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विधानसभा, सीएम ऑफिस और सभी सचिवालय एक जगह करने की आखिर क्यों हो रही तैयारी, जानिए वजह - लखनऊ की खबरें

लखनऊ में विधानसभा, सीएम ऑफिस और सभी सचिवालय एक जगह करने की आखिर तैयारी क्यों हो रही हैं. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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Published : Jun 21, 2023, 7:05 PM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में विधानसभा, मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ ही साथ सभी सचिवालय भवन एक साथ करने की तैयारी है. विधान भवन औऱ सचिवालय के पुनर्विकास को लेकर शासन स्तर पर तैयारी की जा रही है. सभी सचिवालय भवन एक जगह पर किए जाने की बड़े स्तर पर तैयारी चल रही है. कुछ समय पूर्व सरकार ने सुल्तानपुर रोड स्थित सीजी सिटी के आसपास नई विधानसभा बनाए जाने की कार्य योजना मंजूर की थी, लेकिन शासन के उच्च स्तरीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब इसमें कुछ बदलाव किया जा रहा है, जिसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. उच्च स्तर पर इस पर मंथन किया जा रहा है.

लखनऊ में बड़े सरकारी भवनों को इंटरकनेक्ट करने की तैयारी.

सूत्रों का दावा है कि विधानसभा मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ ही सभी सचिवालय भवन एक ही जगह पर करने की तैयारी हो रही है. इन सभी सचिवालय भवनों को एक साथ-एक जगह पर और सबको इंटरकनेक्टेड करने की तैयारी है. इसको लेकर उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है. आने वाले कुछ दिनों में इस पर पूरी कार्य योजना तैयार करके मंजूरी प्रदान की जाएगी.

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चयन प्रक्रिया की गई तेज.

शासन स्तर पर चल रही इस नई कवायद को लेकर शासन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिस प्रकार से कुछ समय पहले विधानसभा को सुल्तानपुर रोड पर शिफ्ट करने की तैयारी की गई थी उसमें उच्च स्तर पर जिस पर दोबारा से बातचीत हुई तो कहा गया कि मुख्यमंत्री कार्यालय लोक भवन हजरतगंज क्षेत्र में है और विधानसभा वहां रहेगी तो आवागमन में काफी समस्या भी रहेगी ऐसे में विधानसभा हजरतगंज यानी जहां पर है वही रहे, बस इसका विस्तार किया जा सकता है और जितने सचिवालय भवन है उन्हें आपस में इंटरकनेक्टेड करते हुए और भी विस्तार दिया जा सकता है.

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नई विधानसभा की कार्ययोजना की गई थी मंजूर.

इसके बाद उच्च स्तर पर मंथन किया जा रहा है कि जितने भी सचिवालय भवन है साथ ही विधान भवन को विस्तारित करते हुए सब को एक साथ जोड़ते हुए एक हाई सिक्योरिटी जोन बनाया जाए. इसमें सभी भवन एक साथ इंटरकनेक्टेड हो जाए और आपस में कोआर्डिनेशन भी बेहतर होगा. एनेक्सी सचिवालय विधान भवन बापू भवन लोक भवन योजना भवन सहकारिता भवन के आसपास के पूरे क्षेत्र को अधिग्रहित करते हुए पूरा शासकीय बनाए जाने की तैयारी है, जिस पर उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है.

फिलहाल नियोजन विभाग की तरफ से अभी विधान भवन सभी सचिवालय भवनों के पुनर्विकास के लिए कंसलटेंट चयन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. इसके लिए नोटिस जारी की गई है. मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े और नियोजन कार्यालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी इस पर काम हो रहा है. उच्च स्तर पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा और फिर इस पर पूरा प्रस्ताव तैयार किया जाएगा.


