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IFSC Code में अटकी प्रसूताओं को मिलने वाली आर्थिक मदद, जानें क्या है पूरा मामला..

बैंकों के विलय होने और आईएफसी कोड (IFSC Code) बदलने के कारण बहुत प्रसूताओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana) और जननी सुरक्षा योजना तहत मिलने वाली आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है.

बैंकों का विलय.
बैंकों का विलय.
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Published : Aug 21, 2021, 4:40 PM IST

लखनऊ: कई बैंकों के विलय होने और आईएफसी कोड (IFSC Code) बदलने से खाताधारकों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. सबसे अधिक समस्या प्रसूताओं को हो रही है. क्योंकि IFSC Code बदलने से प्रसूताओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana) और जननी सुरक्षा योजना तहत मिलने वाली आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में लाभार्थी अधिकारियों से लेकर बैंकों तक के चक्कर लगा रही हैं. बता दें कि कि गर्भवती महिलाओं को सरकार की तरफ से 6 हजार रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं. लेकिन बैंकों के विलय होने के कारण प्रसूताओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना और जननी सुरक्षा जैसी योजनाओं के तहत मिलने वाली आर्थिक मदद मिलने में दिक्कत हो रही है.

केस- 1
राजधानी लखनऊ के निषादगंज रहने वाले श्याम लाल की पत्नी पुष्पा देवी ने पिछले साल बेटी को जन्म दिया था. उस दौरान एएनएम के माध्यम से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में रजिस्ट्रेशन करवाया गया था. पति-पत्नी बताते हैं कि अभी तक इस योजना के तहत मिलने वाली रकम खाते में नहीं पहुंची है. पुष्पा ने बताया कि साल 2020 में बच्ची को जन्म दिया. तब से अधिकारी यही कह रहे हैं कि आईएफएससी कोड बदलने के कारण दिक्कत हो रही है. जल्द ही पैसा एकाउंट में पहुंच जाएगा, लेकिन अभी तक नहीं आया.

केस-2
लखनऊ के राजाजीपुरम की रहने वाली सरोजनी यादव को भी योजना के तहत लाभ नहीं मिला है. साल 2020 में मां बनने वाली सरोजनी बताती हैं कि योजना से संबंधित अधिकारियों से कई बार संपर्क करने के बावजूद सही जानकारी नहीं मिल पा रही है. बस इतना बताया गया कि आईएफएससी कोड बदलने के कारण रकम ट्रांसफर करने में दिक्कत आ रही है. ऐसा साल 2020 से अब तक कहा जा रहा है.


250 से अधिक प्रसूताओं का फंसा पैसा
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अधिकारी राजेश बगिया ने बताया कि बैंकों के IFSC Code दो महीने पहले बदला है. IFSC Code बदलने से हजारों लोगों का पैसा बैंकों में फंसा है. जिसमें लगभग 250 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि सरकारी योजना से 6 हजार रुपये गर्भवती महिलाओं को मिलता है. खाताधारकों का बैंक अकाउंट आधार से लिंक रहता है. बैंकों का मर्जर होने के बाद आईएफएससी कोड या खाता संख्या बदलने पर पोर्टल की माध्यम से ठीक करवाया गया है. कुछ समय में सभी का काम बिना किसी रुकावट के हो सकेगा. इसके बावजूद अगर किसी को दिक्कत होती है तो हेल्पलाइन नंबर 7998799804 पर संपर्क कर सकते हैं. समस्या का तुरंत समाधान हो सकेगा.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ: राजकीय बाल गृह से किशोरी गायब, तलाश में जुटी पुलिस

दो योजनाओं के तहत मिलती है मदद
बता दें कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को 5 हजार रुपये दिए जाते हैं. गर्भावस्था के दौरान रजिस्ट्रेशन करवाने पर पहली किस्त में 1000 रुपये, छह महीने बाद दूसरी किस्त में 2000 रुपये और प्रसव के बाद पंजीकरण व टीकाकरण के दौरान तीसरी किस्त के रूप में 2 हजार रुपये दिए जाते हैं. वहीं, जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को 1400 और शहरी क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय 1000 रुपये की सहायता दी जाती है. बैंकों का मर्जर होने के बाद आईएफएससी कोड बदलने से खाताधारकों को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, आईआफएससी बदलने की वजह से वृद्धा पेंशन योजना का लाभ भी बुजुर्गों को नहीं मिल पा रहा है.

