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लखनऊ में 15 अक्टूबर से खुलेंगे स्कूल, तैयारी शुरू - district magistrate order to reopen school

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जिलाधिकारी ने 15 अक्टूबर से स्कूल और कॉलेज खोले जाने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में सभी कॉलेज दोबारा कक्षाएं चलाने की तैयारी कर रहे हैं. लखनऊ के कई कॉलेज कोरोना से बचाव के तमाम प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कक्षाएं संचालित करने की तैयारी में जुटे हुए हैं.

स्कूल और कॉलेज खोलने की तैयारी तेज.
स्कूल और कॉलेज खोलने की तैयारी तेज.
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Published : Oct 10, 2020, 2:30 PM IST

लखनऊ: सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के बाद स्कूल और कॉलेजों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. आपको बता दें कि बुधवार को राजधनी लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने साफ किया था कि प्रथम चरण में कक्षा 10 और 12, द्वितीय चरण में कक्षा 9 और 11 और तृतीय चरण में फीडबैक आने के बाद छोटे बच्चों के विद्यालय खोलने पर निर्णय लिया जाएगा. डीएम ने कहा था कि हर स्कूल में एक मेडिकल रूम बनाए जाएंगा, जिसमें दो बेड होंगे. चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध होने के साथ ही चिकित्सीय जानकारी रखने वाला व्यक्ति भी उपस्थित रहेगा.

ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी लखनऊ के वजीरगंज स्थित राजकीय जुबली इंटर कॉलेज में तैयारियों का जायजा लिया. ईटीवी से बात करते हुए कॉलेज के प्रधानाचार्य धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि 15 अक्टूबर से सभी कॉलेजों को जिलाधिकारी ने खोलने के आदेश दिए हैं. इसके बाद हमने सभी क्लास को सैनिटाइज करा दिया है. सभी कमरों को बाहर से सैनिटाइज कराया गया है. छात्रों के कक्षा में आने और जाने के समय पल्स ऑक्सीमीटर थर्मल से जांच की भी व्यवस्था की गई है.

स्कूल और कॉलेज खोलने की तैयारी तेज.

हालांकि जिलाधिकारी ने स्कूलों को 2 शिफ्टों में 3-3 घंटे के अंतराल पर पढ़ाने के निर्देश दिए हैं. फिलहाल जिला प्रशाशन ने 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को पढ़ाने का आदेश दिया है. जो बच्चे स्कूल पढ़ने नहीं आते हैं, तो उनको जबरन कॉलेज नहीं बुलाया जाएगा. उनको कॉलेज की तरफ से ऑनलाइन क्लास के माध्यम से कोर्स पूरा कराया जाएगा.

उन्होंने बताया कि 9वीं और 10वीं की कक्षाएं प्रथम पाली में चलेंगी. 11वीं और 12वीं की कक्षाएं द्वितीय पाली में 3-3 घंटे चलेंगी. इसमें न ही असेंबली होगी और न ही लंच होगा. बच्चे आएंगे और पढ़ाई करेंगे. उन्होंने बताया कि 9वीं और 10वीं की कक्षा में 417 बच्चे हैं. 24 बच्चे प्रति कमरे के हिसाब से बैठेंगे. इन बच्चों की संख्या को देखते हुए हमने उचित कमरों की व्यवस्था की है. एक कमरे में हमने 18 सीटें डाली हुई हैं. इसमें हमने काफी गैप भी करवा रखा है. वहीं जिला प्रशासन की तरफ से 3 घंटे की क्लास के बाद आधे घंटे का समय मिलेगा. हालांकि हमने 1 घंटे का समय रखा है. इस समय में 1 घंटे में पहली पाली की क्लासेज छूटने के बाद हम कमरों का सैनिटाइजेशन कराएंगे. इसके बाद हम दूसरी क्लास के बच्चों को बैठाएंगे.

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से जारी गाइडलाइन के अनुसार, हमने दो मेडिकल रूम बनाने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद हमने अपने यहां दो मेडिकल रूम बनाए हैं. दोनों में दो-दो बेड की व्यवस्था है. इसके अलावा जो हमारे स्काउट के प्रभारी हैं सत्संग मिश्रा, वह मेडिकल कमरों का संचालन देखेंगे. क्योंकि रेड क्रॉस में उनको प्राइमरी स्वास्थ संबंधित सभी सुरक्षा जानकारी है. ऐसे में इन दोनों कमरों की पूर्ण निगरानी उनकी देखरेख में होगी.

वहीं प्रधानाध्यापक धीरेंद्र मिश्रा ने कॉलेज के बाहर लगे ड्रॉप बॉक्स के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह ड्रॉप बॉक्स सरकार की ओर से जारी की गई दूरगामी योजना के तहत लगाया गया है. हालांकि यह योजना गांव में काफी सफल रही थी, लेकिन शहर में अभी उतनी सफल नहीं हो पाई है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत ग्राम सभा में एक अच्छी योजना चली थी. इसमें ग्राम सभा का कोई एक सदस्य बच्चों की समस्याएं जो भी होंगी बच्चे प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखेंगे या क्लास टीचर के नाम से ग्राम सभा का सदस्य उस ग्राम सभा के अंदर आने वाले जो बच्चे हैं. उनसे उनसे वह चिट्टियां इकट्ठे करके स्कूल लेकर जाएंगे और प्रिंसिपल या टीचर उन चिट्ठियों का जवाब देंगे. बाद में वही चिट्ठियां ग्राम सभा के सदस्यों द्वारा बच्चों तक पहुंचा जाएंगे.