उच्च स्तर पर हुई बातचीत में यह बात सामने आई थी कि जब लोक भवन विधान सभा एनेक्सी सचिवालय बापू भवन सचिवालय सहित अन्य तमाम महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय हजरतगंज क्षेत्र में है ऐसी स्थिति में जब नई विधानसभा सुल्तानपुर रोड पर बनाई जाएगी तो मुख्यमंत्री कार्यालय सहित अन्य भवन दूर हो जाएंगे मुख्यमंत्री का भी विधानसभा सत्र के दौरान आना जाना रहता है, ऐसे में इसमें बड़ी बाधा भी रहेगी और विधानसभा लोक भवन का जो पुराना स्वरूप है वह भी बदल जाएगा, ऐसे में इन सब को एक ही स्थान पर किया जाना ज्यादा उचित होगा. सिक्योरिटी के स्तर पर भी अलग-अलग जगहों पर डेप्लॉयमेंट किया जाएगा, जिससे तमाम तरह की सुविधा भी होगी ऐसे में इन सभी महत्वपूर्ण सचिवालय भवनों को एक शासकीय जोन में करने की योजना तैयार की जा रही है.


इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन कहते हैं कि बापू भवन और सचिवालय जो मुख्य दो भवन है वह पहले से ही इंटरकनेक्टेड है. एनेक्सी भी बहुत ज्यादा दूर नहीं है मगर एनेक्सी और बापू भवन को जोड़ने का प्रस्ताव पहले कल्याण सिंह सरकार के समय बना था लेकिन बीच में राजा विजय कुमार त्रिपाठी का आवास व कुछ अन्य रेजिडेंशियल भवन होने की वजह से इस प्रस्ताव पर काम आगे नहीं बढ़ पाया. अब अगर सरकार कोई विचार कर रही है तो अच्छी बात है. सभी सरकारी भवन बहुत इंटरकनेक्टेड होने चाहिए. यह सिक्योरिटी पॉइंट ऑफ यू से भी अच्छी बात है, तमाम कर्मचारी अधिकारी फाइल लेकर इधर से उधर आते जाते हैं तो इससे गोपनीयता भंग होती है, कौन सी फाइल कितनी महत्वपूर्ण है इस बात पर भी फोकस रहता है. सरकार अगर इस प्रकार का सोच रही है तो यह अच्छी बात है लेकिन नई विधानसभा का भी प्रस्ताव सुल्तानपुर रोड पर बनाया गया है ऐसे में अब किस प्रकार से दोनों चीजें होंगी. यह देखने वाली बात होगी अगर सरकार यही सब कुछ करती है तो यह और भी बेहतर होगा.

ये भी पढ़ेंः सुलतानपुर जिला जेल में अमेठी के दो कैदियों ने जान दी

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में विधानसभा, मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ ही साथ सभी सचिवालय भवन एक साथ करने की तैयारी है. विधान भवन औऱ सचिवालय के पुनर्विकास को लेकर शासन स्तर पर तैयारी की जा रही है. सभी सचिवालय भवन एक जगह पर किए जाने की बड़े स्तर पर तैयारी चल रही है. कुछ समय पूर्व सरकार ने सुल्तानपुर रोड स्थित सीजी सिटी के आसपास नई विधानसभा बनाए जाने की कार्य योजना मंजूर की थी, लेकिन शासन के उच्च स्तरीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब इसमें कुछ बदलाव किया जा रहा है, जिसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. उच्च स्तर पर इस पर मंथन किया जा रहा है.

लखनऊ में बड़े सरकारी भवनों को इंटरकनेक्ट करने की तैयारी.

सूत्रों का दावा है कि विधानसभा मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ ही सभी सचिवालय भवन एक ही जगह पर करने की तैयारी हो रही है. इन सभी सचिवालय भवनों को एक साथ-एक जगह पर और सबको इंटरकनेक्टेड करने की तैयारी है. इसको लेकर उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है. आने वाले कुछ दिनों में इस पर पूरी कार्य योजना तैयार करके मंजूरी प्रदान की जाएगी.

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चयन प्रक्रिया की गई तेज.

शासन स्तर पर चल रही इस नई कवायद को लेकर शासन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिस प्रकार से कुछ समय पहले विधानसभा को सुल्तानपुर रोड पर शिफ्ट करने की तैयारी की गई थी उसमें उच्च स्तर पर जिस पर दोबारा से बातचीत हुई तो कहा गया कि मुख्यमंत्री कार्यालय लोक भवन हजरतगंज क्षेत्र में है और विधानसभा वहां रहेगी तो आवागमन में काफी समस्या भी रहेगी ऐसे में विधानसभा हजरतगंज यानी जहां पर है वही रहे, बस इसका विस्तार किया जा सकता है और जितने सचिवालय भवन है उन्हें आपस में इंटरकनेक्टेड करते हुए और भी विस्तार दिया जा सकता है.