लखनऊ: कई बैंकों के विलय होने और आईएफसी कोड (IFSC Code) बदलने से खाताधारकों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. सबसे अधिक समस्या प्रसूताओं को हो रही है. क्योंकि IFSC Code बदलने से प्रसूताओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana) और जननी सुरक्षा योजना तहत मिलने वाली आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में लाभार्थी अधिकारियों से लेकर बैंकों तक के चक्कर लगा रही हैं. बता दें कि कि गर्भवती महिलाओं को सरकार की तरफ से 6 हजार रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं. लेकिन बैंकों के विलय होने के कारण प्रसूताओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना और जननी सुरक्षा जैसी योजनाओं के तहत मिलने वाली आर्थिक मदद मिलने में दिक्कत हो रही है.

केस- 1
राजधानी लखनऊ के निषादगंज रहने वाले श्याम लाल की पत्नी पुष्पा देवी ने पिछले साल बेटी को जन्म दिया था. उस दौरान एएनएम के माध्यम से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में रजिस्ट्रेशन करवाया गया था. पति-पत्नी बताते हैं कि अभी तक इस योजना के तहत मिलने वाली रकम खाते में नहीं पहुंची है. पुष्पा ने बताया कि साल 2020 में बच्ची को जन्म दिया. तब से अधिकारी यही कह रहे हैं कि आईएफएससी कोड बदलने के कारण दिक्कत हो रही है. जल्द ही पैसा एकाउंट में पहुंच जाएगा, लेकिन अभी तक नहीं आया.

केस-2
लखनऊ के राजाजीपुरम की रहने वाली सरोजनी यादव को भी योजना के तहत लाभ नहीं मिला है. साल 2020 में मां बनने वाली सरोजनी बताती हैं कि योजना से संबंधित अधिकारियों से कई बार संपर्क करने के बावजूद सही जानकारी नहीं मिल पा रही है. बस इतना बताया गया कि आईएफएससी कोड बदलने के कारण रकम ट्रांसफर करने में दिक्कत आ रही है. ऐसा साल 2020 से अब तक कहा जा रहा है.


250 से अधिक प्रसूताओं का फंसा पैसा
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अधिकारी राजेश बगिया ने बताया कि बैंकों के IFSC Code दो महीने पहले बदला है. IFSC Code बदलने से हजारों लोगों का पैसा बैंकों में फंसा है. जिसमें लगभग 250 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि सरकारी योजना से 6 हजार रुपये गर्भवती महिलाओं को मिलता है. खाताधारकों का बैंक अकाउंट आधार से लिंक रहता है. बैंकों का मर्जर होने के बाद आईएफएससी कोड या खाता संख्या बदलने पर पोर्टल की माध्यम से ठीक करवाया गया है. कुछ समय में सभी का काम बिना किसी रुकावट के हो सकेगा. इसके बावजूद अगर किसी को दिक्कत होती है तो हेल्पलाइन नंबर 7998799804 पर संपर्क कर सकते हैं. समस्या का तुरंत समाधान हो सकेगा.

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दो योजनाओं के तहत मिलती है मदद
बता दें कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को 5 हजार रुपये दिए जाते हैं. गर्भावस्था के दौरान रजिस्ट्रेशन करवाने पर पहली किस्त में 1000 रुपये, छह महीने बाद दूसरी किस्त में 2000 रुपये और प्रसव के बाद पंजीकरण व टीकाकरण के दौरान तीसरी किस्त के रूप में 2 हजार रुपये दिए जाते हैं. वहीं, जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को 1400 और शहरी क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय 1000 रुपये की सहायता दी जाती है. बैंकों का मर्जर होने के बाद आईएफएससी कोड बदलने से खाताधारकों को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, आईआफएससी बदलने की वजह से वृद्धा पेंशन योजना का लाभ भी बुजुर्गों को नहीं मिल पा रहा है.

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