखें, यही आपको आगे ले जाएगी. कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अलर्ट रहें. केंद्र व प्रदेश सरकार बेहतर इलाज की दिशा में काम कर रही है. अस्पतालों में बेहतर संसाधन व उपकरण जुटाए जा रहे हैं. दुर्बल आय वर्ग के के लिए आयुष्मान योजना वरदान साबित हो रही है.प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर मरीजों को सस्ती दवाएं मिल रही हैं. शोध के दिशा में भी बेहतर काम हो रहा है. कोरोना के दो वैक्सीन का निर्माण देश में हो चुका है और तीसरी को भी मंजूरी मिलने वाली है.

एसजीपीजाई कोरोना नियंत्रण में निभाई अहम भूमिका
वहीं, मुख्य सचिव डॉ. आर के तिवारी ने कहा कि एसजीपीजीआई में विश्व स्तरीय इलाज की सुविधा उपलब्ध है. कोरोना काल में यहां के विशेषज्ञों ने महामारी से निपटने के लिए नीति बनाई. इससे प्रदेश में वायरस को नियंत्रित किया जा सका. राज्य सरकार कोरोना के लिए 76 हजार बेड व 554 ऑक्सीजन प्लांट लगा रही है. पीजीआई में देश-विदेश से इलाज के लिए आते हैं. कार्यक्रम में देश की प्रथम महिला सविता कोविंद, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, राज्य मंत्री संदीप सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, निदेशक डॉ आरके धीमान प्रमुख रहे.

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