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नई विधानसभा की कार्ययोजना की गई थी मंजूर.

इसके बाद उच्च स्तर पर मंथन किया जा रहा है कि जितने भी सचिवालय भवन है साथ ही विधान भवन को विस्तारित करते हुए सब को एक साथ जोड़ते हुए एक हाई सिक्योरिटी जोन बनाया जाए. इसमें सभी भवन एक साथ इंटरकनेक्टेड हो जाए और आपस में कोआर्डिनेशन भी बेहतर होगा. एनेक्सी सचिवालय विधान भवन बापू भवन लोक भवन योजना भवन सहकारिता भवन के आसपास के पूरे क्षेत्र को अधिग्रहित करते हुए पूरा शासकीय बनाए जाने की तैयारी है, जिस पर उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है.

फिलहाल नियोजन विभाग की तरफ से अभी विधान भवन सभी सचिवालय भवनों के पुनर्विकास के लिए कंसलटेंट चयन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. इसके लिए नोटिस जारी की गई है. मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े और नियोजन कार्यालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी इस पर काम हो रहा है. उच्च स्तर पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा और फिर इस पर पूरा प्रस्ताव तैयार किया जाएगा.


उच्च स्तर पर हुई बातचीत में यह बात सामने आई थी कि जब लोक भवन विधान सभा एनेक्सी सचिवालय बापू भवन सचिवालय सहित अन्य तमाम महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय हजरतगंज क्षेत्र में है ऐसी स्थिति में जब नई विधानसभा सुल्तानपुर रोड पर बनाई जाएगी तो मुख्यमंत्री कार्यालय सहित अन्य भवन दूर हो जाएंगे मुख्यमंत्री का भी विधानसभा सत्र के दौरान आना जाना रहता है, ऐसे में इसमें बड़ी बाधा भी रहेगी और विधानसभा लोक भवन का जो पुराना स्वरूप है वह भी बदल जाएगा, ऐसे में इन सब को एक ही स्थान पर किया जाना ज्यादा उचित होगा. सिक्योरिटी के स्तर पर भी अलग-अलग जगहों पर डेप्लॉयमेंट किया जाएगा, जिससे तमाम तरह की सुविधा भी होगी ऐसे में इन सभी महत्वपूर्ण सचिवालय भवनों को एक शासकीय जोन में करने की योजना तैयार की जा रही है.


इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन कहते हैं कि बापू भवन और सचिवालय जो मुख्य दो भवन है वह पहले से ही इंटरकनेक्टेड है. एनेक्सी भी बहुत ज्यादा दूर नहीं है मगर एनेक्सी और बापू भवन को जोड़ने का प्रस्ताव पहले कल्याण सिंह सरकार के समय बना था लेकिन बीच में राजा विजय कुमार त्रिपाठी का आवास व कुछ अन्य रेजिडेंशियल भवन होने की वजह से इस प्रस्ताव पर काम आगे नहीं बढ़ पाया. अब अगर सरकार कोई विचार कर रही है तो अच्छी बात है. सभी सरकारी भवन बहुत इंटरकनेक्टेड होने चाहिए. यह सिक्योरिटी पॉइंट ऑफ यू से भी अच्छी बात है, तमाम कर्मचारी अधिकारी फाइल लेकर इधर से उधर आते जाते हैं तो इससे गोपनीयता भंग होती है, कौन सी फाइल कितनी महत्वपूर्ण है इस बात पर भी फोकस रहता है. सरकार अगर इस प्रकार का सोच रही है तो यह अच्छी बात है लेकिन नई विधानसभा का भी प्रस्ताव सुल्तानपुर रोड पर बनाया गया है ऐसे में अब किस प्रकार से दोनों चीजें होंगी. यह देखने वाली बात होगी अगर सरकार यही सब कुछ करती है तो यह और भी बेहतर होगा.

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