लखनऊ : राजधानी के प्राइवेट स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 23-24 (Academic session in private schools) में शासन से तय फीस से अधिक बढ़ाने की तैयारी हो रही है. निजी स्कूल अगले सेशन से 11.61 प्रतिशत शुल्क बढ़ाने का निर्णय लेने की तैयारी कर रहे हैं. इसकी घोषणा अगले माह हो सकती है. शैक्षिक सत्र 2018-19 शासन ने 5% शुल्क व 5% स्कूल खर्च के अनुपात को जोड़कर शुल्क बढ़ाने का निर्णय लिया था. निजी स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का दावा है कि शुल्क निर्धारण नीति के तहत कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (consumer price index) को ध्यान में रखते हुए फीस बढ़ाई जा रही है.
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल (President of Unaided Private School Association Anil Agarwal) ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों का पिछले 12 महीने का कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) 5% से अधिक रहा है. उन्होंने बताया कि नवंबर 2021 में सीपीआई 4.91 प्रतिशत, दिसंबर 2021 में 5.66%, जनवरी 2022 में 6.01%, फरवरी 2022 में 6.07%, मार्च 2022 में 6.95%, अप्रैल 2022 में 7.79%, मई 2022 में 7.04%, जून 2022 में 7.01%, जुलाई 2022 में 6.71%, अगस्त 2022 में 7%, सितंबर 2022 में 7.40% व अक्टूबर 2022 में 6.77% रहा है. इस हिसाब से बीते 12 महीने का सीपीआई 6.61% रहा है. अनिल अग्रवाल ने बताया कि इस साल का सीपीआई 6.61 प्रतिशत प्लस 5% को अगर जोड़ दिया जाए तो 11.61% फीस बढ़ोतरी होना चाहिए.
अनिल अग्रवाल ने बताया कि एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों व जितने भी स्कूल के एसोसिएशन हैं उनके साथ दिसंबर में वार्ता की जाएगी, जिसके बाद प्रदेश में एक समान फीस बढ़ोतरी पर निर्णय होगा. उन्होंने बताया कि सीपीआई और 5% शुल्क बढ़ाने का शासन का जो प्रस्ताव है उसी को लागू किया जाएगा. उस हिसाब से प्रदेश भर के स्कूलों में 11.61% फीस की बढ़ोतरी होनी है, जो पहली अप्रैल 2023 से लागू होगी. सभी स्कूल निर्धारित फीसदी से अधिक फीस वृद्धि नहीं करेंगे.
यह भी पढ़ें : फिल्म देहाती डिस्को के प्रोड्यूसर कमल किशोर पर 55 लाख की ठगी का आरोप, FIR दर्ज