लखनऊ: सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के बाद स्कूल और कॉलेजों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. आपको बता दें कि बुधवार को राजधनी लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने साफ किया था कि प्रथम चरण में कक्षा 10 और 12, द्वितीय चरण में कक्षा 9 और 11 और तृतीय चरण में फीडबैक आने के बाद छोटे बच्चों के विद्यालय खोलने पर निर्णय लिया जाएगा. डीएम ने कहा था कि हर स्कूल में एक मेडिकल रूम बनाए जाएंगा, जिसमें दो बेड होंगे. चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध होने के साथ ही चिकित्सीय जानकारी रखने वाला व्यक्ति भी उपस्थित रहेगा.

ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी लखनऊ के वजीरगंज स्थित राजकीय जुबली इंटर कॉलेज में तैयारियों का जायजा लिया. ईटीवी से बात करते हुए कॉलेज के प्रधानाचार्य धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि 15 अक्टूबर से सभी कॉलेजों को जिलाधिकारी ने खोलने के आदेश दिए हैं. इसके बाद हमने सभी क्लास को सैनिटाइज करा दिया है. सभी कमरों को बाहर से सैनिटाइज कराया गया है. छात्रों के कक्षा में आने और जाने के समय पल्स ऑक्सीमीटर थर्मल से जांच की भी व्यवस्था की गई है.

स्कूल और कॉलेज खोलने की तैयारी तेज.

हालांकि जिलाधिकारी ने स्कूलों को 2 शिफ्टों में 3-3 घंटे के अंतराल पर पढ़ाने के निर्देश दिए हैं. फिलहाल जिला प्रशाशन ने 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को पढ़ाने का आदेश दिया है. जो बच्चे स्कूल पढ़ने नहीं आते हैं, तो उनको जबरन कॉलेज नहीं बुलाया जाएगा. उनको कॉलेज की तरफ से ऑनलाइन क्लास के माध्यम से कोर्स पूरा कराया जाएगा.

उन्होंने बताया कि 9वीं और 10वीं की कक्षाएं प्रथम पाली में चलेंगी. 11वीं और 12वीं की कक्षाएं द्वितीय पाली में 3-3 घंटे चलेंगी. इसमें न ही असेंबली होगी और न ही लंच होगा. बच्चे आएंगे और पढ़ाई करेंगे. उन्होंने बताया कि 9वीं और 10वीं की कक्षा में 417 बच्चे हैं. 24 बच्चे प्रति कमरे के हिसाब से बैठेंगे. इन बच्चों की संख्या को देखते हुए हमने उचित कमरों की व्यवस्था की है. एक कमरे में हमने 18 सीटें डाली हुई हैं. इसमें हमने काफी गैप भी करवा रखा है. वहीं जिला प्रशासन की तरफ से 3 घंटे की क्लास के बाद आधे घंटे का समय मिलेगा. हालांकि हमने 1 घंटे का समय रखा है. इस समय में 1 घंटे में पहली पाली की क्लासेज छूटने के बाद हम कमरों का सैनिटाइजेशन कराएंगे. इसके बाद हम दूसरी क्लास के बच्चों को बैठाएंगे.

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से जारी गाइडलाइन के अनुसार, हमने दो मेडिकल रूम बनाने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद हमने अपने यहां दो मेडिकल रूम बनाए हैं. दोनों में दो-दो बेड की व्यवस्था है. इसके अलावा जो हमारे स्काउट के प्रभारी हैं सत्संग मिश्रा, वह मेडिकल कमरों का संचालन देखेंगे. क्योंकि रेड क्रॉस में उनको प्राइमरी स्वास्थ संबंधित सभी सुरक्षा जानकारी है. ऐसे में इन दोनों कमरों की पूर्ण निगरानी उनकी देखरेख में होगी.

वहीं प्रधानाध्यापक धीरेंद्र मिश्रा ने कॉलेज के बाहर लगे ड्रॉप बॉक्स के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह ड्रॉप बॉक्स सरकार की ओर से जारी की गई दूरगामी योजना के तहत लगाया गया है. हालांकि यह योजना गांव में काफी सफल रही थी, लेकिन शहर में अभी उतनी सफल नहीं हो पाई है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत ग्राम सभा में एक अच्छी योजना चली थी. इसमें ग्राम सभा का कोई एक सदस्य बच्चों की समस्याएं जो भी होंगी बच्चे प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखेंगे या क्लास टीचर के नाम से ग्राम सभा का सदस्य उस ग्राम सभा के अंदर आने वाले जो बच्चे हैं. उनसे उनसे वह चिट्टियां इकट्ठे करके स्कूल लेकर जाएंगे और प्रिंसिपल या टीचर उन चिट्ठियों का जवाब देंगे. बाद में वही चिट्ठियां ग्राम सभा के सदस्यों द्वारा बच्चों तक पहुंचा जाएंगे.

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